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खरीफ की फसल को बेचने के लिए सरकार बदल रही आदेश, नहीं चालू हुई खरीदी - Kharif crop

मुरैना में समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसल को बेचने के लिए सरकार कई बार आदेश बदल चुकी है, पर अब तक खरीदी चालू नहीं हो पाई है.

खरीफ फसल को लेकर सरकार बदल रही बार-बार आदेश
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Published : Nov 23, 2019, 11:52 PM IST

मुरैना। समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसल को बेचने के लिए सरकार तीन बार आदेश बदल चुकी है, लेकिन अभी तक खरीदी चालू नहीं हो सकी है. मुरैना जिले के 19609 किसान अपनी उपज बेचने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. उधर सरकार भी मानकों के अनुरुप फसल खरीदने की बात कर रही है.

खरीफ फसल को लेकर सरकार बदल रही बार-बार आदेश

समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए मुरैना जिले से 19609 किसानों ने अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया था. खरीफ फसल की पंजीयन में 14151 किसानों ने बाजरे का पंजीयन कराया 720 किसानों ने धान का 14 किसानों ने ज्वार 93 सोयाबीन कराया था.

8 नवंबर से शुरू होने वाली समर्थन मूल्य खरीद के चालू ना होने के कारण 18 नवंबर से खरीद शुरू करने के आदेश जारी किए गए थे, जो 24नवंबर तक भी शुरु नहीं हो पाएं हैं. वहीं शासन f1u मानकों के अनुरूप फल खरीदने के लिए खरीदी केंद्र पर नियुक्ति करने की बात कर रहा है.

मुरैना। समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसल को बेचने के लिए सरकार तीन बार आदेश बदल चुकी है, लेकिन अभी तक खरीदी चालू नहीं हो सकी है. मुरैना जिले के 19609 किसान अपनी उपज बेचने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. उधर सरकार भी मानकों के अनुरुप फसल खरीदने की बात कर रही है.

खरीफ फसल को लेकर सरकार बदल रही बार-बार आदेश

समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए मुरैना जिले से 19609 किसानों ने अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया था. खरीफ फसल की पंजीयन में 14151 किसानों ने बाजरे का पंजीयन कराया 720 किसानों ने धान का 14 किसानों ने ज्वार 93 सोयाबीन कराया था.

8 नवंबर से शुरू होने वाली समर्थन मूल्य खरीद के चालू ना होने के कारण 18 नवंबर से खरीद शुरू करने के आदेश जारी किए गए थे, जो 24नवंबर तक भी शुरु नहीं हो पाएं हैं. वहीं शासन f1u मानकों के अनुरूप फल खरीदने के लिए खरीदी केंद्र पर नियुक्ति करने की बात कर रहा है.

Intro:समर्थन मूल्य पर खरीफ फसल को बेचने के लिए सरकार तीन बार आदेश बदल चुकी है लेकिन अभी तक खरीदी चालू नहीं हो सकी मुरैना जिले के 19609 किसान अपनी उपज बेचने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं उधर सरकार मानकों के अनुरूप फसल खरीदने की बात कर रही है सेवा के पूरे प्रदेश के साथ मुरैना जिला भी अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित रहने के कारण फसलें प्रभावित हुई थी जिससे फसलों का रंग खराब होने के साथ-साथ गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ा था ऐसे में इन फसलों को खरीदने के लिए सरकार के द्वारा रोज नए मापदंड तैयार किए जाने से नहीं लगता कि किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदी का लाभ मिलेगा ।


Body:समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए मुरैना जिले से कॉल 19609 किसानों ने अपनी उपाय बेचने के लिए पंजीयन कराए थे खरीफ फसल की पंजीयन में 14151 किसानों ने बाजरे का पंजीयन कराया 720 किसानों ने धान का 14 किसानों ने ज्वार 93 सोयाबीन 1327 में तेल 51 तो 2189 में उड़द का पंजीयन कराया था वही 1061 किसानों ने तुवर का पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए रखी है लेकिन 8 नवंबर से शुरू होने वाली समर्थन मूल्य खरीद के चालू ना होने के कारण 18 नवंबर से खरीद शुरू करने के आदेश जारी किए गए खरीदी 24 नवंबर तक शुरू नहीं हो सकी और आप शासन f1u मानकों के अनुरूप फल खरीदने के लिए खरीदी केंद्र पर नियुक्ति करने की बात कर रहा है । जब तक निर्धारित 30 खरीदी केंद्रों पर सर्वेयर की नियुक्ति नहीं होती जो ऐसे क्यों मानकों के अनुरूप अनाज की गुणवत्ता का परीक्षण करेंगे तब तक खरीदी शुरू नहीं की जाएगी ।


Conclusion:सरकार की मानसिकता किसानों की फसल खरीदने की है या नहीं यह तो सरकार जाने लेकिन जिस तरह व्यवस्थाओं में परिवर्तन और नए नए मापदंड तय किए जा रहे हैं उससे लगता है कि सरकार आर्थिक तंगी से जूझने के कारण फसल खरीदने को तैयार नहीं है और किसानों को प्रक्रिया में उलझा कर सिर्फ संतुष्ट करने का प्रयास कर रही है ।
बाईट 1- बी एस तोमर , जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी मुरैना
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