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मंडी कर्मचारियों ने कृषि कानून के खिलाफ सौंपा ज्ञापन, बताया रोजगार छीनने वाला एक्ट

मण्डला में जिला मुख्यालय में मंडी कर्मचारी पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर नए कृषि बिल को रोजगार छीनने वाला बताया है.

Market employee
मंडी कर्मचारी
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Published : Oct 2, 2020, 7:41 PM IST

मण्डला। जिला मुख्यालय में मंडी कर्मचारी पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर नए कृषि कानून को रोजगार छीनने वाला बताया है. मंडी कर्मचारियों ने इस कानून को वापस लेने की बात कही हैं.

मंडी कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

मंडला में मंडी में काम करने वाले जिले भर के सभी कर्मचारी अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि मंडी कर्मचारियों का वेतन बढाया जाए. साथ ही पेंशन को भी सुव्यवस्थित किया जाए. इस मांग के साथ ही मंडी के कर्मचारी नए कृषि कानून को रोजगार छीनने वाला बता रहे हैं. इन कर्मचारियों ने बताया कि नए कृषि बिल के अनुसार मंडी के बाहर कोई भी व्यापारी किसानों से उनका अनाज खरीद सकता है. ऐसे में धीरे धीरे किसान अपनी उपज को बाहरी व्यापरियों को ही बेचना शुरू कर देंगे और मंडी में किसान और उनकी उपज आना कम हो जाएगी.

लिहाजा जिसके बाद ऐसा समय भी आ जाएगा कि किसान मंडी आना ही बंद कर देगा. मंडी कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं रहेगा, न ही उनकी उपयोगिता रहेगी. इसलिए नए बिल को जो संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से कानून बन गया है उसे वापस लिया जाना चाहिए. नहीं तो उसमें संसोधन कर मंडी कर्मचारियों के हक में कोई फैसला लिया जाना चाहिए.

मण्डला। जिला मुख्यालय में मंडी कर्मचारी पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर नए कृषि कानून को रोजगार छीनने वाला बताया है. मंडी कर्मचारियों ने इस कानून को वापस लेने की बात कही हैं.

मंडी कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

मंडला में मंडी में काम करने वाले जिले भर के सभी कर्मचारी अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि मंडी कर्मचारियों का वेतन बढाया जाए. साथ ही पेंशन को भी सुव्यवस्थित किया जाए. इस मांग के साथ ही मंडी के कर्मचारी नए कृषि कानून को रोजगार छीनने वाला बता रहे हैं. इन कर्मचारियों ने बताया कि नए कृषि बिल के अनुसार मंडी के बाहर कोई भी व्यापारी किसानों से उनका अनाज खरीद सकता है. ऐसे में धीरे धीरे किसान अपनी उपज को बाहरी व्यापरियों को ही बेचना शुरू कर देंगे और मंडी में किसान और उनकी उपज आना कम हो जाएगी.

लिहाजा जिसके बाद ऐसा समय भी आ जाएगा कि किसान मंडी आना ही बंद कर देगा. मंडी कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं रहेगा, न ही उनकी उपयोगिता रहेगी. इसलिए नए बिल को जो संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से कानून बन गया है उसे वापस लिया जाना चाहिए. नहीं तो उसमें संसोधन कर मंडी कर्मचारियों के हक में कोई फैसला लिया जाना चाहिए.

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