मंदसौर। बाढ़ के कहर के बाद जिले के कई किसान अभी भी मुआवजे और बर्बाद हुई फसलों के सर्वे से वंचित रह गए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 15 अक्टूबर तक किसानों को मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है, लेकिन पटवारियों की हड़ताल के चलते पूरे जिले में सर्वे और मुआवजा वितरण की कार्रवाई अब ठप हो गई है. इधर खरीफ की फसल चौपट होने के बाद किसान रबी फसल से आस लगा कर के बैठे हैं, कई किसान सर्वे के पहले ही अपनी फसलें काटकर अगली फसल की तैयारियों में जुट गए हैं.
जिले में पिछले 2 महीने के दौरान हुई अतिवृष्टि से खरीफ की तमाम फसलें चौपट हो गई हैं. सितंबर के आखिरी हफ्ते में आई तेज बाढ़ से सभी तहसीलों में खड़ी अधिकतर फसलें पूरी तरह खत्म हो गई हैं. इन फसलों के किसानी रकबे और मुआवजे की कार्रवाई के मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन इन दिनों जिले के सभी पटवारी हड़ताल पर हैं, लिहाजा सर्वे की कार्रवाई पूरी नहीं हो पा रही है. कई खेतों में अभी भी जलभराव के हालात बने हुए हैं, जबकि हल्की जमीनों में अगली फसल की बुवाई के लिए किसानों ने फसल काटकर तैयारियां शुरू कर दी है.
किसानों को अभी तक भी मुआवजा राशि न मिलने से चौपट फसल को काटने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसान अब दुगनी रकम अदा कर चौपट हुई फसल को कटाई कराने का काम कर रहे हैं, जबकि इस फसल से उन्हें रत्ती भर भी रकम नहीं मिलने वाली है. इन हालातों में किसानों ने शासन से तत्काल मुआवजा आवंटित करने की मांग उठाई है. हालांकि कलेक्टर मनोज पुष्प ने पटवारियों की हड़ताल से सर्वे प्रभावित होने की बात मानते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर सर्वे की कार्रवाई और मुआवजा वितरण तत्काल करवाने की बात कही है.