मंदसौर। भाई और बहन के प्रेम की डोर इतनी मजबूत होती है कि राखी का त्योहार आते ही चाहे वह एक-दूसरे से कितने भी दूर हों, लेकिन खून के रिश्ते उन्हें खींचकर पास जरूर पहुंचा ही देते हैं. राखी के दिन मंदसौर जिले के गांव बही पारसनाथ में इससे भी हटकर कुछ ऐसा हुआ कि इस पवित्र रिश्ते में और मजबूती आ गई. 18 साल पहले पांच बहनों से बिछड़े भाई को पुलिस ने अथक मेहनत करके राखी के दिन मिलवा दिया. इकलौते भाई के गुमशुदा होने के बाद बहनों के साथ ही मां-बाप ने अब आस छोड़ दी थी. राखी के दिन जब पुलिस अधिकारी गुमशुदा पंकज को लेकर उसके घर पहुंचे तो गदगद हुई बहनों ने पुलिस अधिकारियों की कलाई पर भी राखियां बांधीं.
ट्रक वाले ने किया था अपहरण : मंदसौर के गांव बही पारसनाथ में रहने वाला पंकज सूर्यवंशी 18 साल पहले घर से हेयर कटिंग करवाने के लिए निकला था. जब गांव में उसे हज्जाम नहीं मिला तो वह कटिंग करवाने के लिए पास के गांव पिपलिया मंडी के लिए निकल पड़ा. हाईवे पर पहुंचते ही एक ट्रक ड्राइवर ने उसे अकेला पाकर अपहरण कर लिया और वह उसे हिमाचल प्रदेश ले गया. पंकज वहां पिछले 18 सालों से उसी के यहां मजदूरी का काम कर रहा था. ट्रक मालिक उसे केवल दो रोटी के बदले करीब 15 घंटे फलों के कार्टून पैक करवाने का काम करवाता था.
ऐसे मंदसौर पहुंचा गुमुशुदा : जैसे तैसे पंकज बचकर मंदसौर पहुंचा. लेकिन लंबे अरसे के बाद वह अपने मां-बाप का नाम और गांव का पता भी भूल गया था. यहां पहुंचते ही थाना वाईडी नगर की पुलिस ने उसका फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया. 18 साल बाद पंकज की सूरत में काफी बदलाव आ गया. पिता रंगलाल सूर्यवंशी ने गुमशुदा हुए बेटे की रिपोर्ट पिपलिया मंडी थाने में करवा रखी थी. इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने पंकज से पूछताछ की तो उसने सिर्फ इतना बताया कि वह पांच बहनों का अकेला भाई है.
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पंकज को उसके घर ले गई पुलिस : पुलिस ने पड़ताल की और खुद उसे उसके घर लेकर पहुंचे. 18 साल बाद अपने घर पहुंचे पंकज को देखते ही मां-बाप और पांचों बहनों ने लिपटकर गले लगा लिया. इसके बाद सभी बहनों ने पहले वाईडी नगर थाना के अधिकारी धर्मेंद्र सिंह यादव को राखी बांधी. इसके बाद सभी बहनों ने तिलक लगाकर पंकज को राखियां बांधीं. पंकज के पिता रंगलाल सूर्यवंशी ने पुलिस अधिकारियों की इस पहल पर धन्यवाद दिया. वहीं वाईडी नगर थाना अधिकारी ने बताया कि पंकज की गुमशुदगी की रिपोर्ट और परिजनों के बताए अनुसार मामले की गंभीरता से जांच की गई. इसके बाद में उसे वे अपने घर लेकर पहुंचे.