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आस्था या अंधविश्वास ? यहां लोग कर रहे एक पेड़ की पूजा

मंडला जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर नैनपुर तहसील के ग्राम गोंझि में ग्रामीण आस्था के नाम पर एक पेड़ की पूजा कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों की आस्था का रियलिटी टेस्ट किया. जानिए रियलिटी टेस्ट में क्या सच्चाई सामने आई...

faith or superstition
आस्था या अंधविश्वास
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Published : Jan 24, 2020, 6:01 PM IST

मंडला। किसी महिला को सपना आया पेड़ में हैं दैवीय शक्ति का और लगने लगा लोगों का हुजूम. फिर क्या था महुए के झाड़ की पूजा भी होने लगी, नारियल अगरबत्ती के साथ चढ़ने लगी चढ़ोत्तरी. ऐसा ही मंडला के नैनपुर तहसील में एक पेड़ है जहां पर हजारों लोगों का तांता लग रहा है, लोगों का कहना है कि यहां उनकी परेशानी पेड़ की शक्ति दूर करती है.

मंडला के ग्राम गोंझि में लोग कर रहे एक पेड़ की पूजा

नैनपुर तहसील के गोंझि में अंधविश्वास का हुजूम

यह महुए का पेड़ मंडला जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर नैनपुर तहसील के ग्राम गोंझि में है. जो स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से लेकर नोकरीपेशा और खेती किसानी करने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है और उमड़ रही भीड़ को देखते हुए ग्रामीण यहां मंदिर बनाने तक का प्लान कर रहे हैं.

Villagers gathering in the name of faith
आस्था के नाम पर जुच रही ग्रामीणों की भीड़

कैसे शुरू हुआ अंधविश्वास का सिलसिला ?

एक हफ्ते पहले गाँव की महिला बिसरो बाई को सपना आया कि महुए के पेड़ में शक्ति है वहां पूजा करें, सुबह महिला परिजनों के साथ गयी पूजा की. जिसे लोगों ने देखा और महिला की कहानी सुनी और इसके बाद गांव के लोग भी यहां पहुंचे और पूजा शुरू कर दी.

Villagers are worshiping this tree
इसी पेड़ की पूजा कर रहे हैं ग्रामीण

दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचने का दावा

लोग पेड़ के नीचे अपने दोनों हाथों की हथेली को जमीन पर रखते हैं, जो कुछ देर में अपने आप ही पेड़ की तरफ खिंचने लगती हैं और फिर अपने आप ही यह आकर्षण खत्म भी हो जाता है. इसके साथ ही लोगों की शारीरिक बीमारी के साथ ही हर तरह की परेशानियों का हल हो जाता है.

People here claim to have both hands pulled by trees
यहां लोग करते हैं दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचे जाने का दावा

क्या कहता है साइंस ?

बात की जाए आस्था या अंध विश्वास की तो विज्ञान इन चीजों को नहीं स्वीकारता. यही बात कह रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी. जिनके अनुसार यदि सौ लोग किसी एक स्थान पर एक जैसी परेशानी लेकर जाते हैं और स्वाभाविक रूप से भी परेशानी दूर हो जाए तो लोगों की मानशिकता किसी शक्ति का ही चमत्कार की बन जाती है.

क्या कर रहा प्रशासन ?

लोगों का हुजूम उमड़ रहा है और प्रशासन को भी इसकी खबर है. लेकिन इस अंधविश्वास को रोकने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, बस जांच की बात कही जा रही.

ईटीवी भारत ने किया ग्राउंड जीरो पर रियल्टी टेस्ट

ईटीवी भारत की टीम ने यहाम पहुंचकर महुए के पेड़ की शक्ति का रियलटी टेस्ट किया, तो हमारी टीम को यहां किसी तरह की शक्ति का ना तो आभास हुआ ना ही पेड़ के द्वारा हमारे संवाददाता के हाथों को आकर्षित किया गया. रियल्टी टेस्ट के बाद हमारा जो अनुभव था वो बस इस बात की तसदीक करता है कि इस स्थान को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं उनमें जरा भी सच्चाई नहीं है.

