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MP उपचुनावः सुवासरा की सियासत, जनता का जवाब, मौका उसे ही मिलेगा जो विकास करेगा

मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव होना है. मालवा की सियासत में सुवासरा विधानसभा राजनीतिक लिहाज से काफी खास मानी जाती है. सुवासरा विधानसभा सीट पर ईटीवी भारत खास रिपोर्ट...

सुवासरा की सियासत
suvasara BY electon
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Published : Jul 3, 2020, 5:37 AM IST

Updated : Jul 4, 2020, 4:08 AM IST

मंदसौर। मध्य प्रदेश की जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उन्ही में से एक है मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट. जो पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे से खाली हुई है. सुवासरा विधानसभा सीट मालवा की सियासत में राजनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जाती है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से हरदीप सिंह डंग ने बीजेपी के राधेश्याम पाटीदार को शिकस्त दी थी. लेकिन कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए डंग ने विधायकी से इस्तीफे देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया. जिससे सुवासरा पर उपचुनाव की स्थिति बनी.

सुवासरा की सियासत

जातिगत समीकरण रहते है हावी

2008 के परिसीमन के बाद आरक्षित से सामान्य हुई सुवासरा विधानसभा सीट राजस्थान की सीमाओं से लगी है. जिससे इस सीट पर मेवाड़ और हाड़ोती संस्कृतियों का प्रभाव देखने को मिलता है. सुवासरा में पाटीदार, पोरवाल, जैन, सोंधिया और राजपूत समाज प्रभावी भूमिका में नजर आता है. जो यहां होने वाले चुनावों को जातिगत बनाता हैं.

सुवासरा विधानसभा सीट मंदसौर जिले में आती है.
सुवासरा विधानसभा सीट मंदसौर जिले में आती है.

सुवासरा की जनता को है विकास की आस

हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद नेताओं ने तो उपचुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है, लेकिन बात अगर विकास की जाए, तो सुवासरा विधानसभा सीट पर विकास की रफ्तार थमी सी नजर आती है, चुनाव से पहले यहां विकास के दावे और वादे तो खूब किए जाते रहे, लेकिन वो सुवासरा की धरती पर कभी उतरे ही नहीं. यही वजह है कि तीन लाख की आबादी वाली इस विधानसभा सीट की जनता जनप्रतिनिधियों से नाराज नजर आती है.

सुवासरा रेलवे स्टेशन
सुवासरा रेलवे स्टेशन

पानी की कमी, पक्की सड़कें, अतिक्रमण और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध न होना सुवासरा की बड़ी समस्याएं है. बात अगर किसानों की की जाए तो वे अपनी फसलों के उचित दाम न मिलने और कर्जमाफी का वादा पूरा न होने से, सरकार और जनप्रतिनिधियों से नाराजगी जताते हैं. सुवासरा के स्थानीय लोग कहते हैं, उपचुनाव में मौका उसे ही दिया जाएगा, जो क्षेत्र का विकास करेगा और किसानों की समस्याओं को दूर करेगा.

राजनीतिक जानकार भी जनता की बातों से इत्तफाक रखते हैं, उनका कहना है कि जातिगत और विकास दोनों मुद्दों से यहां चुनाव दिलचस्प होगा. क्योंकि सुवासरा विधानसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए सम्मान का सवाल बन गई है. खास बात यह है कि कांग्रेस छोड़ने वाले हरदीप सिंह डंग इस बार बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में होंगे. तो कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया, युवा नेता राकेश पाटीदार सहित अन्य कई नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं. दोनों ही पार्टियों के दिग्गजों ने भी यहां तैयारियां शुरु कर दी है. जहां देखना दिलचस्प होगा की इस बार जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा.

मंदसौर। मध्य प्रदेश की जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उन्ही में से एक है मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट. जो पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे से खाली हुई है. सुवासरा विधानसभा सीट मालवा की सियासत में राजनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जाती है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से हरदीप सिंह डंग ने बीजेपी के राधेश्याम पाटीदार को शिकस्त दी थी. लेकिन कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए डंग ने विधायकी से इस्तीफे देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया. जिससे सुवासरा पर उपचुनाव की स्थिति बनी.

सुवासरा की सियासत

जातिगत समीकरण रहते है हावी

2008 के परिसीमन के बाद आरक्षित से सामान्य हुई सुवासरा विधानसभा सीट राजस्थान की सीमाओं से लगी है. जिससे इस सीट पर मेवाड़ और हाड़ोती संस्कृतियों का प्रभाव देखने को मिलता है. सुवासरा में पाटीदार, पोरवाल, जैन, सोंधिया और राजपूत समाज प्रभावी भूमिका में नजर आता है. जो यहां होने वाले चुनावों को जातिगत बनाता हैं.

सुवासरा विधानसभा सीट मंदसौर जिले में आती है.
सुवासरा विधानसभा सीट मंदसौर जिले में आती है.

सुवासरा की जनता को है विकास की आस

हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद नेताओं ने तो उपचुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है, लेकिन बात अगर विकास की जाए, तो सुवासरा विधानसभा सीट पर विकास की रफ्तार थमी सी नजर आती है, चुनाव से पहले यहां विकास के दावे और वादे तो खूब किए जाते रहे, लेकिन वो सुवासरा की धरती पर कभी उतरे ही नहीं. यही वजह है कि तीन लाख की आबादी वाली इस विधानसभा सीट की जनता जनप्रतिनिधियों से नाराज नजर आती है.

सुवासरा रेलवे स्टेशन
सुवासरा रेलवे स्टेशन

पानी की कमी, पक्की सड़कें, अतिक्रमण और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध न होना सुवासरा की बड़ी समस्याएं है. बात अगर किसानों की की जाए तो वे अपनी फसलों के उचित दाम न मिलने और कर्जमाफी का वादा पूरा न होने से, सरकार और जनप्रतिनिधियों से नाराजगी जताते हैं. सुवासरा के स्थानीय लोग कहते हैं, उपचुनाव में मौका उसे ही दिया जाएगा, जो क्षेत्र का विकास करेगा और किसानों की समस्याओं को दूर करेगा.

राजनीतिक जानकार भी जनता की बातों से इत्तफाक रखते हैं, उनका कहना है कि जातिगत और विकास दोनों मुद्दों से यहां चुनाव दिलचस्प होगा. क्योंकि सुवासरा विधानसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए सम्मान का सवाल बन गई है. खास बात यह है कि कांग्रेस छोड़ने वाले हरदीप सिंह डंग इस बार बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में होंगे. तो कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया, युवा नेता राकेश पाटीदार सहित अन्य कई नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं. दोनों ही पार्टियों के दिग्गजों ने भी यहां तैयारियां शुरु कर दी है. जहां देखना दिलचस्प होगा की इस बार जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा.

Last Updated : Jul 4, 2020, 4:08 AM IST
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