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आदिवासी महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री - mp news

मंडला जिले में हो रहे दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव में त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने प्राचीन महलों को देखा और आदिवासी परम्परा की सराहना की.

Tripura Deputy Chief Minister arrives to attend tribal festival
आदिवासी महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री
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Published : Feb 16, 2020, 5:48 PM IST

मण्डला। रामनगर में चल रहे दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव के दूसरे दिन त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री और प्राचीन आपा समाज के राजा जिष्णु देब बर्मा रामनगर पहुंचे. जहां उन्होंने आजादी की लड़ाई में जनजातियों के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इतिहास में बस एक परिवार को पढ़ाया गया, लेकिन अब इसमें सुधार हो रहा है. कार्यक्रम के बाद जिष्णु ने गौड़ कालीन राजाओं के प्राचीन महलों को देखा और आदिवासी परम्परा की सराहना की.

आदिवासी महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिष्णु ने कहा कि हमें इतिहास में लगातार यही पढ़ाया जा रहा था कि आजादी किसी एक परिवार के द्वारा लड़ाई से मिली है, लेकिन अब इतिहास को सुधारा जा रहा है. लोग समझ रहे हैं कि आजादी किसी एक परिवार की लड़ाई से नहीं मिली, बल्कि इसमें जनजातियों का भी बड़ा योगदान है. उन्होंने आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास की सराहना करते हुए कहा कि मण्डला के समृद्धशाली महलों को देखकर इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के गौंड राजा कितने समृद्ध रहे हैं. प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा हमारी धरोहर है, जिनका संरक्षण करना चाहिए. तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ी को इस गौरव से परिचित करा सकते हैं.

त्रिपरा के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डला और केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते से उनके पुराने सम्बन्ध हैं. इस तरह के आयोजनों में उन्हें आने का मौका मिला तो वे जरूर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जिष्णु ने यहां लगाए गए स्टोल जिनमें आदिवासी कलाओं की झलक प्रदर्शित की गई है, उनका अवलोकन भी किया. साथ ही कलाकारों की तारीफ भी की. कार्यक्रम में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके भी मौजूद रहे.

मण्डला। रामनगर में चल रहे दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव के दूसरे दिन त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री और प्राचीन आपा समाज के राजा जिष्णु देब बर्मा रामनगर पहुंचे. जहां उन्होंने आजादी की लड़ाई में जनजातियों के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इतिहास में बस एक परिवार को पढ़ाया गया, लेकिन अब इसमें सुधार हो रहा है. कार्यक्रम के बाद जिष्णु ने गौड़ कालीन राजाओं के प्राचीन महलों को देखा और आदिवासी परम्परा की सराहना की.

आदिवासी महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिष्णु ने कहा कि हमें इतिहास में लगातार यही पढ़ाया जा रहा था कि आजादी किसी एक परिवार के द्वारा लड़ाई से मिली है, लेकिन अब इतिहास को सुधारा जा रहा है. लोग समझ रहे हैं कि आजादी किसी एक परिवार की लड़ाई से नहीं मिली, बल्कि इसमें जनजातियों का भी बड़ा योगदान है. उन्होंने आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास की सराहना करते हुए कहा कि मण्डला के समृद्धशाली महलों को देखकर इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के गौंड राजा कितने समृद्ध रहे हैं. प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा हमारी धरोहर है, जिनका संरक्षण करना चाहिए. तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ी को इस गौरव से परिचित करा सकते हैं.

त्रिपरा के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डला और केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते से उनके पुराने सम्बन्ध हैं. इस तरह के आयोजनों में उन्हें आने का मौका मिला तो वे जरूर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जिष्णु ने यहां लगाए गए स्टोल जिनमें आदिवासी कलाओं की झलक प्रदर्शित की गई है, उनका अवलोकन भी किया. साथ ही कलाकारों की तारीफ भी की. कार्यक्रम में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके भी मौजूद रहे.

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