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Mandsaur Subsidy scam: कृषि उपकरणों में सब्सिडी घोटाला, लोकायुक्त ने उद्यानिकी विभाग के 15 अधिकारियों पर दर्ज की एफआईआर

मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ तहसील में वर्ष 2017 से 2019 के बीच राज्य की योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों में सब्सिडी का बड़ा घोटाला लोकायुक्त ने पकड़ा है. लोकायुक्त ने घोटाले में लिप्त अधिकारियों और व्यापारियों पर प्रकरण दर्ज किया है. घोटाला 309 लाख रूपये के आस पास बताया जा रहा है. इसमें अधिकारियों ने एक ही परिवार के 3 सदस्यों को भी योजना का लाभ पहुंचा दिया. जिन्होंने कृषि यंत्र खरीदा ही नहीं था. मंदसौर में सबसे ज्यादा कृषि यंत्रों की सप्लाई मल्हारगढ़ विधानसभा में हुई है जो प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की विधानसभा है. (Mandsaur agricultural equipment Subsidy scam) (Mandsaur Subsidy scam) (Lokayukta filed case against 15 officers) (Mandsaur Horticulture Department)

Mandsaur Subsidy scam
कृषि उपकरणों में सब्सिडी घोटाला
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Published : Oct 20, 2022, 12:05 PM IST

मंदसौर। उद्यानिकी विभाग में पदस्थ अधिकारियों द्वारा देश की कई निजी कंपनियों से सांठगांठ कर कृषि उपकरणों में सब्सिडी के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया है. इस मामले में शिकायतकर्ता मुकेश पाटीदार निवासी दलौदा जिला मंदसौर द्वारा लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन में शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था. जिसमें उद्यानिकी विभाग मंदसौर में पदस्थ उप संचालक मनीष चौहान एवं अन्य के द्वारा जिले में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, यंत्रीकरण योजना तथा संरक्षित खेती योजना में नियमों के विपरीत कार्य कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायत की गई थी. (Mandsaur agricultural equipment Subsidy scam) (Mandsaur Subsidy scam) (Lokayukta filed case against 15 officers) (Mandsaur Horticulture Department)

जांच में मिली अनियमितताएं: विभाग के अनिल विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक विपुरथा, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन के निर्देशन में उक्त शिकायत के संबंध में विस्तृत जांच कराई. शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि, विभाग में संचालित योजनायें यथा राज्य योजनायें एकीकृत बागवानी मिशन योजना (MIDH) यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY). राष्ट्रीय औषधी निशन (NMMP) का क्रियान्वयन किया जाना था. जिनमें कई अनियमितताएं पाई गई है. जांच के दौरान पाया गया कि विभाग में संचालित योजनाएं एकीकृत बागवानी मिशन योजनायंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना राष्ट्रीय औषधी मिशन का क्रियान्वयन किया जाना था. जिनमें कई अनियमितताएं पाई गई। जांच में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में मंदसौर जिले को कुल 309.4 लाख रूपए स्वीकृत किए गए थे. उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने राज्य पोषित योजना अंतर्गत कृषि यंत्रों में मिलने वाली सब्सिडी में गड़बड़ी करते हुए कुछ फर्मो के साथ मिलकर घोटाला किया था.

शासन के नियमों की अवहेलना: राज्य पोषित योजना अंतर्गत यंत्रीकरण में वर्ष 2017-18 में मंदसौर जिले को 14.05 लाख रूपये तथा 2018-19 में 22.76 लाख रुपये बजट आवंटित किया गया ।केन्द्र पोषित योजना (MIDH) उप संचालक मंदसौर द्वारा राज्य शासन के नियमों की अवहेलना करते हुए यंत्र प्रदाता कंपनियों से षडयंत्र कर अनुदान की राशि को सीधे यंत्र प्रदाता कंपनी के बैंक खाते में अंतरित किया गया ।हितग्राहियों का चयन भी मनमाने तरीके से किया गया तथा एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को यंत्र प्रदाय किये गये यंत्रों का क्रय एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉ.लि. एवं प्रतिष्ठित निर्माता कंपनियों से नहीं किया गया.

