मंडला। कोरोना महामारी के दौर में भी जिले के झोलाझाप डॉक्टर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. प्रशासन की टीम ने बम्हनी बंजर इलाके से ऐसे ही दो झोलाछाप डॉक्टर्स को पकड़ा है, जो बिना डिग्री के ही कोविड मरीजों का इलाज करते थे. शिकायत मिलने के बाद BMO, अपर कलेक्टर और तहसीलदार के साथ पुलिस मौके पर पहुंची. और झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक को सील कर वहां रखी सारी दवाईयां जब्त की.
पुलिस के हत्थे चढ़े दो झोलाछाप डॉक्टर
आदिवासी बहुल्य जिला मंडला कई मामलों में बाकी जिलों से पीछे है. यहां के लोग आज भी एलोपैथिक दवाई और अस्पताल में इलाज कराने से डरते हैं. और झोलाछाप डॉक्टर इसी का फायदा उठाते हैं. छोटे-छोटे गांव और कस्बों में बसे फर्जी डॉक्टर मौके का फायदा उठाकर इलाज करने लगते हैं. बम्हनी बंजर में एक ऐसा भी डॉक्टर मिला जो आठवीं फेल था. लेकिन इसके बाद भी उसे इलाके का सबसे बड़ा सर्जन माना जाता है. प्रशासन को जब इसकी शिकायत मिली, तो टीम फौरन पुलिस के साथ रवाना हुई और मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की.
बिना डिग्री के संचालित हो रहे थे क्लिनिक, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में 2 दवाखाना सील
क्लिनिक से बरामद दवाई की नष्ट
झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्रवाई के दौरान अपर कलेक्टर मीना मसराम, तहसीलदार, BMO और थाना प्रभारी मौजूद थे. इस संयुक्त कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में क्लीनिक से दवा बरामद की गई. जिन्हें जब्त कर प्रशासन ने नष्ट कर दिया. वहीं पकड़ाए झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.