मंडला। विश्व प्रसिद्ध कान्हा टाइगर रिजर्व में हर साल सितंबर माह में 1 सप्ताह तक हाथियों के हाथियों का रिजुविनेशन कैम्प का आयोजन किया जाता है. इस बार भी रिजुविनेशन कैम्प में हाथियों की भरपूर खातिरदारी की गई. बता दें कि कान्हा नेशनल पार्क के अंदर केवल हाथी ही आवागमन का साधन हैं. हाथियों के सहयोग से ही प्रबन्धन पार्क के अंदर अवैध शिकारियों पर नजर व वन्य प्राणियों की देखरेख व पेट्रोलिंग करता है.
हाथियों की खुराक में विटामिन मिनरल का विशेष ध्यान: प्रबन्धन के पास 18 विभागीय हाथी हैं, रिजुविनेशन कैम्प में हाथियों की भरपूर खातिरदारी की जाती है. यानी सप्ताह भर हाथियों की पार्टी होती है. विशेष देख रेख में हाथियों को नहलाया जाता है. उनके सिर व शरीर पर अरण्डी और नीम के तेल से मालिश की जाती है. नाखूनों को काटा जाता है. उनके स्वास्थ्य की जांच विशेष पशु चिकित्सक की देख रेख में की जाती है. उन्हें विशेष दवाइयां दी जाती हैं. हाथियों को कच्चे नारियल, गन्ना, आम, केला, अनानस, अंजीर जैसे पौष्टिक फल, घास, मक्का, गेहूं, चने की विशेष रोटियां बार बार खिलाई जाती हैं. हाथियों की खुराक में विटामिन मिनरल का विशेष ध्यान दिया जाता है. उन्हें भरपुर आराम के बाद जंगल में घुमाया जाता है. यह क्रम एक सप्ताह तक चलता है.
Elephant camp कान्हा नेशनल पार्क में गजराज छुट्टियों का ले रहे मजा, पिकनिक में कर रहे मौज
सप्ताह भर मौज मस्ती करते हैं हाथी: रिजुविनेशन कैम्प का उद्देश्य हाथियों में नई ऊर्जा का संचार, मानसिक और शारीरिक आराम देना है. हाथी एक सामाजिक प्राणी है जो सप्ताह भर एक साथ रहते हुए मौज मस्ती करते हैं. पार्क के अंदर हाथी ही आवगमन का साधन हैं. जिनका पूर्ण सन्तुष्टि के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना आवश्यक है. जिसके लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में हर साल सितम्बर में रिजुविनेशन कैम्प का आयोजन किया जाता है.
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