फर्मो के साथ मिलकर की गड़बड़ी: कृषि को उन्नत बनाने के लिए सरकार किसानों को क्रषि यंत्रों की खरीदी में सब्सिडी प्रदान करती है. यह अनुदान 50 फीसदी तक दिया जाता है. सरकार किसानों को 1 लाख 50 हजार रूपए का पॉवर टिलर खरीदने के लिए सब्सिडी के तौर पर 75 हजार की सब्सिडी देती है. जो डीबीटी ( डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ) के तहत सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा करना होती है, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने सब्सिडी को कृषि उपकरण सप्लाई करने वाली फर्मो के साथ मिलकर गड़बड़ी को अंजाम दिया. इतना ही नही कृषि यंत्र भी मनमानी करते हुए डेढ़ लाख के पावर टिलर की जगह 30 हजार का रोटावेटर सप्लाई किया.

'Turmeric cultivation': किसानों के लिए हल्दी की खेती कैसे बन सकती है फायदेमंद, पढ़े पूरी खबर

इनके खिलाफ मामला दर्ज: जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर लोकायुक्त ने सत्यानंद तत्कालीन संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी म.प्र. भोपाल, मनीष चैहान, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग मंदसौर, राजेश जाटव, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं सह प्रभारी वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड मल्हारगढ़, जिला मंदसौर, पप्पूलाल पाटीदार, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मंदसौर, बनवारी वर्मा, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड, सीतामऊ, राजेश मईड़ा ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड गरोठ, सत्यम मण्डलोई, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड भानपुरा, सुरेशसिंह धाकड़, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी मंदसौर, दिनेश पाटीदार ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मन्दसौर, प्रोप्राइटर सुरेश मणिभाई पटेल, फर्म- गणेश ट्रेडिंग कंपनी, जबलपुर एवं गुजरात,प्रोप्राइटर प्रवीण भाई मूलजी फर्म - छत्तीसगढ़ इंटरप्राईजेस दुर्ग, छत्तीसगढ,प्रोप्राइटर मितुलभाई पिता प्रवीणभाई पटेल, फर्म- जे.एम. इंटरप्राईजेस, हरिनगर दुर्ग, छत्तीसगढ़, मिहिर पण्ड्या, डायरेक्टर, एबीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी प्रा.लि., मंगलन शिवदासन, डायरेक्टर, एवीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी प्रा.लि. खेड़ा, गुजरात, शिवसिंह मेहता, मैनेजिंग डायरेक्टर, मेसर्स कृति इंडस्ट्रीज (इंडिया) लिमिटेड़ पीथमपुर धार, के खिलाफ विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 409, 420, 120बी के अंतर्गत लोकायुक्त संगठन, भोपाल में प्रकरण दर्ज किया है.(Mandsaur agricultural equipment Subsidy scam) (Mandsaur Subsidy scam) (Lokayukta filed case against 15 officers) (Mandsaur Horticulture Department)

मंदसौर। उद्यानिकी विभाग में पदस्थ अधिकारियों द्वारा देश की कई निजी कंपनियों से सांठगांठ कर कृषि उपकरणों में सब्सिडी के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया है. इस मामले में शिकायतकर्ता मुकेश पाटीदार निवासी दलौदा जिला मंदसौर द्वारा लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन में शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था. जिसमें उद्यानिकी विभाग मंदसौर में पदस्थ उप संचालक मनीष चौहान एवं अन्य के द्वारा जिले में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, यंत्रीकरण योजना तथा संरक्षित खेती योजना में नियमों के विपरीत कार्य कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायत की गई थी. (Mandsaur agricultural equipment Subsidy scam) (Mandsaur Subsidy scam) (Lokayukta filed case against 15 officers) (Mandsaur Horticulture Department)

जांच में मिली अनियमितताएं: विभाग के अनिल विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक विपुरथा, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन के निर्देशन में उक्त शिकायत के संबंध में विस्तृत जांच कराई. शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि, विभाग में संचालित योजनायें यथा राज्य योजनायें एकीकृत बागवानी मिशन योजना (MIDH) यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY). राष्ट्रीय औषधी निशन (NMMP) का क्रियान्वयन किया जाना था. जिनमें कई अनियमितताएं पाई गई है. जांच के दौरान पाया गया कि विभाग में संचालित योजनाएं एकीकृत बागवानी मिशन योजनायंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना राष्ट्रीय औषधी मिशन का क्रियान्वयन किया जाना था. जिनमें कई अनियमितताएं पाई गई। जांच में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में मंदसौर जिले को कुल 309.4 लाख रूपए स्वीकृत किए गए थे. उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने राज्य पोषित योजना अंतर्गत कृषि यंत्रों में मिलने वाली सब्सिडी में गड़बड़ी करते हुए कुछ फर्मो के साथ मिलकर घोटाला किया था.

