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बैल की जगह खेत में महिलाओं से जुताई कराने का मामला, बयान से मुकरा किसान

बैल की जगह महिलाओं से खेत में हल चलवाने वाला किसान अपने बयान से मुकर गया है.

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Published : Jul 13, 2019, 8:30 AM IST

Updated : Jul 13, 2019, 12:01 PM IST

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मंडला। बैल की जगह महिलाओं से खेत में हल चलवाने वाला किसान अपने बयान से मुकर गया है. उसका कहना है कि उसके पास खेती तो नहीं, लेकिन एक जोड़ी बैल जरूर हैं. बिछिया तहसील के मुहाड़ गांव में बैलों की जगह किसान राजकुमार साहू बीते दिन अपनी पत्नी और घर की अन्य महिलाओं से खेत की जुताई करवा रहा था.

महिलाओं से जुताई के मामले में बयान से मुकरा किसान

जब ये मामला सामने आया तो किसान के घर प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम पहुंची. जिसे किसान ने बताया कि उसके पास एक जोड़ी बैल हैं, जहां उसने महिलाओं से खेत जुतवाया, वहां बैल ज्यादा दलदल होने के चलते नहीं जा पा रहे थे, इसलिए महिलाओं ने काम में हाथ बंटाया था.

जब मीडिया दूसरे दिन किसान के घर पहुंचा, तो बैल की जगह खेत में काम करने वाली महिलाएं कैमरे के सामने नही आईं. हालांकि महिलाओं ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को बताया कि ये महिला अत्याचार का मामला नहीं है, वे अपने घर का काम कर रही थीं.

बीते दिन गरीबी का हवाला देते हुए महिलाओं ने कहा था कि उनके पास 40 डिसमिल जमीन है, लेकिन बैल नहीं होने के चलते वह हल खींचकर खेती कर रही हैं. अब सवाल ये है कि शासन-प्रशासन की टीम पहुंचने के बाद किसान अपने बयान से अचानक क्यों मुकर गया.

मंडला। बैल की जगह महिलाओं से खेत में हल चलवाने वाला किसान अपने बयान से मुकर गया है. उसका कहना है कि उसके पास खेती तो नहीं, लेकिन एक जोड़ी बैल जरूर हैं. बिछिया तहसील के मुहाड़ गांव में बैलों की जगह किसान राजकुमार साहू बीते दिन अपनी पत्नी और घर की अन्य महिलाओं से खेत की जुताई करवा रहा था.

महिलाओं से जुताई के मामले में बयान से मुकरा किसान

जब ये मामला सामने आया तो किसान के घर प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम पहुंची. जिसे किसान ने बताया कि उसके पास एक जोड़ी बैल हैं, जहां उसने महिलाओं से खेत जुतवाया, वहां बैल ज्यादा दलदल होने के चलते नहीं जा पा रहे थे, इसलिए महिलाओं ने काम में हाथ बंटाया था.

जब मीडिया दूसरे दिन किसान के घर पहुंचा, तो बैल की जगह खेत में काम करने वाली महिलाएं कैमरे के सामने नही आईं. हालांकि महिलाओं ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को बताया कि ये महिला अत्याचार का मामला नहीं है, वे अपने घर का काम कर रही थीं.

बीते दिन गरीबी का हवाला देते हुए महिलाओं ने कहा था कि उनके पास 40 डिसमिल जमीन है, लेकिन बैल नहीं होने के चलते वह हल खींचकर खेती कर रही हैं. अब सवाल ये है कि शासन-प्रशासन की टीम पहुंचने के बाद किसान अपने बयान से अचानक क्यों मुकर गया.

Intro:मण्डला जिले की बिछिया तहसील के ग्राम मुहाड़ में बैलों की जगह अपनी पत्नी और घर की महिलाओं को जुताई के लिए लगाने वाला किसान राजकुमार अपने बयान से अब मुकर गया है उसका कहना है उसके पास एक जोड़ी बैल भी हैं लेकिन सवाल यह भी उठता है कि आखिर बैल हैं तो महिलाएं बैलों की जगह क्यों जोती जा रहीं थीं


Body:मण्डला जिले की बिछिया जनपद के ग्राम पंचायत में एक दिन पहले बैलों की जगह अपनी पत्नी और घर की महिलाओं से किसान राजकुमार साहू के द्वारा जुताई कराने का मामला सामने आया था जिसमें राजकुमार ने कैमरे के सामने कहा था कि उसके पास खेती के लिए 40 डिसमिल जमीन है लेकिन बैल न होने के चलते घर की महिलाओं से वह हल खिंचवा कर जुताई कर रहा है,बैलों की जगह हल खींचने वाली दोनों महिलाओं ने भी अपनी गरीबी का हवाला देते हुए यही बात की थी जिसके बाद राज कुमार साहू के घर शासन प्रशासन पहुँचा और मामले की जाँच की उसके दूसरे दिन जब मीडिया राजकुमार के पास पहुंची तो वह अपने पहले के बयानों से साफ मुकर गया उसका कहना है कि उसके खुद के नाम की जमीन तो नहीं है, लेकिन एक जोड़ी बैल हैं जरूर हैं और दूसरे की जमीन पर वह अधिया करके अपना जीवनयापन करता है,वहीँ महिलाओं को बैल की जगह जोतने की वजह पर वह कोई जबाब न दे पा रहा ,दूसरी तरफ वे दोनों महिलाएं जिन्होंने अपनी गरीबी और मजबूरी का बखान करते हुए कहा था कि यदि बैल की जगह खुद जुताई न करेंगी तो उनके घर का चूल्हा भी न जलेगा वे दोनों अब कुछ भी नहीं कह रहीं है, मामले के मीडिया में आने के बाद मण्डला जिले के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और साहू समाज की महिला जिला अध्यक्ष भी राजकुमार साहू के घर पहुँचे जिनका कहना है कि महिलाओं के द्वारा उन्हें बताया गया कि यह महिला अत्याचार का मामला नहीं बलिक परिवार की मदद के चलते उन्होंने जुताई में सहयोग किया था।


Conclusion:नागार्जुन को इस बात का पहले से ही अंदाजा था और उन्होंने एक कविता 1955 में लिखी थी कि,-मरो भूख से,फ़ौरन आ धमकेगा थानेदार
लिखवा लेगा घरवालों से-"वह तो था बीमार'
अगर भूख की बातों से तुम कर न सके इंकार,
फिर तो खाएँगे घरवाले हाकिम की फटकार,

किसान के घर शाशन प्रशासन पहुँचा उन्होंने अपनी जाँच भी की लेकिन ये सवाल ये उठता है कि कल तक अपनी गरीबी का बखान करने वाला और महिलाओं को बैल की जगह जोतने वाला किसान राजकुमार साहू अपने बयान से क्यों पलट गया ?

बाईट-- राजकुमार साहू किसान
बाईट--गीता साहू जिला महिला अध्यक्ष साहू समाज
बाईट--रेनू कछवाहा,जिला अध्यक्ष अभा हिन्दु सेवादल
Last Updated : Jul 13, 2019, 12:01 PM IST
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