ETV Bharat team did reality check
ईटीवी भारत की टीम ने किया रियलिटी चेक

मंडला। किसी महिला को सपना आया पेड़ में हैं दैवीय शक्ति का और लगने लगा लोगों का हुजूम. फिर क्या था महुए के झाड़ की पूजा भी होने लगी, नारियल अगरबत्ती के साथ चढ़ने लगी चढ़ोत्तरी. ऐसा ही मंडला के नैनपुर तहसील में एक पेड़ है जहां पर हजारों लोगों का तांता लग रहा है, लोगों का कहना है कि यहां उनकी परेशानी पेड़ की शक्ति दूर करती है.

मंडला के ग्राम गोंझि में लोग कर रहे एक पेड़ की पूजा

नैनपुर तहसील के गोंझि में अंधविश्वास का हुजूम

यह महुए का पेड़ मंडला जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर नैनपुर तहसील के ग्राम गोंझि में है. जो स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से लेकर नोकरीपेशा और खेती किसानी करने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है और उमड़ रही भीड़ को देखते हुए ग्रामीण यहां मंदिर बनाने तक का प्लान कर रहे हैं.

Villagers gathering in the name of faith
आस्था के नाम पर जुच रही ग्रामीणों की भीड़

कैसे शुरू हुआ अंधविश्वास का सिलसिला ?

एक हफ्ते पहले गाँव की महिला बिसरो बाई को सपना आया कि महुए के पेड़ में शक्ति है वहां पूजा करें, सुबह महिला परिजनों के साथ गयी पूजा की. जिसे लोगों ने देखा और महिला की कहानी सुनी और इसके बाद गांव के लोग भी यहां पहुंचे और पूजा शुरू कर दी.

Villagers are worshiping this tree
इसी पेड़ की पूजा कर रहे हैं ग्रामीण

दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचने का दावा

लोग पेड़ के नीचे अपने दोनों हाथों की हथेली को जमीन पर रखते हैं, जो कुछ देर में अपने आप ही पेड़ की तरफ खिंचने लगती हैं और फिर अपने आप ही यह आकर्षण खत्म भी हो जाता है. इसके साथ ही लोगों की शारीरिक बीमारी के साथ ही हर तरह की परेशानियों का हल हो जाता है.

People here claim to have both hands pulled by trees
यहां लोग करते हैं दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचे जाने का दावा

क्या कहता है साइंस ?

बात की जाए आस्था या अंध विश्वास की तो विज्ञान इन चीजों को नहीं स्वीकारता. यही बात कह रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी. जिनके अनुसार यदि सौ लोग किसी एक स्थान पर एक जैसी परेशानी लेकर जाते हैं और स्वाभाविक रूप से भी परेशानी दूर हो जाए तो लोगों की मानशिकता किसी शक्ति का ही चमत्कार की बन जाती है.

क्या कर रहा प्रशासन ?

लोगों का हुजूम उमड़ रहा है और प्रशासन को भी इसकी खबर है. लेकिन इस अंधविश्वास को रोकने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, बस जांच की बात कही जा रही.

ईटीवी भारत ने किया ग्राउंड जीरो पर रियल्टी टेस्ट

ईटीवी भारत की टीम ने यहाम पहुंचकर महुए के पेड़ की शक्ति का रियलटी टेस्ट किया, तो हमारी टीम को यहां किसी तरह की शक्ति का ना तो आभास हुआ ना ही पेड़ के द्वारा हमारे संवाददाता के हाथों को आकर्षित किया गया. रियल्टी टेस्ट के बाद हमारा जो अनुभव था वो बस इस बात की तसदीक करता है कि इस स्थान को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं उनमें जरा भी सच्चाई नहीं है.

ETV Bharat team did reality check
ईटीवी भारत की टीम ने किया रियलिटी चेक
Intro:(इस खबर को लेकर उदय भटनागर जी से बात हुई थी उनसे इस खबर को लेकर डिस्कस किया गया है रियल्टी टेस्ट के साथ ही वाक थ्रू भी किया गया है, कुछ और भी विजुअल या बाईट आवश्यक हों तो भेज दिए जायेंगे )

किसी महिला को सपना आया पेड़ में हैं दैवीय शक्ति और लगने लगा लोगों का हुजूम महुए के झाड़ की पूजा भी होने,नारियल अगरबत्ती के साथ चढ़ने लगी चढ़ोत्तरी ये आस्था या अंधविश्वास की वो कड़ी है जिसके बीच का फर्क खत्म होते ही मन्नतें माँगी जाती हैं और शुरू हो जाता है भीड़ का वो सिलसिला जो किसी पेड़ को देवता बना देता है


Body:मण्डला जिले की नैनपुर तहसील में एक चमत्कारी पेड़ पर हज़ारों लोगों का तांता लग रहा है जिसके लिए कहा जा रहा कि यहाँ लोगों की परेशानी पेड़ की शक्ति दूर करती है।

कैसे शुरू हुआ अंधविश्वास का सिलसिला ?