शासन के नियमों की अवहेलना: राज्य पोषित योजना अंतर्गत यंत्रीकरण में वर्ष 2017-18 में मंदसौर जिले को 14.05 लाख रूपये तथा 2018-19 में 22.76 लाख रुपये बजट आवंटित किया गया ।केन्द्र पोषित योजना (MIDH) उप संचालक मंदसौर द्वारा राज्य शासन के नियमों की अवहेलना करते हुए यंत्र प्रदाता कंपनियों से षडयंत्र कर अनुदान की राशि को सीधे यंत्र प्रदाता कंपनी के बैंक खाते में अंतरित किया गया ।हितग्राहियों का चयन भी मनमाने तरीके से किया गया तथा एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को यंत्र प्रदाय किये गये यंत्रों का क्रय एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉ.लि. एवं प्रतिष्ठित निर्माता कंपनियों से नहीं किया गया.

फर्मो के साथ मिलकर की गड़बड़ी: कृषि को उन्नत बनाने के लिए सरकार किसानों को क्रषि यंत्रों की खरीदी में सब्सिडी प्रदान करती है. यह अनुदान 50 फीसदी तक दिया जाता है. सरकार किसानों को 1 लाख 50 हजार रूपए का पॉवर टिलर खरीदने के लिए सब्सिडी के तौर पर 75 हजार की सब्सिडी देती है. जो डीबीटी ( डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ) के तहत सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा करना होती है, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने सब्सिडी को कृषि उपकरण सप्लाई करने वाली फर्मो के साथ मिलकर गड़बड़ी को अंजाम दिया. इतना ही नही कृषि यंत्र भी मनमानी करते हुए डेढ़ लाख के पावर टिलर की जगह 30 हजार का रोटावेटर सप्लाई किया.

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इनके खिलाफ मामला दर्ज: जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर लोकायुक्त ने सत्यानंद तत्कालीन संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी म.प्र. भोपाल, मनीष चैहान, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग मंदसौर, राजेश जाटव, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं सह प्रभारी वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड मल्हारगढ़, जिला मंदसौर, पप्पूलाल पाटीदार, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मंदसौर, बनवारी वर्मा, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड, सीतामऊ, राजेश मईड़ा ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड गरोठ, सत्यम मण्डलोई, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड भानपुरा, सुरेशसिंह धाकड़, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी मंदसौर, दिनेश पाटीदार ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मन्दसौर, प्रोप्राइटर सुरेश मणिभाई पटेल, फर्म- गणेश ट्रेडिंग कंपनी, जबलपुर एवं गुजरात,प्रोप्राइटर प्रवीण भाई मूलजी फर्म - छत्तीसगढ़ इंटरप्राईजेस दुर्ग, छत्तीसगढ,प्रोप्राइटर मितुलभाई पिता प्रवीणभाई पटेल, फर्म- जे.एम. इंटरप्राईजेस, हरिनगर दुर्ग, छत्तीसगढ़, मिहिर पण्ड्या, डायरेक्टर, एबीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी प्रा.लि., मंगलन शिवदासन, डायरेक्टर, एवीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी प्रा.लि. खेड़ा, गुजरात, शिवसिंह मेहता, मैनेजिंग डायरेक्टर, मेसर्स कृति इंडस्ट्रीज (इंडिया) लिमिटेड़ पीथमपुर धार, के खिलाफ विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 409, 420, 120बी के अंतर्गत लोकायुक्त संगठन, भोपाल में प्रकरण दर्ज किया है.(Mandsaur agricultural equipment Subsidy scam) (Mandsaur Subsidy scam) (Lokayukta filed case against 15 officers) (Mandsaur Horticulture Department)

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