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सरकारी स्कूल के चारों तरफ पसरी गंदगी, नींद में प्रशासन

मुरैना के शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक पांच के आस-पास फैली गंदगी की वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है.

सरकारी स्कूल
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Published : Nov 7, 2019, 11:59 PM IST

मुरैना। जिले में शासकीय स्कूलों की हालत कितनी बदतर हो चुकी है. इसका अंदाजा शहर के बीचो-बीच बने शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक-5 को देखकर लगाया जा सकता है. स्कूल के चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है. आलय ये है कि गोबर व कूड़े के ढेर से आने वाल बदबू की वजह से स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों का क्लास में बैठ पाना दूभर हो गया है.

सरकारी स्कूल के चारों तरफ पसरी गंदगी

शिक्षकों की मानें तो कई बार शिकायत करने के बावजूद भी नगर निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्र जिन्हें देश के भविष्य कहा जाता है, उन पर गंदगी के चलते गंभीर बीमारियों का खतरा मंडराता रहता है. स्कूल की बिल्डिंग से लगे गोबर के ढेर और आसपास के जमा गंदा पानी और कीचड़ की वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

छात्रों का कहना है कि आस-पास से आने वाली गोबर और कचरे की गंध की वजह से वे ध्यान लगाकर पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. शिक्षकों का कहना है कि स्कूल के आस-पास इतनी गंदगी होने की वजह से छात्रों को पढ़ाई करने में दिक्कत तो जाती ही है. इसके अलावा उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जिसकी वजह से स्कूल में बच्चे पढ़ने नहीं आते. मामले में जब कलेक्टर प्रियंका दास से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नगर निगम को वहां की गंदगी हटवाने के लिए निर्देशत किया गया है. साथ ही वहां कचरा फेंकने वालों पर फाइन लगाने की बात की.

मुरैना। जिले में शासकीय स्कूलों की हालत कितनी बदतर हो चुकी है. इसका अंदाजा शहर के बीचो-बीच बने शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक-5 को देखकर लगाया जा सकता है. स्कूल के चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है. आलय ये है कि गोबर व कूड़े के ढेर से आने वाल बदबू की वजह से स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों का क्लास में बैठ पाना दूभर हो गया है.

सरकारी स्कूल के चारों तरफ पसरी गंदगी

शिक्षकों की मानें तो कई बार शिकायत करने के बावजूद भी नगर निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्र जिन्हें देश के भविष्य कहा जाता है, उन पर गंदगी के चलते गंभीर बीमारियों का खतरा मंडराता रहता है. स्कूल की बिल्डिंग से लगे गोबर के ढेर और आसपास के जमा गंदा पानी और कीचड़ की वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

छात्रों का कहना है कि आस-पास से आने वाली गोबर और कचरे की गंध की वजह से वे ध्यान लगाकर पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. शिक्षकों का कहना है कि स्कूल के आस-पास इतनी गंदगी होने की वजह से छात्रों को पढ़ाई करने में दिक्कत तो जाती ही है. इसके अलावा उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जिसकी वजह से स्कूल में बच्चे पढ़ने नहीं आते. मामले में जब कलेक्टर प्रियंका दास से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नगर निगम को वहां की गंदगी हटवाने के लिए निर्देशत किया गया है. साथ ही वहां कचरा फेंकने वालों पर फाइन लगाने की बात की.

Intro:एंकर - मुरैना जिले में शासकीय स्कूलों की हालत कितनी बद्धतर हो चुकी है इसका अंदाजा शहर के बीचोबीच स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 5 को देखकर लगाया जा सकता है। इस स्कूल के चारों तरफ गंदगी व गोबर का ढेर होने से स्कूल तक पहुंचने में छात्रों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ गंदगी से हर समय बदबू और मच्छरों के बीच ही छात्रों और शिक्षकों को बैठना पड़ता है। जिससे बीमारी फैलने का खतरा भी हर समय बना रहता है शिक्षकों की मानें तो कई बार शिकायत करने के बाद भी ना तो नगर निगम ने कोई एक्शन लिया और ना ही प्रशासन ने कोई व्यवस्था की।


Body:वीओ - मुरैना शहर के बीचोबीच गणेशपुरा इलाके में संचालित माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 5 के छात्रों को नरकीय परिस्थितियों में स्कूल आना पड़ता है। स्कूल की बिल्डिंग से लगे गोबर के ढेर और आसपास के पानी जमा होने के बाद जो कीचड़ हो जाती है उसमें इन छात्रों को स्कूल मैं पढ़ना पड़ता है। शिक्षकों द्वारा कई बार शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं जिसकी वजह से स्कूल में से छात्रों की संख्या आधी से भी कम हो चुकी है। खास बात ये है कि कुछ माह पहले यहां मुरैना विधायक रघुराज कंषाना व कलेक्टर के भ्रमण के दौरान सफाई के निर्देश दिए थे लेकिन आज तक कोई सफाई नही हुई है। पर न तो नगर निगम के अधिकारियों का कई बार शिकायत करने के बाद फर्क पड़ रहा और ना ही प्रशासन को।

बाइट1 - विकास - छात्र
बाइट2 - रेखा सिंह - शिक्षक
बाइट3 - सियाराम - शिक्षक


वीओ2 - कलेक्टर प्रियंका दास की मानें तो आसपास के रिहायशी इलाके के लोग अपने पशुओं का गोबर स्कूल के परिसर में डाल देते हैं। जिसे लेकर नगर निगम को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल की बिल्डिंग के आसपास जो गोबर डाल रहे है उनको नोटिस दिया जाए और न मानने पर जुर्माने के कार्यवाही की जाए। कलेक्टर की मानें तो सफाई तो लगातार हो रही है अब कहां हो रही है और कैसी हो रही है यह तो आप तस्वीरो में देख सकते हैं।

बाइट4 - प्रियंका दास - कलेक्टर मुरैना।


Conclusion:वीओ3 - सरकारी स्कूलों के हालत बद से बद्धतर होते जा रहे हैं। कई जगह पर शासकीय स्कूलों में दबंग लोग पशु तक बांधे जाते हैं कहीं कचरा भरा हुआ है तो कहीं कुछ ना तो आम जनता इनको लेकर सजक है और ना ही शिक्षा विभाग और ना ही प्रशासन सब तरफ अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है।
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