मंडला। विगत दिनों सोशल मीडिया में मटियारी बांध की कुछ तस्वीरें वायरल हुई थीं. जिसमें बांध में दरार आने की बात कही जा रही थी. इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा इसे तेज एवं अत्यधिक बारिश के कारण टॉप लेवल पर डाउनस्ट्रीम साइड में ऐजिंग बताया. दावा किया गया कि बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना की आशंका नहीं है. कलेक्टर डॉ.सलोनी सिडाना ने बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण डैम में सामान्य एजिंग प्रोसेस से ऊपर की मिट्टी ढीली होने की वजह से बहकर नीचे की ओर आ जाती है. ये मिट्टी का कटाव अत्यधिक बारिश की वजह से हो जाता है.
सचेत है डब्ल्यूआरडी की टीम : कलेक्टर डॉ. सिडाना ने बताया कि डब्ल्यूआरडी की टीम सचेत है और परसों से ही काम कर रही है. एसई द्वारा निरीक्षण भी किया गया है. जहां मिट्टी का कटाव हुआ है वहां मुरम भरने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डैम पूरी तरह सुरक्षित है और उसके आसपास रहने वाले लोग भी पूरी तरह सुरक्षित हैं. बता दें कि मटियारी बांध बिछिया विकास खंड के अंजनिया के निकट ग्राम सिमरिया के पास स्थित है. नर्मदा की सहायक मटियारी नदी पर बना यह बांध फरवरी 1984 से जून 1986 के दौरान बनकर तैयार हुआ था. मटियारी डैम की कुल संग्रह छमता 56.8 mcm है, जिससे 14447 हेक्टेयर में सिंचाई होती है. मटियारी डैम का जलभराव 679 हैक्टेयर है.
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फसल नष्ट, मुआवजे की मांग : डिंडौरी जिले के शहपुरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम करौंदी में किसान हर्षमणि साहू के लगभग 2 एकड़ खेत में लगी धान की फसल माइनर नहर के फूटने से बर्बाद हो चुकी है. बिलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत नहरों का निर्माण कार्य कुछ वर्षों पूर्व किया गया था, जिससे कि किसानों के खेतों तक पानी सुचारू रूप से पहुंच सके. लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से नहरों का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन कराया गया था. जिससे कि नहरें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और किसानों के खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो रही हैं. नहर के क्षतिग्रस्त होने के कारण किसान हर्षमणि साहू ने मुआवजे की मांग की है.