मुरैना। नगर निगम मुरैना में गुरुवार को एमआईसी की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में पूर्व नगर निगम आयुक्त मूलचंद वर्मा द्वारा दी गई स्वीकृतियों को सर्वसम्मति से शून्य घोषित कर दिया गया. ये ठेकेदारों के बीच भी खासी चर्चा का विषय बना हुआ है. एमआईसी की बैठक में 17 बिंदुओं पर चर्चा की गई.
पूर्व नगर निगम आयुक्त मूलचंद वर्मा के शासन द्वारा ट्रांसफर आदेश जारी होने के बाद चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए लगभग 50 करोड़ के निर्माण कार्यों को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी, जो नियम विरुद्ध होने के कारण एमआईसी ने बैठक में प्रस्ताव लाकर उसे अमान्य घोषित कर दिया.
नगर निगम मुरैना द्वारा वसूल किए जाने वाले स्थायी कर जैसे जलकर, संपत्ति कर और प्रकाश कर की वसूली ना होने से निगम पर वित्तीय भार पड़ने लगा था और आर्थिक स्थिति बिगड़ रही थी. इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे. इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम मुरैना ने लगभग 30 करोड़ से अधिक के लंबित करों को वसूल करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है, ताकि करों की वसूली जल्द से जल्द हो और अधोसंरचना विकास कार्य शुरू किए जा सकें. यही नहीं आगामी 14 सितंबर को लगने वाली लोक अदालत में लगभग 2 करोड़ से अधिक टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया है.