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नायकों का 'नायकपुरा', जिसका पूरे चंबल में रहता है दबदबा - ईटीवी भारत चुनाव न्यूज

मुरैना जिले का नायकपुरा गांव पिछले 70 सालों से जिले की राजनीति का केंद्र बना हुआ है. क्योंकि यह नेताओं का गांव है. यहां के कई नेता मंत्री, विधायक और अन्य कई राजनीतिक पदों पर पहुंच चुके हैं. जिससे इस गांव का मुरैना ही नहीं बल्कि पूरे चंबल अंचल में दबदबा माना जाता है. नायकपुरा गांव से देखिए ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट.....

nayakpura
नेताओं का नायकपुरा
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Published : Oct 8, 2020, 1:46 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 4:15 PM IST

मुरैना। मध्य प्रदेश की सियासत में चंबल का दबदबा हमेशा रहा है. क्योंकि चंबल के नेताओं की सियासत उनके अदब से पहचानी जाती है. यही वजह है कि यहां के नेताओं का रसूख प्रदेश की सियासत में शुरुआत से ही कायम है. मुरैना जिले का नायकपुरा गांव भी अपनी इसी खासियत की वजह से जाना जाता है. जो चुनावी समर में हर बार चर्चा में आ जाता है. क्योंकि यह गांव नेताओं का गांव है.

नायकों का 'नायकपुरा'

नायकपुरा आजादी के बाद से ही मुरैना जिले की राजनीति का केंद्र बना हुआ है. इस गांव से निकले नेताओं ने न केवल मुरैना बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी अपना दबदबा कायम किया है. यहां के नेता विधायक, मंत्री तक का ओहदा पा चुके हैं. तो पंचायत चुनाव, जनपद चुनाव से लेकर हर छोटे बड़े चुनाव में यहां के नेता जीत दर्ज कर चुके हैं.

सोवरन सिंह कंसाना, पहले विधायक
सोवरन सिंह कंसाना, पहले विधायक

नायकपुर गांव के पांच नेता बन चुके हैं विधायक

मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र में आने वाले नायकपुरा गांव के पांच नेता विधायक बन चुके हैं. महज दो हजार की आबादी वाले नायकपुरा गांव ने 1951 में हुए प्रदेश के पहले ही विधानसभा चुनाव में विधायक दिया था. इसके बाद प्रदेश में अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में इस गांव से जुड़ा कोई न कोई नेता, किसी न किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ता रहा है. जिसके चलते नायकपुरा गांव को नेताओं का गांव कहा जाता है.

हरिराम कंसाना, पूर्व विधायक
हरिराम कंसाना, पूर्व विधायक

उपचुनाव लड़ रहे नायकपुरा के दो नेता

मुरैना जिले की पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में नायकपुरा गांव के दो नेता ऐंदल सिंह कंसाना और रघुराज सिंह कंसाना इस बार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐंदल सिंह कंसाना शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं. जो इस बार सुमावली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, तो रघुराज सिंह कंसाना मुरैना विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं.

कीर्तिराम कंसाना, पूर्व विधायक
कीर्तिराम कंसाना, पूर्व विधायक

राजनीति में आगे रहता है नायकपुरा गांव

वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा कहते हैं कि नायकपुरा गांव के लोग हमेशा राजनीति के क्षेत्र में आगे रहते है. जबकि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां के गुर्जर नेताओं ने अपनी पकड़ क्षेत्र में हमेशा मजबूत बनाए रखी. जिसका उन्हें फायदा मिलता है. जब भी क्षेत्र में कोई आंदोलन होता है तो भी नायकपुरा के लोग आगे रहते हैं. जबकि अगर कोई विकास के काम होने की शुरुआत होते हैं तो भी यहां के लोग हमेशा तत्पर रहते हैं. इसके अलावा यहां से जो भी नेता निकलने उन्होंने अपने परिवार के लिए आगे की जमीन तैयार की है. जिसका फायद यहां के नेताओं को लगातार मिल रहा है.

