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कम होता जा रहा है मिट्टी के दिये का कारोबार, कुम्हारों ने मिट्टी से रॉयल्टी और बिजली बिल में छूट देने की मांग

दीपावली के त्योहार के चलते जिले में मिट्टी के दिये बनाने का काम जोरों पर है. कुम्हार पूरे परिवार सहित दिन भर दिये बना रहे हैं लेकिन महंगाई और चायना के दीपकों के प्रचलन से इनका कारोबार कम होता जा रहा है.

सिकुड़ता जा रहा मिट्टी के दिये का कारोबार
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Published : Oct 21, 2019, 9:38 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 11:06 PM IST

मंदसौर। देशभर में दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं, इसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. दिवाली के दिन लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. लोगों की मान्यता है कि मिट्टी के दीपक से घर को रोशन करने से मां लक्ष्मी काफी खुश रहती हैं. जिसके चलते जिले में मिट्टी के दिये बनाने का काम जोरों पर है. कुम्हार पूरे परिवार सहित दिनभर दिये बना रहे हैं लेकिन महंगाई और चायना के दीपकों के प्रचलन से इनका कारोबार कम होता जा रहा है.

कम होता जा रहा है मिट्टी के दिये का कारोबार

दीपक बनाने के लिए नदी के कछार की मिट्टी का उपयोग किया जाता है. जिसे 24 घंटे पानी के साथ गलाने के बाद बनी लोई को घूमते हुए चाक पर चढ़ाकर दिया बनाया जाता है. उसके बाद 2 दिन धूप में सूखने के बाद इन दीपक को तेज आंच में पकाया जाता है. रात भर तपने के बाद दीपक पूजा के लिए तैयार हो जाते हैं.

दीपक बनाने वाले कारोबारी इस एक दीपक को महज एक रुपये में बेंचते हैं. काफी मेहनत के इस काम में कारोबारी को उचित लाभ नहीं मिलने से इनका कारोबार कम होता जा रहा है. जिसके चलते वह सरकार से मिट्टी की रॉयल्टी और बिजली बिल में छूट देने की मांग कर रहे हैं.

मंदसौर। देशभर में दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं, इसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. दिवाली के दिन लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. लोगों की मान्यता है कि मिट्टी के दीपक से घर को रोशन करने से मां लक्ष्मी काफी खुश रहती हैं. जिसके चलते जिले में मिट्टी के दिये बनाने का काम जोरों पर है. कुम्हार पूरे परिवार सहित दिनभर दिये बना रहे हैं लेकिन महंगाई और चायना के दीपकों के प्रचलन से इनका कारोबार कम होता जा रहा है.

कम होता जा रहा है मिट्टी के दिये का कारोबार

दीपक बनाने के लिए नदी के कछार की मिट्टी का उपयोग किया जाता है. जिसे 24 घंटे पानी के साथ गलाने के बाद बनी लोई को घूमते हुए चाक पर चढ़ाकर दिया बनाया जाता है. उसके बाद 2 दिन धूप में सूखने के बाद इन दीपक को तेज आंच में पकाया जाता है. रात भर तपने के बाद दीपक पूजा के लिए तैयार हो जाते हैं.

दीपक बनाने वाले कारोबारी इस एक दीपक को महज एक रुपये में बेंचते हैं. काफी मेहनत के इस काम में कारोबारी को उचित लाभ नहीं मिलने से इनका कारोबार कम होता जा रहा है. जिसके चलते वह सरकार से मिट्टी की रॉयल्टी और बिजली बिल में छूट देने की मांग कर रहे हैं.

Intro:मंदसौर :रोशनी और लक्ष्मी पूजा का त्योहार दिवाली कई सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरागत तौर तरीकों से मनाने का रिवाज आज भी जारी है। दिवाली के दिन होने वाली लक्ष्मी पूजा भी सभी लोग धार्मिक मान्यता के मुताबिक ही करते चले आ रहे हैं ।पूजन पाठ की सामग्री में सबसे ज्यादा महत्व माता लक्ष्मी को चढ़ाने वाले भोग और मिट्टी के दीपक की रोशनी का होता है। यही वजह है कि घर में खुशहाली के लिए लोग सभी लोग विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि मिट्टी के दीपक में तेल डालकर रूई की बाती से घर को रोशन करने से कि लक्ष्मी काफी खुश रहती है। इसलिए दिवाली के दिन हर घर में मिट्टी के दीपक जरूर जलते हैं ।मंदसौर में इन दिनों कई जगह मिट्टी के दीपक बनाने का कारोबार जोरों पर है।


Body:नदी के कछार की मिट्टी काफी दोमट होने से इसका उपयोग दीपक बनाने में होता है ।घड़त के कुमार इन दिनों मिट्टी की लोई को दिए का आकार देने में काफी व्यस्त हैं। कई कारोबारी दिन भर दीपक बना रहे हैं। मिट्टी को 24 घंटे गलाने के बाद बनी लोई को घूमते हुए चाक पर चढ़ाकर एक कुम्हार दिन भर में करीब 2000 दीपक घड़ देता है ।2 दिन धूप में सूखने के बाद इन दीपक को तेज आंच में पकाया जाता है । रात भर तपने के बाद दीपक पूजा के लिए तैयार हो जाते हैं ।दीपक बनाने वाले कारोबारी इस एक दीपक को महज 1रुपये में बेंचते हैं ।काफी मेहनत के इस काम में कारोबारी को वाजिब रकम नहीं मिलने से अब उन्होंने सरकार से मिट्टी की रॉयल्टी और बिजली बिल में छूट देने की मांग की है ।
1.बाबूलाल प्रजापति ,कुम्हार
2. आकाश प्रजापति, मजदूर


Conclusion:जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुमारो का पूरा परिवार दिवाली के 1 महीने पहले से ही दीपक बनाने के कारोबार में जुटा रहता है ।वैसे बाजारों में चाइना के दीपक खूब बिक रहे हैं ।लेकिन धार्मिक आस्था के चलते मिट्टी के दीपक की मांग आज भी बरकरार है। लिहाजा कुम्हारों के आंगन में इन दिनों हजारों दीपक रखे होने का नजारा साफ देखा जा सकता है ।
ptc:विनोद गौड़ रिपोर्टर मंदसौर
Last Updated : Oct 21, 2019, 11:06 PM IST
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