ETV Bharat / state

एक तरफ तो किसानों का माफ नहीं हुआ कर्ज, तो दूसरी तरफ कौड़ियों के दाम अनाज बेचने को मजबूर - नहीं माफ हुआ मंदसौर के किसानों का कर्ज

विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर के पिपलिया मंडी से घोषणा की थी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. लेकिन मंदसौर और नीमच के अधिकतर किसान ऐसे हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है.

no forgiving loan mandsour farmer
author img

By

Published : Mar 14, 2019, 10:27 PM IST

मंदसौर। विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर के पिपलिया मंडी से घोषणा की थी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. लेकिन मंदसौर और नीमच के अधिकतर किसान ऐसे हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है.

मंदसौर और नीमच जिले में करीब 2 लाख किसानों के खातों में ऋण की रकम जमा होनी थी, लेकिन सरकार बनने के 3 महीने बाद भी किसानों के बैंक खातों में ऋण की रकम जमा नहीं हुई है और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से अब यह कार्रवाई भी अधूरी ही रह गई है. जिसके बाद किसानों को मजबूरन अपनी फसल मंडियों में कौड़ियों के दाम बेचनी पड़ रही है.

no forgiving loan mandsour farmer

किसानों का कहना है कि फसल की पैदावार के लिए उन्होंने 6 महीने पहले ही कर्ज लिया था और कर्ज माफी की घोषणा के बाद उन्हें दोबारा ऋण की रकम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन खातों में पहले की रकम जमा ना होने से अब उन्हें नए ऋण की राशि नहीं मिल पा रही है. वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी आचार संहिता लगने के कारण फिलहाल कृषि खातों के कर्ज माफी की कार्रवाई की बात से इंकार कर रहे हैं.

मंदसौर। विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर के पिपलिया मंडी से घोषणा की थी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. लेकिन मंदसौर और नीमच के अधिकतर किसान ऐसे हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है.

मंदसौर और नीमच जिले में करीब 2 लाख किसानों के खातों में ऋण की रकम जमा होनी थी, लेकिन सरकार बनने के 3 महीने बाद भी किसानों के बैंक खातों में ऋण की रकम जमा नहीं हुई है और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से अब यह कार्रवाई भी अधूरी ही रह गई है. जिसके बाद किसानों को मजबूरन अपनी फसल मंडियों में कौड़ियों के दाम बेचनी पड़ रही है.

no forgiving loan mandsour farmer

किसानों का कहना है कि फसल की पैदावार के लिए उन्होंने 6 महीने पहले ही कर्ज लिया था और कर्ज माफी की घोषणा के बाद उन्हें दोबारा ऋण की रकम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन खातों में पहले की रकम जमा ना होने से अब उन्हें नए ऋण की राशि नहीं मिल पा रही है. वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी आचार संहिता लगने के कारण फिलहाल कृषि खातों के कर्ज माफी की कार्रवाई की बात से इंकार कर रहे हैं.

Intro:मंदसौर। विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की घोषणा के बावजूद, प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक कर्ज माफी की कार्रवाई ना करने से जिले के किसानों में भारी नाराजगी का माहौल है । विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्ज माफी की घोषणा मंदसौर के पिपलिया मंडी से ही घोषणा की थी ।लेकिन चुनाव के 3 महीने बाद भी किसानों के बैंक खातों में ऋण की रकम जमा ना होने से अब उन्हे दोबारा ऋण की राशि या नहीं मिल पा रही हैं, और फसल कटाई के दौर में पैसे नहीं मिलने से किसानों को अब मजबूरन अपनी फसल मंडियों में कौड़ियों के दाम बेचना पड़ रही है।


Body:मंदसौर और नीमच जिले में करीब 2 लाख किसानों के खातों में ऋण की रकम जमा होनी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के लगने से अब यह कार्रवाई भी अधूरी ही रह गई है ।किसानों का कहना है कि फसल की पैदावार करने के लिए उन्होंने 6 महीने पहले ही साहुकारी कर्ज लिया था और कर्ज माफी की घोषणा के बाद उन्हें दोबारा ऋण की रकम मिलने की उम्मीद थी ।लेकिन खातों में पहले की रकम जमा ना होने से अब उन्हें नए ऋण की राशी नहीं मिल पा रही है। लिहाजा उन्हें अपनी फसल ओने पौने दामों में बेचकर ,बाजारी कर्ज अदा करना पड़ रहा है ।इधर कृषि विभाग के अधिकारी भी आचार संहिता लगने के कारण फिलहाल कृषि खातों के कर्ज माफी की कार्रवाई की बात से इंकार कर रहे हैं ।
byte 1:दिलावर सिंह, किसान
byte 2: देवीलाल मेहता, किसान
byte : डॉ अजीत सिंह राठौर ,उपसंचालक ,कृषि विभाग मंदसौर


विनोद गौड़, मंदसौर


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.