मंडला। सड़क में गड्ढे या गड्ढों में सड़क, जबलपुर से मंडला तक जाने वाले इस हाइवे को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है. क्योंकि इस हाईवे पर सड़क तो कही दिखती ही नहीं, दिखते है तो सिर्फ गड्ढे . हाइवे के निर्माण के लिए दो साल की समय सीमा तय की गई थी.
लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि पिछले चार सालों से हाईवे का निर्माण नहीं हो पाया है. मानसून ने इसकी बदसूरती पर और बट्टा लगा दिया है, क्योंकि यहां गुजरना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है. ड्राइवर से जरा सी चूक हुई नहीं कि इंसान इस दुनिया से उस दुनिया की सैर करने की कगार पर पहुंच जाता है.
हाइवे से गुजरने वाले यात्री हर दिन परेशानियों का सामना करते हैं. कहते हैं इस सड़क पर तो पैदल भी ठीक से नहीं चल सकते, गाड़ी चलाना तो दूर की बात है. जनप्रतिनिधि भी मामले में पल्ला झाड़ते नजर आते हैं. मंडला जिले के प्रभारी मंत्री तरुण भनोत निर्माण कार्य का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ते नजर आते हैं. कहते हैं हाईवे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से पैसा आता है हम क्या कर सकते हैं.
कुछ ऐसा ही जबाव मंडला सांसद और केन्द्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का है. सड़क का टेंडर हो चुका है. ठेकेदार को काम जल्द कराना चाहिए. बहरहाल सड़क बने या ना बने, लेकिन पक्ष और विपक्ष के लिए एक मुद्दा जरूर बन गया है. नेता जब गोंड वंश की राजधानी रहे मंडला में आते हैं तो इस मुद्दे पर जमकर सियासत होती है, लेकिन काम आज तक पूरा नहीं कराया गया है. चुनावी महासंग्राम में इस रोड का मुद्दा बहुत गूंजा, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद अब फिर एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने का दौर शुरु हो गया है.