मुरैना। 2020 चंबल नदी में रह रहे जलीय जीवों के लिए सुनहरे युग की तरह रहा है. लेकिन इस बार घड़ियाल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर नहीं है. 2021 जुलाई-अगस्त में चंबल नदी में आई बाढ़ ने केवल फसलों और ग्रामीणों के घरों को नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि जलीय जीवों पर भी कहर बनकर टूटा. घड़ियाल मगरमच्छ डॉल्फिन सहित कई जलीय जीवो की संख्या घट गई है. इस बात का खुलासा वन विभाग की टीम ने फरवरी-मार्च की गणना में किया है.
162 घड़ियाल और 11 डॉल्फिन हुए कम: चंबल घड़ियाल सेंक्चुरी (alligator Sanctuary area) में घड़ियाल, मगरमच्छ व डॉल्फिन की हर साल जनवरी-फरवरी में गणना होती है. इस बार की गणना के अनुसार, घड़ियाल अभयारण्य चंबल और पार्वती नदी में 162 घड़ियाल और 11 डॉल्फिन कम हो गई हैं, जबकि 18 मगरमच्छों कम हुए हैं. माना जा रहा है कि कुछ जलीय जीव भीषण बाढ़ में बह गए होंगे या कुछ की मौत भी हो गई होगी.
वन विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें: घड़ियाल अभयारण्य के कर्मचारी और शोधकर्ताओं की टीम ने मगरमच्छ, घड़ियाल और डॉल्फिन (Alligators, crocodiles and dolphins) की गणना की थी. इसके आंकड़े हाल ही में जारी किए गए हैं. फिलहाल घड़ियालों की संख्या 1 साल में 2176 से घटकर 2014 पर आ गई है. साथ ही डॉल्फिन की संख्या 82 से कम होकर 71 रह गई है. जबकि मगरमच्छ भी 1 साल में 530 से घटकर 517 हो गई है.
घड़ियाल के लिए मुसीबत बनते हैं मगरमच्छ: हर साल के सर्वे में चंबल नदी में डॉल्फिन की संख्या घटती जा रही है. साल 2016 से 2020 तक की गणना में डॉल्फिनों की संख्या कम हुई है. दूसरी तरफ घड़ियाल विशेषज्ञों की मानें तो नदी में मगरमच्छ की संख्या का बढ़ना घड़ियालों के लिए अच्छा नहीं है. मगरमच्छों की कम होती संख्या घड़ियालों के लिए ठीक है. क्योंकि मगरमच्छ घड़ियालों के लिए भोजन की कमी की वजह बन जाते हैं. (Aquatic creatures decreased in Chambal river) (Alligators crocodiles dolphins in Chambal river)