मुरैना। सूचना अधिकार के तहत शिक्षक की जानकारी मांगना आरटीआई कार्यकर्ता को महंगा पड़ गया. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि एक शिक्षक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाई है.जब उसकी सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो उक्त शिक्षक ने उसे जान से मारने के लिए गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया. जैसे तैसे भागकर उसने अपनी जान बचाई.
पुलिस पर लगाया धमकाने का आरोप
शिकायतकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता गौरीशंकर राजपूत ने पुलिस पर भी उल्टा धमकाने का आरोप लगाया है. आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि जब वो अपनी शिकायत करने थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी ने उसे धमकाते हुए कहा कि किसी को ब्लैकमेल करके 10 लाख रुपये मांगोंगे तो ऐसा ही होगा.
पीड़ित ने एसपी से लगाई सुरक्षा की गुहार
आरटीआई कार्यकर्ता मूल रूप से ग्वालियर का निवासी है. थाना प्रभारी के द्वारा धमकाये जाने के बाद पीड़ित ने एसपी अनुराग सुजानिया को आवेदक देकर जान का खतरा बताया है. आरटीआई कार्यकर्ता ने पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए सुरक्षा दिए जाने की मांग की है. आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो रटीआई का फिर मतलब ही क्या है.
क्या है पूरा मामला ?
आरटीआई कार्यकर्ता ने एसपी को बताया कि सबलगढ़ तहसील के टेंटरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रामेश्वर मीणा नाम के कर्मचारी ने फर्जी अंकसूची व फर्जी मूल निवासी के आधार पर सरकारी नौकरी पाई है. सूचना के अधिकार के तहत वह टेंटरा संकुल केंद्र पर रामेश्वर मीणा के दस्तावेज लेने गया था. जैसे ही वह स्कूल से निकलकर बाहर आया तो, कार से आए रामेश्वर मीणा ने उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाकर उन्हें मारने का प्रयास किया. पीड़ित ने स्कूल के अंदर भागकर अपनी जान बचाई और शिकायत लेकर टेंटरा थाने पहुंचा. लेकिन टेंटरा थाना प्रभारी ने धमकाते हुए ब्लेकमेलिंग के आरोप लगा दिए और धारा 420 का मामला दर्ज करने की धमकी देने लगीं.
एसपी ने दिए जांच के आदेश
आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद एसपी अनुराग सुजानिया ने मामले की जांच सबलगढ़ एसडीओपी को सौंपी है. हालांकि मुरैना जिले में आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले का मामला यह पहला नहीं है. इससे पहले भी एक आरटीआई कार्यकर्ता ने किसी के दस्तावेज मांगे तो उस कार्यकर्ता को भी अपनीजान से हाथ धोना पडा.