ऐंदल सिंह कंसाना, पीएचई मंत्री
ऐंदल सिंह कंसाना, पीएचई मंत्री

नायकपुरा के इन नायकों ने तय किया विधानसभा का सफर

  • 1951 में पहली बार कांग्रेस के टिकिट पर सोवरन सिंह कंसाना विधायक बने
  • 1972 में हरीराम कंसाना विधायक बने
  • 1985 में कीरतराम कंसाना विधायक चुने गए
  • नायकपुरा के ऐंदल सिंह कंसाना पांच बार विधायक बने और मंत्री पद तक पहुंचे
  • 2018 में नायकपुरा के ऐंदल सिंह कंसाना और रघुराज सिंह कंसाना भी विधायक बने
    रघुराज सिंह कंसाना, पूर्व विधायक
    रघुराज सिंह कंसाना, पूर्व विधायक

अन्य पदों पर भी हैं नायकपुर गांव के नेता

नायकपुरा गांव से तीन जनपद अध्यक्ष और दो मंडी अध्यक्ष भी चुने गए. मुरैना जनपद पंचायत में ऐंदल सिंह कंसाना सबसे पहले अध्यक्ष चुने गए थे. इसके बाद उन्हीं के परिवार से उनके भतीजे भूरा सिंह कंसाना जनपद अध्यक्ष बने और उनके बड़े भाई की पुत्रवधू मुन्नी देवी कंसाना मुरैना जनपद अध्यक्ष पद पर पहुंची. वर्तमान में मुरैना के पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना के परिवार से इंद्रकुमारी कंसाना कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष पद पर हैं. जबकि अन्य कई पदों पर भी यहां के नेता पहुंचते रहे हैं.

ग्रामीण मानते हैं देवी की कृपा
ग्रामीण मानते हैं देवी की कृपा

गांव की कुलदेवी का है आशीर्वाद

नायकपुरा गांव के लोग कहते है कि गांव की कुलदेवी भूमिया मां का आशीर्वाद यहां के नेताओं के साथ रहता है. जिससे कोई न कोई नेता बड़े पद पर बना ही रहता है. क्योंकि आस पास के सभी गांव गुर्जर बाहुल्य हैं. लेकिन कुलदेवी भूमिया मां की कृपा से यहां के नेताओं को चुनावों में सफलता मिलती है. यह हमारे गांव के लिए गर्व का विषय है कि हमारे यहां से निकलते नेता अहम पदों पर पहुंचते हैं.

नायकपुरा गांव के पांच नेता बन चुके हैं विधायक
नायकपुरा गांव के पांच नेता बन चुके हैं विधायक

खास बात यह है कि पुरा आर्थिक रूप से संपन्न होने के नायकपुर हमेशा राजनीति का केंद्र रहा. जिसके चलते पूरे मुरैना जिले में नायकपुरा का अपना एक अलग दबदबा रहता है. इस बार भी यहां के नेता चुनावी दंगल में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है. जहां देखने दिलचस्प होगा. इस बार नायकपुरा के किस नेता को नायक बनने का मौका मिलता है.

मुरैना। मध्य प्रदेश की सियासत में चंबल का दबदबा हमेशा रहा है. क्योंकि चंबल के नेताओं की सियासत उनके अदब से पहचानी जाती है. यही वजह है कि यहां के नेताओं का रसूख प्रदेश की सियासत में शुरुआत से ही कायम है. मुरैना जिले का नायकपुरा गांव भी अपनी इसी खासियत की वजह से जाना जाता है. जो चुनावी समर में हर बार चर्चा में आ जाता है. क्योंकि यह गांव नेताओं का गांव है.

नायकों का 'नायकपुरा'

नायकपुरा आजादी के बाद से ही मुरैना जिले की राजनीति का केंद्र बना हुआ है. इस गांव से निकले नेताओं ने न केवल मुरैना बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी अपना दबदबा कायम किया है. यहां के नेता विधायक, मंत्री तक का ओहदा पा चुके हैं. तो पंचायत चुनाव, जनपद चुनाव से लेकर हर छोटे बड़े चुनाव में यहां के नेता जीत दर्ज कर चुके हैं.

सोवरन सिंह कंसाना, पहले विधायक
सोवरन सिंह कंसाना, पहले विधायक

नायकपुर गांव के पांच नेता बन चुके हैं विधायक

मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र में आने वाले नायकपुरा गांव के पांच नेता विधायक बन चुके हैं. महज दो हजार की आबादी वाले नायकपुरा गांव ने 1951 में हुए प्रदेश के पहले ही विधानसभा चुनाव में विधायक दिया था. इसके बाद प्रदेश में अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में इस गांव से जुड़ा कोई न कोई नेता, किसी न किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ता रहा है. जिसके चलते नायकपुरा गांव को नेताओं का गांव कहा जाता है.

