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किस काम का पौधारोपण, जब राजनाथ सिंह के पौधे को भी न बचा पाए 'शिव' राज

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 'नर्मदा सेवा यात्रा' का हिस्सा बनने देश के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते के साथ-साथ धर्माचार्य भी पहुंचे थे. इस दौरान कुम्भ स्थल पर राजनाथ सिंह ने शिवराज सिंह के साथ पौधारोपण भी किया, लेकिन आज यहां न तो पौधे हैं और न ही उनके ठूंठ दिखाई देते है.

Plantation
पौधारोपण
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Published : Mar 5, 2021, 4:57 PM IST

मंडला। 24 अप्रैल 2017 का नजारा मण्डला के लिए खास इसलिए था, क्योंकि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की 'नर्मदा सेवा यात्रा' का हिस्सा बनने देश के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ धर्माचार्य भी पहुंचे थे. शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. नर्मदा के घाटों का श्रृंगार किया गया और लाइटिंग के साथ ही शानदार मंच बनाया गया. वहीं खास व्यवस्थाएं भी की गईं थीं. नर्मदा के कुम्भ स्थल पर भी जहां राजनाथ सिंह ने शिवराज सिंह के साथ पौधारोपण भी किया था, लेकिन आज ईटीवी भारत दिखा रहा हैं यहां की जमीनी हकीकत...

राजनाथ सिंह ने लगाए पौधे, नहीं बचा पाए जिम्मेदार
नर्मदा के किनारे कुम्भ स्थल पर मोदी सरकार पार्ट-1 के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ मिलकर त्रिगुण्डी पौधारोपण किया गया था, जिसमें पीपल, बरगद और नीम पौधे शामिल थे, जिनका धार्मिक महत्व भी है, लेकिन आज यहां न तो पौधे हैं और न ही उनके ठूंठ दिखाई देते है. साथ ही पश्चिम वन मंडल , मण्डला, मध्य वन वृत्त जबलपुर के द्वारा लगाए गए साढ़े तीन हजार पौधों के एक चौथाई पौधे दिखाई देते है, जबकि चारों तरफ ही जालियां लगाई गईं थीं. ऐसे में समझा जा सकता है कि पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी जिम्मेदार इतने महत्वपूर्ण व्यक्तियों के द्वारा लगाए गए पौधों की सुरक्षा नहीं कर पाए.

नहीं नजर आ रहे पौधे
रोपे गए थे 4 हजार पौधेतत्कालीन नगर पालिका के अध्यक्ष नरेश कछवाहा बताते हैं कि इस स्थान पर करीब 4 हजार पौधे लगाए गए थे, जिसमें 500 पौधों को नगर पालिका और 30 पौधों को जिला पंचायत ने गोद लिया था. बाकी के पौधों की देखरेख वन विभाग को करनी थीं, जिसमें वो पौधे भी शामिल थे, जो राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लगाए गए थे, लेकिन तकरीबन 4000 पौधों में से महज कुछ पौधे ही कहीं-कहीं दिखाई देते हैं. बाकी का मैदान साफ हो चुका है, जबकि हर जगह सीमेंट के खम्भों के सहारे मवेशियों से बचाने के लिए जालियां लगाई गईं थीं.


भोपाल में सीएम शिवराज ने किया पौधारोपण


बिसार दी गईं राजनाथ सिंह की बातें
मण्डला पहुंचे राजनाथ सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा और बृहद पौधारोपण के लिए शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की थीं. भाषण के दौरान सुप्रीम कोर्ट को कोट करते हुए उन्होंने कहा था कि नदियों को निर्जीव न माना जाए और जिस तरह की सजा किसी तरह की हिंसा सजीव के साथ करने पर दी जाती है, उसी तरह की सजा नदियों और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए भी होनी चाहिए.

राजनाथ सिंह ने शिवराज सिंह को इसके लिए विधानसभा में विधेयक पास कराने की भी सलाह दी थी, लेकिन इतने वरिष्ट नेता की बात पर भी किसी ने तवज्जो न दी. इतनी बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की सुरक्षा न कर पाने वालों को सजा तो दूर, किसी को यह भी ध्यान नहीं कि यहां पौधे लगाए भी गए थे.

जाने क्या थी यात्रा और कितना हुआ था खर्च ?
नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा दिसम्बर 2016 से शुरू होकर 15 मई 2017 को समाप्त हुई थी, जिसके समापन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे. साथ ही अलग-अलग पड़ाव पर शिवेंद्र सिंह रावत, योगी आदित्यनाथ जैसे देश के दिग्गज नेता, फिल्मी हस्तियां, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. विदेशों में भी इसे समर्थन के साथ सराहना मिली. उस समय के मानसून सत्र में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कोंग्रेसी विधायक गोविंद सिंह के सवाल का जबाब देते हुए सरकार द्वारा विधानसभा में जानकारी दी गई थी कि मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ने इस यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यों पर 19 करोड़ रुपए खर्च किए. वहीं मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने इस यात्रा के बारे में प्रचार-प्रसार के लिए अखबारों और टीवी चैनलों सहित विज्ञापन देने के लिए 21 करोड़ 58 लाख 40 हजार 344 रुपए खर्च किए.

