मंदसौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का सपना दिल्ली मुम्बई नेशनल एक्सप्रेस वे के रूप में जल्द पूरा होने वाला है. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का निर्माण अब धरातल पर साकार होता दिखाई दे रहा है. आठ लेन वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण 35 फीसदी तक पूरा हो चुका है. कई जगह तो डामरीकरण का कार्य भी हो चुका है. मध्यप्रदेश में यह एक्सप्रेस-वे करीब 245 किलोमीटर के एरिये से गुजरेगा.
137 गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमा से सटे मेघनगर होते हुए भवानी मंडी तक करीब 137 गांवों के मध्य से ये एक्सप्रेस-वे गुजरेगा. इन ग्रामीण इलाकों में एक्सप्रेस-वे बनने के बाद तेजी से विकास होने की सम्भावनाएं बढ़ गई है. प्रदेश सरकार के सहयोग से जिला प्रशासन ने मंदसोर जिले के सुवासरा, गरोठ और गांधी सागर इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का रोडमैप तैयार कर लिया है. उधर क्षेत्र की मसाला खेती और फ्रूट किस्मों के लिए हब तैयार किया जा रहा है, ताकि किसान अपनी उपज को सीधे बेच सके. करीब 1400 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-मुम्बई की सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी.
2022 में जनता के लिए खोला जाएगा
वहीं दोनों महानगरों के बीच की दूरी भी 209 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. वहीं रास्ता तय करने में लगने वाला समय भी आधा हो जाएगा. अभी दिल्ली से मुंबई पहुचने में 24 घंंटों का सफर तय करना होता है. जिनकी एक्सप्रेस वे-बन जाने के बाद 10 से 12 घण्टों में मुम्बई से दिल्ली पहुंचा जा सकता है. इस काम को अंजाम दे रहे अधिकारियों की माने तो साल के अंत तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. 2022 में यह एक्सप्रेस-वे जनता को समर्पित हो जाएगा. हालांकि कोरोना काल के चलते केंद्र सरकार में इसकी तय समय सीमा बढ़ाकर 2022 के अंत तक की है, लेकिन निर्माण कंपनी इसे तय समय से पहले दिसम्बर 2021 में ही पूरा करने का दावा कर रही है. प्रोजेक्ट हेड के दावों को माने तो इसी साल यह बड़ी सौगात जनता को मिल सकती है.