मुरैना। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में मतदान के बाद जिले की दिमनी विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया ने भाजपा की जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जनता ने अच्छी वोटिंग की है. ये जरूर है कि आम चुनाव के मुकाबले मतदान पर्सेंटेज कुछ घटा जरूर है, लेकिन लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी. स्थितियां बीजेपी के पक्ष में रहीं.
कांग्रेस पर लगाया फर्जी मतदान का आरोप
बीजेपी प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया ने कहा कि मतदान पर कोरोना का असर दिखा है. लिहाजा इस बार वोटिंग में गिरावट आई है. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर जबाब देते हुए कहा कि जो दिग्विजय सिंह कहेंगे वो सही नहीं हैं. कोई भी बिना तथ्यों के आरोप नहीं लगा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्रों के सिहोनिया इलाके में फर्जी मतदान कराया है. वे भी मांग करते हैं कि पोलिंग रद्द कर दी जाएं.
दिमनी में खिलेगा कमल
उपचुनाव में सिंधिया की साख दांव पर लगी है, इस सवाल उन्होंने कहा कि चुनाव में किसी की भी साख दांव पर नहीं लगती है. जो जनता फैसला देगी वो स्वीकार होगा. लेकिन एक बात तय है कि जनता ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया है. दिमनी विधानसभा बीजेपी का गढ़ रही है, इस बार भी विजय हासिल होगी.
दिमनी विधानसभा में 2018 की तुलना में कम हुआ मतदान
दिमनी विधानसभा में 2018 के आम चुनाव के मुकाबले काफी कम मतदान हुआ है. 2018 में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि इस बार ये घटकर करीब 60 फीसदी के आस-पास ही रह गया है.
बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है दिमनी
अब तक के चुनावों में दिमनी विधानसभा सीट बीजेपी की परंपरागत सीटों में गिनी जाती है. यहां आठ बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार निर्दलीय, दो बार कांग्रेस और एक बार बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री मंत्री वंशीलाल खटीक का दबदबा रहा. उन्होंने पांच बार दिमनी सीट पर जीत दर्ज की और विधानसभा पहुंचे.
सीट का जातिगत समीकरण
दिमनी विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक क्षत्रिय मतदाता लगभग 70,000 हैं , तो दलित 40 से 45 हजार हैं. कुशवाहा जाति के वोट भी करीब हजार हैं तो इतने ही मतदाता ब्राह्मण समुदाय के हैं. इसके अलावा अन्य जातियां, जिनमें राठौर, बघेल, मुस्लिम, गुर्जर, किरार, प्रजापति और वैसे वर्ग मिलाकर लगभग 70 हजार मतदाता शामिल हैं. 2 लाख 14 हजार मतदाताओं वाली दिमनी विधानसभा में 1,15,000 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं 97,000 महिला मतदाता शामिल हैं.
क्यों बनी एमपी में उपचुनाव की स्थिति
करीब 9 माह पहले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत की थी. वे अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. बाद में 3 और कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल हो गए, जबकि 3 विधायकों के निधन के चलते सूबे में उपचुनाव की स्थिति बनी है.
ग्वालियर चंबल में सिंधिया की साख दांव पर
ये उपचुनाव बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख का चुनाव बन गया है, क्योंकि कांग्रेस से बगावत करने के बाद उन्हें अपने फैसले को सही साबित करना है, जबकि कांग्रेस ने सिंधिया की बगावत को 'बिकाऊ और गद्दार ' का मुद्दा बनाकर भुनाने की पूरी कोशिश की है. चुनाव प्रचार के दौरान 'टिकाऊ और बिकाऊ' का मुद्दा जमकर गूंजा. 28 सीटों में 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की हैं, जो सिंधिया की के प्रभाव वाली मानी जाती हैं. शायद यही वजह है कि उपचुनाव के प्रचार में सीएम शिवराज ने 84 और सिंधिया ने 41 जनसभाएं कीं, जबकि कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ ने मोर्चा संभाला और 39 सभा को संबोधित किया.
विधानसभा की वर्तमान स्थिति
मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटें हैं. सत्ताधारी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं. वहीं दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायक हैं. दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली गै. लिहाजा वर्तमान में बीजेपी को बहुमत के लिए महज 8 सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत के लिए सभी 28 सीटें जीतनी होंगी.