एक हफ्ते पहले गाँव की महिला बिसरो बाई को सपना आया कि महुए के पेड़ में शक्ति है वहाँ पूजा करे,सुबह महिला परिजनों के साथ गयी पूजा की जिसे लोगों ने देखा और महिला की कहानी सुनी और इसके बाद गाँव के लोग भी यहाँ पहुँचे और आस्था का वो सिलसिला चालू हो गया कि यहाँ अब रोज लगभग एक हज़ार लोग अपनी मन्नत लेकर दुख तकलीफ दूर होने की आश लिए आते हैं,एक सप्ताह में अगरबत्ती जलाने से शुरू हुआ ये क्रम नारियल,धूप दीप से आगे दान पेटी तक जा पहुंचा है,इसकी ख्याति एक सप्ताह में ही इतनी हो गयी है कि महिला,पुरूष, बुजुर्ग और बच्चे यहाँ सुबह से साम हाजरी लगाने पहुँच रहे जिनकी पूजा कराने के लिए एक पंडा भी बैठ गया जिसके अनुसार महुए के इस पेड़ के नीचे ऐसी शक्ति है जो लोगों के दुख दर्द को दूर करती है और उस शक्ति का आभास भी होता है ।

दोनों हाथों को पेड़ द्वारा खींचने का दावा

लोग पेड़ के नीचे अपने दोनों हाथों की हथेली को जमीन पर रखते हैं जो कुछ देर में अपने आप ही पेड़ की तरफ खिंचने लगती हैं और फिर अपने आप ही यह आकर्षण खत्म भी हो जाता है इसके साथ ही लोगों की शारिरिक बीमारी के साथ ही हर तरह की परेशानियों का हल हो जाता है,

नैनपुर तहसील के गोंझि में अंधविश्वास का हुजूम

यह महुए का पेड़ मण्डला जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर नैनपुर तहसील के ग्राम गोंझि में है जो स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से लेकर नोकरीपेशा और खेती किसानी करने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है और उमड़ रही भीड़ को देखते हुए ग्रामीण यहाँ मंदिर बनाने तक का प्लान कर रहे हैं।

क्या कहता है साइंस

बात की जाए आस्था या अंध विश्वास की तो विज्ञान इन चीजों को नहीं स्वीकारता यही बात कह रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी जिनके अनुसार हर परेशानी दूर होती ही है,यदि सौ लोग किसी एक स्थान पर एक जैसी परेशानी लेकर जाते हैं और स्वाभाविक रूप से भी परेशानी दूर हो जाए तो लोगों की मानशिकता किसी शक्ति का ही चमत्कार की बन जाती है


Conclusion:क्या कर रहा प्रशासन

लोगों का हुजूम उमड़ रहा है और प्रशासन को भी इसकी खबर है लेकिन इस अंधविश्वास को रोकने के लिए अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है बस जाँच की बात कही जा रही।

ईटीवी भारत ने किया ग्राउंड जीरो पर रियल्टी टेस्ट

ईटीवी भारत जो लोगों में जागरूकता लाने के लिए कृत संकल्पित है उसकी टीम ने यहाँ पहुँच कर महुए के पेड़ की शक्ति का रियल्टी टेस्ट किया तो हमारी टीम को यहाँ किसी तरह की शक्ति का न तो आभास हुआ न ही पेड़ के द्वारा हमारे संवाददाता के हाथों को आकर्षित किया,रियल्टी टेस्ट के बाद हमारा जो अनुभव था वो बस इस बात की तसदीक करता है कि इस स्थान को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं उनमें जरा भी सच्चाई नहीं है अपने इरादों को मजबूत बना कर हर समस्याओं से लड़ा जा सकता है न कि पेड़ पर हाथ रख कर या गले मिल कर परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

बाईट--स्थानीय निवासी
बाईट--विकस कुमार वैष्णव,श्रद्धालु
बाईट--कविता नागवंशी,साइंस की छात्रा
बाईट--डॉ सुरेंद्र बरकड़े,एस एस सी नैनपुर
बाईट--रीता डहेरिया,एसडीएम नैनपुर
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