हरिराम कंसाना, पूर्व विधायक
हरिराम कंसाना, पूर्व विधायक

उपचुनाव लड़ रहे नायकपुरा के दो नेता

मुरैना जिले की पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में नायकपुरा गांव के दो नेता ऐंदल सिंह कंसाना और रघुराज सिंह कंसाना इस बार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐंदल सिंह कंसाना शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं. जो इस बार सुमावली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, तो रघुराज सिंह कंसाना मुरैना विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं.

कीर्तिराम कंसाना, पूर्व विधायक
कीर्तिराम कंसाना, पूर्व विधायक

राजनीति में आगे रहता है नायकपुरा गांव

वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा कहते हैं कि नायकपुरा गांव के लोग हमेशा राजनीति के क्षेत्र में आगे रहते है. जबकि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां के गुर्जर नेताओं ने अपनी पकड़ क्षेत्र में हमेशा मजबूत बनाए रखी. जिसका उन्हें फायदा मिलता है. जब भी क्षेत्र में कोई आंदोलन होता है तो भी नायकपुरा के लोग आगे रहते हैं. जबकि अगर कोई विकास के काम होने की शुरुआत होते हैं तो भी यहां के लोग हमेशा तत्पर रहते हैं. इसके अलावा यहां से जो भी नेता निकलने उन्होंने अपने परिवार के लिए आगे की जमीन तैयार की है. जिसका फायद यहां के नेताओं को लगातार मिल रहा है.

ऐंदल सिंह कंसाना, पीएचई मंत्री
ऐंदल सिंह कंसाना, पीएचई मंत्री

नायकपुरा के इन नायकों ने तय किया विधानसभा का सफर

  • 1951 में पहली बार कांग्रेस के टिकिट पर सोवरन सिंह कंसाना विधायक बने
  • 1972 में हरीराम कंसाना विधायक बने
  • 1985 में कीरतराम कंसाना विधायक चुने गए
  • नायकपुरा के ऐंदल सिंह कंसाना पांच बार विधायक बने और मंत्री पद तक पहुंचे
  • 2018 में नायकपुरा के ऐंदल सिंह कंसाना और रघुराज सिंह कंसाना भी विधायक बने
    रघुराज सिंह कंसाना, पूर्व विधायक
    रघुराज सिंह कंसाना, पूर्व विधायक

अन्य पदों पर भी हैं नायकपुर गांव के नेता

नायकपुरा गांव से तीन जनपद अध्यक्ष और दो मंडी अध्यक्ष भी चुने गए. मुरैना जनपद पंचायत में ऐंदल सिंह कंसाना सबसे पहले अध्यक्ष चुने गए थे. इसके बाद उन्हीं के परिवार से उनके भतीजे भूरा सिंह कंसाना जनपद अध्यक्ष बने और उनके बड़े भाई की पुत्रवधू मुन्नी देवी कंसाना मुरैना जनपद अध्यक्ष पद पर पहुंची. वर्तमान में मुरैना के पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना के परिवार से इंद्रकुमारी कंसाना कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष पद पर हैं. जबकि अन्य कई पदों पर भी यहां के नेता पहुंचते रहे हैं.

ग्रामीण मानते हैं देवी की कृपा
ग्रामीण मानते हैं देवी की कृपा

गांव की कुलदेवी का है आशीर्वाद

नायकपुरा गांव के लोग कहते है कि गांव की कुलदेवी भूमिया मां का आशीर्वाद यहां के नेताओं के साथ रहता है. जिससे कोई न कोई नेता बड़े पद पर बना ही रहता है. क्योंकि आस पास के सभी गांव गुर्जर बाहुल्य हैं. लेकिन कुलदेवी भूमिया मां की कृपा से यहां के नेताओं को चुनावों में सफलता मिलती है. यह हमारे गांव के लिए गर्व का विषय है कि हमारे यहां से निकलते नेता अहम पदों पर पहुंचते हैं.

नायकपुरा गांव के पांच नेता बन चुके हैं विधायक
नायकपुरा गांव के पांच नेता बन चुके हैं विधायक

खास बात यह है कि पुरा आर्थिक रूप से संपन्न होने के नायकपुर हमेशा राजनीति का केंद्र रहा. जिसके चलते पूरे मुरैना जिले में नायकपुरा का अपना एक अलग दबदबा रहता है. इस बार भी यहां के नेता चुनावी दंगल में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है. जहां देखने दिलचस्प होगा. इस बार नायकपुरा के किस नेता को नायक बनने का मौका मिलता है.

Last Updated : Oct 8, 2020, 4:15 PM IST
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