ETV Bharat / state

गांव के विकास का खाका तैयार कर होली मनाते हैं यहां के लोग, सदियों से चली आ रही है ये परंपरा

मंदसौर जिले के धुंधडका गांव में होली मनाने की एक अनूठी परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही है. इस दिन यहां के लोग नए कपड़े पहन कर बिना रंग खेले होली के सामने बैठकर साल भर के फैसले करते हैं.

author img

By

Published : Mar 22, 2019, 12:22 AM IST

ग्राम सभा

मंदसौर। होली के त्यौहार पर आज पूरा देश रंगों में सराबोर हो गया है. लोग एक दूसरे पर रंग-गुलाल उड़ाकर इस पर्व को बड़े ही उल्लास के साथ मना रहे है. साथ ही भेदभाव भूल कर सभी लोग एक-दूसरे को गले मिलकर बधाइयां दे रहे हैं.

होली का त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है और इसको कई तरह के रीति-रिवाजों के साथ मनाने की अनूठी परंपराएं भी हैं. लेकिन, मंदसौर जिले के धुंधडका गांव में होली मनाने की एक अनूठी परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही है. इस दिन यहां के लोग नए कपड़े पहन कर बिना रंग खेले होली के सामने बैठकर साल भर के फैसले करते हैं. गांव के बुजुर्गों की मौजूदगी में यहां की पूरी पंचायत आज ही के दिन ग्राम सभा का आयोजन कर साल भर के विकास का खाका तैयार करती है. सैकड़ों सालों से चली आ रही इस परंपरा में कौमी एकता की भी मिसाल है. खास बात तो ये है कि इस परंपरा को अब नई पीढ़ी भी खुशी-खुशी निभा रही हैं.

1


साढ़े सात हजार की आबादी वाला यह गांव आज ही के दिन रंग-गुलाल से होली खेलने के बजाय गांव के विकास का खाका तैयार करता है. सुबह होते ही ढोल-ढमाकों साथ पूरे गांव के लोग सबसे पहले उस घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने जाते हैं, जहां साल भर के दौरान किसी इंसान की मौत हो गई होती है. इसके बाद गांव के तमाम लोग हर बस्ती से इकट्ठे होकर होली दहन वाले स्थान पर पहुंचते हैं और उसके सामने बैठकर ही ग्राम सभा का आयोजन करते हैं. इस दौरान गांव के बुजुर्गो द्वारा साल भर के झगड़े और शिकायतों का फैसला भी यहीं किया जाता है. खास बात तो ये है कि इस मौके पर ग्राम पंचायत के तमाम सदस्य भी बुजुर्गों के फैसलों को मानकर ग्राम सभा के प्रस्ताव को तैयार कर उन्हें पारित करते हैं.


सालों से चली आ रही इस परंपरा में ग्रामीण होली के दिन ही सार्वजनिक विकास के प्रस्ताव तैयार करते हैं. होली के सामने बैठ कर तैयार हुए इस खाके में यदि कोष की कमी नजर आती है, तो सभी ग्रामीण दान के तौर पर चंदा भी इकट्ठा कर लेते हैं. पिछले साल इस इस ग्राम सभा में लोगों ने शमशान घाट के एक शेड के अलावा सार्वजनिक मांगलिक भवन और भोजन शाला के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था. जिसे पूरा करने के बाद इस गांव के लोगों ने इस बार उन परिसरों में पौधारोपण और उनकी बाउंड्री वाल के अलावा गांव के चौराहों के विकास के लिए 7 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है. ग्राम पंचायत के अंडर में मनाई जाने वाली इस परंपरा में सभी कौम के लोग खुशी-खुशी शामिल होते हैं. सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा में बुजुर्ग नई पीढ़ी को भी इसे आगे बढ़ाने की सीख दे रहे हैं.

मंदसौर। होली के त्यौहार पर आज पूरा देश रंगों में सराबोर हो गया है. लोग एक दूसरे पर रंग-गुलाल उड़ाकर इस पर्व को बड़े ही उल्लास के साथ मना रहे है. साथ ही भेदभाव भूल कर सभी लोग एक-दूसरे को गले मिलकर बधाइयां दे रहे हैं.

होली का त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है और इसको कई तरह के रीति-रिवाजों के साथ मनाने की अनूठी परंपराएं भी हैं. लेकिन, मंदसौर जिले के धुंधडका गांव में होली मनाने की एक अनूठी परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही है. इस दिन यहां के लोग नए कपड़े पहन कर बिना रंग खेले होली के सामने बैठकर साल भर के फैसले करते हैं. गांव के बुजुर्गों की मौजूदगी में यहां की पूरी पंचायत आज ही के दिन ग्राम सभा का आयोजन कर साल भर के विकास का खाका तैयार करती है. सैकड़ों सालों से चली आ रही इस परंपरा में कौमी एकता की भी मिसाल है. खास बात तो ये है कि इस परंपरा को अब नई पीढ़ी भी खुशी-खुशी निभा रही हैं.

1


साढ़े सात हजार की आबादी वाला यह गांव आज ही के दिन रंग-गुलाल से होली खेलने के बजाय गांव के विकास का खाका तैयार करता है. सुबह होते ही ढोल-ढमाकों साथ पूरे गांव के लोग सबसे पहले उस घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने जाते हैं, जहां साल भर के दौरान किसी इंसान की मौत हो गई होती है. इसके बाद गांव के तमाम लोग हर बस्ती से इकट्ठे होकर होली दहन वाले स्थान पर पहुंचते हैं और उसके सामने बैठकर ही ग्राम सभा का आयोजन करते हैं. इस दौरान गांव के बुजुर्गो द्वारा साल भर के झगड़े और शिकायतों का फैसला भी यहीं किया जाता है. खास बात तो ये है कि इस मौके पर ग्राम पंचायत के तमाम सदस्य भी बुजुर्गों के फैसलों को मानकर ग्राम सभा के प्रस्ताव को तैयार कर उन्हें पारित करते हैं.


