मुरैना। नगर पालिक निगम मुरैना में पदस्थ विभिन्न शाखाओं के मास्टर कर्मचारी और सफाई कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिस कारण शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. लोगों के घरों एवं चौराहों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी उनकी मांगों का निराकरण नहीं कर पा रहे हैं. पूर्व में भी लंबी हड़ताल हुई थी और आश्वासन के बाद हड़ताल तोड़ दी गई, परंतु मांगे पूरी न होने के कारण फिर से सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी गई है.
सफाई व्यवस्था हुई प्रभावित: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले मुरैना नगर निगम में पदस्थ सफाई कर्मचारियों द्वारा आज सोमवार को नगर निगम कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया. अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. उन्होंने बताया की हम लोगों ने 6 महीने पहले भी हड़ताल की थी. जिला कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर को 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की गई थी. अधिकारियों ने एक महीने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसका आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ है. मजबूरन सोमवार से सभी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हो गई है.
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मांगे पूरी न होने पर दी चेतावनी: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले सफाई कर्मचारियों ने मांग रखी कि नगर निगम मुरैना में 7 जुलाई 2007 से 2016 तक के सभी सफाई मस्टर कर्मचारियों को जो कि विनियमितकरण किये गये थे. नगर निगम मुरैना में 2007 जुलाई से 2016 तक के विभिन्न शाखाओं में कार्यरत मस्टर कर्मचारियों को नियमित किया जाये. नगर निगम मुरैना के सभी कर्मचारियों का ऐरियर का भुगतान शीघ्र किया जाए. नगर निगम मुरैना में 2017 से सभी फिक्स पेय एवं संविदा कर्मियों को कलेक्टर रेट पर नियुक्त किया जाये. भोपाल मुख्यालय में बैठे नगरीय प्रशासन के अधिकारियों मुरैना में बैठे अधिकारियों की लापरवाही के कारण नगर निगम के मास्टर कर्मचारी एवं सफाई कर्मचारी महीने बाद हड़ताल पर पहुंच जाते हैं, लेकिन उनकी 11 प्रमुख समस्याओं का निराकरण नहीं कर पा रहे हैं. सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सफाई कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज पहला दिन था. जिसके कारण कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं तो झाड़ू नहीं लग रही है, वहीं कचरा गाड़ी ना आने से लोगों के घरों में कचरे के ढेर लग गए हैं. नगर निगम के अधिकारी आम आम जनता से सभी प्रकार के टैक्स वसूल करते हैं, लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं. सफाई कर्मचारीयों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वह काम पर नहीं जाएंगे. अगर यही स्थिति रही तो शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लग जाएंगे और आम जनता बीमारियों का शिकार होगी.