विवादित रही पूरी यात्रा
नर्मदा सेवा यात्रा काफी विवादित भी रही. विपक्ष में बैठी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री की अमरकंटक यात्रा और उनके कार्यक्रम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया गया. सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि नर्मदा सेवा यात्रा पर 1500 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए.

मंडला। 24 अप्रैल 2017 का नजारा मण्डला के लिए खास इसलिए था, क्योंकि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की 'नर्मदा सेवा यात्रा' का हिस्सा बनने देश के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ धर्माचार्य भी पहुंचे थे. शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. नर्मदा के घाटों का श्रृंगार किया गया और लाइटिंग के साथ ही शानदार मंच बनाया गया. वहीं खास व्यवस्थाएं भी की गईं थीं. नर्मदा के कुम्भ स्थल पर भी जहां राजनाथ सिंह ने शिवराज सिंह के साथ पौधारोपण भी किया था, लेकिन आज ईटीवी भारत दिखा रहा हैं यहां की जमीनी हकीकत...

राजनाथ सिंह ने लगाए पौधे, नहीं बचा पाए जिम्मेदार
नर्मदा के किनारे कुम्भ स्थल पर मोदी सरकार पार्ट-1 के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ मिलकर त्रिगुण्डी पौधारोपण किया गया था, जिसमें पीपल, बरगद और नीम पौधे शामिल थे, जिनका धार्मिक महत्व भी है, लेकिन आज यहां न तो पौधे हैं और न ही उनके ठूंठ दिखाई देते है. साथ ही पश्चिम वन मंडल , मण्डला, मध्य वन वृत्त जबलपुर के द्वारा लगाए गए साढ़े तीन हजार पौधों के एक चौथाई पौधे दिखाई देते है, जबकि चारों तरफ ही जालियां लगाई गईं थीं. ऐसे में समझा जा सकता है कि पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी जिम्मेदार इतने महत्वपूर्ण व्यक्तियों के द्वारा लगाए गए पौधों की सुरक्षा नहीं कर पाए.

नहीं नजर आ रहे पौधे
रोपे गए थे 4 हजार पौधेतत्कालीन नगर पालिका के अध्यक्ष नरेश कछवाहा बताते हैं कि इस स्थान पर करीब 4 हजार पौधे लगाए गए थे, जिसमें 500 पौधों को नगर पालिका और 30 पौधों को जिला पंचायत ने गोद लिया था. बाकी के पौधों की देखरेख वन विभाग को करनी थीं, जिसमें वो पौधे भी शामिल थे, जो राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लगाए गए थे, लेकिन तकरीबन 4000 पौधों में से महज कुछ पौधे ही कहीं-कहीं दिखाई देते हैं. बाकी का मैदान साफ हो चुका है, जबकि हर जगह सीमेंट के खम्भों के सहारे मवेशियों से बचाने के लिए जालियां लगाई गईं थीं.


भोपाल में सीएम शिवराज ने किया पौधारोपण


बिसार दी गईं राजनाथ सिंह की बातें
मण्डला पहुंचे राजनाथ सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा और बृहद पौधारोपण के लिए शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की थीं. भाषण के दौरान सुप्रीम कोर्ट को कोट करते हुए उन्होंने कहा था कि नदियों को निर्जीव न माना जाए और जिस तरह की सजा किसी तरह की हिंसा सजीव के साथ करने पर दी जाती है, उसी तरह की सजा नदियों और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए भी होनी चाहिए.

राजनाथ सिंह ने शिवराज सिंह को इसके लिए विधानसभा में विधेयक पास कराने की भी सलाह दी थी, लेकिन इतने वरिष्ट नेता की बात पर भी किसी ने तवज्जो न दी. इतनी बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की सुरक्षा न कर पाने वालों को सजा तो दूर, किसी को यह भी ध्यान नहीं कि यहां पौधे लगाए भी गए थे.

जाने क्या थी यात्रा और कितना हुआ था खर्च ?
नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा दिसम्बर 2016 से शुरू होकर 15 मई 2017 को समाप्त हुई थी, जिसके समापन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे. साथ ही अलग-अलग पड़ाव पर शिवेंद्र सिंह रावत, योगी आदित्यनाथ जैसे देश के दिग्गज नेता, फिल्मी हस्तियां, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. विदेशों में भी इसे समर्थन के साथ सराहना मिली. उस समय के मानसून सत्र में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कोंग्रेसी विधायक गोविंद सिंह के सवाल का जबाब देते हुए सरकार द्वारा विधानसभा में जानकारी दी गई थी कि मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ने इस यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यों पर 19 करोड़ रुपए खर्च किए. वहीं मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने इस यात्रा के बारे में प्रचार-प्रसार के लिए अखबारों और टीवी चैनलों सहित विज्ञापन देने के लिए 21 करोड़ 58 लाख 40 हजार 344 रुपए खर्च किए.

विवादित रही पूरी यात्रा
नर्मदा सेवा यात्रा काफी विवादित भी रही. विपक्ष में बैठी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री की अमरकंटक यात्रा और उनके कार्यक्रम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया गया. सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि नर्मदा सेवा यात्रा पर 1500 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए.

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