मंदसौर। जिले में शुक्रवार को नगरपालिका और प्रशासनिक अमले ने आठ साल पहले बने 14 करोड़ के शिवना पुल तक पहुंचने में बाधा बन रहे मकान और गुमटी को हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान खासा विरोध परिजनों ने किया, घर की महिलाओं से अमले की तीखी बहस भी हुई, इसके बाद परिजनों ने मकान से सामान बाहर किया. इस दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा
आठ साल पहले 14 करोड़ की लागत से अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर तक पहुचने हेतु नयापुरा से खानपुरा तक सुगम मार्ग की नींव रखी. करोड़ों की लागत से शिवना पर पुल बना लेकिन फिर भी शहरवासियों को इस पुल का असल फायदा नही मिल पाया, क्योंकि धानमंडी स्थित मकान मार्ग मे बाधा बन रहे थे. पूर्व में एक मकान को हटा दिया था, लेकिन एक मकान लेकर नपा और मकान मालिक के बीच विवाद चल रहा था. शुक्रवार को नगरपालिका और प्रशासनिक अमले ने इस मकान के साथ एक गुमटी को भी जमींदोज किया.
- मकान मालिक ने किया विरोध
सुबह करीब 10:30 बजे नगरपालिका का अमला पुलिस बल के साथ धानमंडी क्षेत्र में पहुंचा, विद्युत मंडल कर्मचारी भी वहां पर पहुंचे, पहले हीरालाल साहू की गुमटी को हटाया गया, इसके बाद रघुनंदन राठौर और दिलीप राठौर के मकान की बिजली काटी गई, मकान खाली करने का खासा विरोध परिजनों ने किया, महिलाएं तक बाहर निकल आई, पहले अमले ने इन्हें समझाइश दी इसके बाद परिजनों के साथ कर्मचारियों की झुमाझटकी भी हुई, इसके बाद बलपूर्वक परिजनों को यहां से हटाया गया, बाद में परिजन मान गए और मकान खाली किया, इसके बाद मकान को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई. पूर्व में इस मार्ग में बाधा बने एक मकान को नगर पालिका ने तोड़कर आंशिक रास्ता शुरू कर दिया था, उस समय हटाए गए लोगों को मोतियाखाई में स्थान दिया गया था. जानकारी यह है कि वहां बसाए गए लोगों को आज तक नगर पालिका ने अधिकार पत्र नहीं दिया, यहां तक की बिजली कनेक्शन भी नहीं दिए. हटाए गए मकान के परिवार वालो को भी मोतियाखाई हिरा कि बगीची क्षेत्र में जमीन देने कि बात प्रशासन की ओर से की गई, जिस पर परिवार ने भी सहमति दे दी है.
नगर पालिका ने हटाया अतिक्रमण, बिना नोटिस कार्रवाई करने का लगा आरोप
- नौ साल पहले बना था शिवना पुल
नगर पालिका ने 2010 मे तकरीबन 8 साल पहले 14 करोड़ की लागत से नयापुरा से पशुपतिनाथ मंदिर को जोड़ने का प्लान तैयार किया था. लेकिन धान मंडी क्षेत्र का एक मकान मार्ग में बाधा बन रहा था. इसी के चलते करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुए ब्रिज का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है. लंबे समय से इस मकान को तोड़ने की कार्रवाई चल रही थी लेकिन मकान मालिक राजी नहीं थे. लेकिन बीते दिनों नगर पालिका मे प्रशासक के रूप में कलेक्टर मनोज पुष्प ने नगरपालिका की कमान संभाली, तब से इस मकान को तोड़े जाने की उम्मीद बंध गई और कार्रवाई तेजी से शुरू हुई.
आखिरकार इस कार्रवाई को शुक्रवार को पूरा कर लिया गया, कार्रवाई के दौरान अनुविभागीय अधिकारी बिहारी सिंह, मुख्य नगर अधिकारी पी.के. सुमन , नगर पुलिस अधीक्षक पी.एस. मेहरा सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे.