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मंदसौर: कोरोना का कोहराम, औद्योगिक ऑक्सीजन से बची मरीजों की जान

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Published : Apr 21, 2021, 11:55 AM IST

कोरोना महामारी से मंदसौर के हालत बहुत खराब है. जिले में ऑक्सीजन की कमी होने से औद्योगिक ऑक्सीजन से लोगों की जान बचाने की जद्दोजहद की जा रही है.

Burning pyre in muktidham
मुक्तिधाम में जलती चिताएं

मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में कोरोना कहर ढा रहा है. जिले में 300 बिस्तरों के अस्पताल की हालत यह है कि मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है. जिला प्रशासन ने सिटी हॉस्पिटल के अलावा चार अन्य कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाए है. जिले में पांच सौ से अधिक एक्टिव मरीज है. इनमें 60 फीसदी मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है.

कोरोना का कोहराम
  • औद्योगिक ऑक्सीजन से बची मरीजों की जान

शहर के मुक्तिधाम में जलती चिताएं शहर की भयावह स्थिति बता रही है. आलम यह है कि पहले हर दिन में 2 शव मुक्तिधाम पहुंचते थे, जबकि अब 15 से 20 शव प्रतिदिन मुक्तिधाम पहुंच रहे है. ऑक्सीजन की कमी से जुंझ रहे अस्पताल में बीते 15 अप्रैल को अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन की सांस उस वक्त ऊपर नीचे हो गई, जब हॉस्पिटल में सौ मरीजों का ऑक्सीजन खत्म हो गया. जिला कोवीड प्रभारी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया में वेल्डिंग दुकानों और फेक्ट्रियों में उयोग होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर देने की गुहार लगाई. तब कही जाकर मरीजो की जान बचाई जा सकी.

ऑक्सीजन की कमीः औद्योगिक ऑक्सीजन सिलेंडरों को किया जा रहा जब्त

  • 26 अप्रैल तक लॉक रहेगा शहर

जिले के फेक्ट्री मालिकों और अन्य लोगों ने अपनी दुकानों और फेक्ट्रियों से सिलेंडर को जिला अस्पताल में भेजे जा रहे है. जिला प्रशासन का दावा है कि अगले हफ्ते तक ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन शुरू हो जाएगा. फिलहाल जिला अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. इस प्लांट से हर घंटे 30 हजार लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. जिला अस्पताल के 90 फीसदी हिस्से को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किया गया है. इसके साथ ही नए आइसोलेशन सेंटर भी बनाए गए है. जिला प्रशासन ने अगले 2 दिनों में 600 बेड बढ़ाए जाने का दावा किया है. उधर बढ़ते कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को हुई क्राइसेस मैनेजमेंट की बेठक में मंदसौर जिले में 26 अप्रैल तक 10 दिन का लॉकडाउन लगाया गया.

मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में कोरोना कहर ढा रहा है. जिले में 300 बिस्तरों के अस्पताल की हालत यह है कि मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है. जिला प्रशासन ने सिटी हॉस्पिटल के अलावा चार अन्य कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाए है. जिले में पांच सौ से अधिक एक्टिव मरीज है. इनमें 60 फीसदी मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है.

कोरोना का कोहराम
  • औद्योगिक ऑक्सीजन से बची मरीजों की जान

शहर के मुक्तिधाम में जलती चिताएं शहर की भयावह स्थिति बता रही है. आलम यह है कि पहले हर दिन में 2 शव मुक्तिधाम पहुंचते थे, जबकि अब 15 से 20 शव प्रतिदिन मुक्तिधाम पहुंच रहे है. ऑक्सीजन की कमी से जुंझ रहे अस्पताल में बीते 15 अप्रैल को अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन की सांस उस वक्त ऊपर नीचे हो गई, जब हॉस्पिटल में सौ मरीजों का ऑक्सीजन खत्म हो गया. जिला कोवीड प्रभारी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया में वेल्डिंग दुकानों और फेक्ट्रियों में उयोग होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर देने की गुहार लगाई. तब कही जाकर मरीजो की जान बचाई जा सकी.

ऑक्सीजन की कमीः औद्योगिक ऑक्सीजन सिलेंडरों को किया जा रहा जब्त

  • 26 अप्रैल तक लॉक रहेगा शहर

जिले के फेक्ट्री मालिकों और अन्य लोगों ने अपनी दुकानों और फेक्ट्रियों से सिलेंडर को जिला अस्पताल में भेजे जा रहे है. जिला प्रशासन का दावा है कि अगले हफ्ते तक ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन शुरू हो जाएगा. फिलहाल जिला अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. इस प्लांट से हर घंटे 30 हजार लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. जिला अस्पताल के 90 फीसदी हिस्से को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किया गया है. इसके साथ ही नए आइसोलेशन सेंटर भी बनाए गए है. जिला प्रशासन ने अगले 2 दिनों में 600 बेड बढ़ाए जाने का दावा किया है. उधर बढ़ते कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को हुई क्राइसेस मैनेजमेंट की बेठक में मंदसौर जिले में 26 अप्रैल तक 10 दिन का लॉकडाउन लगाया गया.

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