सालों से चली आ रही इस परंपरा में ग्रामीण होली के दिन ही सार्वजनिक विकास के प्रस्ताव तैयार करते हैं. होली के सामने बैठ कर तैयार हुए इस खाके में यदि कोष की कमी नजर आती है, तो सभी ग्रामीण दान के तौर पर चंदा भी इकट्ठा कर लेते हैं. पिछले साल इस इस ग्राम सभा में लोगों ने शमशान घाट के एक शेड के अलावा सार्वजनिक मांगलिक भवन और भोजन शाला के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था. जिसे पूरा करने के बाद इस गांव के लोगों ने इस बार उन परिसरों में पौधारोपण और उनकी बाउंड्री वाल के अलावा गांव के चौराहों के विकास के लिए 7 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है. ग्राम पंचायत के अंडर में मनाई जाने वाली इस परंपरा में सभी कौम के लोग खुशी-खुशी शामिल होते हैं. सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा में बुजुर्ग नई पीढ़ी को भी इसे आगे बढ़ाने की सीख दे रहे हैं.

Intro:मंदसौर ।होली के त्यौहार पर आज पूरा देश रंगों से सराबोर होकर एक दूसरे पर रंग गुलाल उड़ाकर इस पर्व को खुशो से मना रहा है। और भेदभाव भूल कर आज के दिन तमाम लोगो द्वारा एक दूसरे से गले मिलकर भी इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने के अलावा कई तरह के रीति-रिवाजों के साथ त्योहार मनाने की भी हमारे यहां अनूठी परंपराएं हैं ।लेकिन रंगों से अलग होली के दिन ऐसी ही एक अनूठी परंपरा मंदसौर जिले के ग्राम धुंधडका मैं भी चली आ रही है ।जहां इस दिन नए कपड़े पहन कर बिना रंग खेले गांव के लोग होली के सामने ही बैठकर साल भर के फैसले करते हैं। गांव के बुजुर्गों की मौजूदगी में यहां की पूरी पंचायत ,आज ही के दिन ग्राम सभा का आयोजन कर साल भर के विकास का खाका तैयार करती है सैकड़ों सालों से चली आ रही यह परंपरा कौमी एकता की भी मिसाल है ।और पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस परंपरा को अब नई पीढ़ी के युवा भी खुशी-खुशी निभा रहे हैं। एक रिपोर्ट....


Body:ढोल धमाके के साथ गांव की बस्तियों से इकट्ठा होकर होली माता के सामने बैठकर पंचायती सभा करने का यह अनूठा नजारा मंदसौर के ग्राम धुंधडका का है ।सादे सात हजार की आबादी वाला यह गांव आज के दिन रंग गुलाल से होली खेलने के बजाय गांव के विकास का खाका तैयार करता है ।सुबह पौ फटते ही ढोल धमाकों के साथ पूरे गांव के लोग सबसे पहले उस घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने जाते हैं। जहां साल भर के दौरान किसी इंसान की मौत हो गई होती है। इसके बाद गांव के तमाम लोग हर बस्ती से इकट्ठे होकर होली दहन वाले स्थान पर पहुंचते हैं।और उसके सामने बैठकर ही ग्राम सभा का आयोजन करते हैं ।इस दौरान गांव के बुजुर्गो द्वारा साल भर के झगड़े और शिकायतों का फैसला भी यही की जाता है। इस मौके पर ग्राम पंचायत के तमाम सदस्य भी बुजुर्गों के फैसलों को मानकर ग्राम सभा के प्रस्ताव को तैयार कर उन्हें पारित करते हैं।
byte 1: बसंती लाल जैन, वरिष्ठ नागरिक, धुंधडका
byte 2: रईस खान पठान, सरपंच प्रतिनिधि, धुंधडका
सालों से चली आ रही इस परंपरा में ग्रामवासी होली के दिन ही सार्वजनिक विकास के प्रस्ताव तैयार करते हैं ।होली के सामने बैठ कर तैयार हुए इस खाके में यदि कोष की भी कमी नजर आती है, तो ग्रामवासी दान के तौर पर चंदा भी इकट्ठा कर लेते हैं ।पिछले साल इस गांव के लोगों ने शमशान घाट के एक शेड के अलावा सार्वजनिक मांगलिक भवन और भोजन शाला के निर्माण का प्रस्ताव लिया था। जिसे पूरा करने के बाद इस गांव के लोगों ने इस बार उन परिसर में पौधारोपण और उनकी बाउंड्री वाल के अलावा गांव के चौराहों के विकास के लिए 7 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। ग्राम पंचायत के अंडर में मनाई जाने वाली इस परंपरा में सभी कौम के लोग खुशी खुशी शामिल होते हैं ।सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा में , बुजुर्ग लोग नई पीढ़ी के लोगों को भी इसे आगे बढ़ाने की सीख दे रहे हैं
byte 3: जगदीश धाकड़ ,सचिव ग्राम पंचायत, धुंधडका
byte 4:शंकर लाल धाकड़,ग्राम पटेल, धूंधड़का




विनोद गौड़, मंदसौर


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.