मंडला। बैल की जगह महिलाओं से खेत में हल चलवाने वाला किसान अपने बयान से मुकर गया है. उसका कहना है कि उसके पास खेती तो नहीं, लेकिन एक जोड़ी बैल जरूर हैं. बिछिया तहसील के मुहाड़ गांव में बैलों की जगह किसान राजकुमार साहू बीते दिन अपनी पत्नी और घर की अन्य महिलाओं से खेत की जुताई करवा रहा था.
जब ये मामला सामने आया तो किसान के घर प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम पहुंची. जिसे किसान ने बताया कि उसके पास एक जोड़ी बैल हैं, जहां उसने महिलाओं से खेत जुतवाया, वहां बैल ज्यादा दलदल होने के चलते नहीं जा पा रहे थे, इसलिए महिलाओं ने काम में हाथ बंटाया था.
जब मीडिया दूसरे दिन किसान के घर पहुंचा, तो बैल की जगह खेत में काम करने वाली महिलाएं कैमरे के सामने नही आईं. हालांकि महिलाओं ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को बताया कि ये महिला अत्याचार का मामला नहीं है, वे अपने घर का काम कर रही थीं.
बीते दिन गरीबी का हवाला देते हुए महिलाओं ने कहा था कि उनके पास 40 डिसमिल जमीन है, लेकिन बैल नहीं होने के चलते वह हल खींचकर खेती कर रही हैं. अब सवाल ये है कि शासन-प्रशासन की टीम पहुंचने के बाद किसान अपने बयान से अचानक क्यों मुकर गया.