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भाई बहन के रिश्ते की अनोखी मिसाल,दिव्यांग बहन की देखभाल के चलते भाई ने नहीं की शादी - mp news mandla brother sister

भाई-बहन का ये अनोखा रिश्ता, दिव्यांग बहन की देखरेख के लिए भाई ने नहीं रचाई शादी

मुकेश वर्मा, बहन अंजली के साथ
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Published : Aug 15, 2019, 3:23 AM IST

मंडला। भाई और बहन के प्यार की कितनी ही कहानियां आपने सुनी और देखी होंगी, लेकिन ये कहानी कुछ अलग है,भाई और बहन के प्यार की ये एक ऐसी मिशाल है जिसमें बड़े भाई ने अपनी छोटी बहन की देखरेख के लिए खुद की सारी खुशियां ही कुर्बान कर दीं,ताकि दिव्यांग बहन को किसी तरह की तकलीफ न हो सके.

मुकेश वर्मा, बहन अंजली के साथ

भाई बहन का प्यार दुनिया में हर एक रिश्ते से बड़ा होता है और इंसानों की तो दूर भगवान भी इस रिश्ते को निभाने के लिए स्वर्ग का आसन छोड़ बहन के प्यार के बंधन में बंधे चले आते हैं, ऐसा ही एक प्यारा सा रिश्ता है मुकेश वर्मा और अंजली वर्मा का है. अंजली की तबियत बचपन मे ऐसी बिगड़ी की ढाई साल की उम्र में उसने बोलने और सुनने की शक्ति खो दी,10 सालों से उसकी पूरी देखरेख कर रहे हैं बता दें कि 58 साल के मुकेश का 2006 में अपनी पत्नी से तलाक हो गया था लेकिन बहन को किसी तरह की दिक्कत न हो यह सोचकर उन्होंने दोबारा शादी का ख्याल भी अपने मन मे नहीं लाए.

दोनों भाई बहन साथ साथ रहते हैं और मुकेश घर का पूरा काम करते हैं जबकि दिव्यांग बहन उनके काम मे थोड़ी बहुत मदद कर देती है,दोनों की दिनचर्या में यह शामिल है कि भाई मुकेश अपनी बहन के साथ रोज शाम को नर्मदा के दर्शन के लिए ले जाते हैं और दोनों ही आर्थिक तंगी के चलते यहां माई की रसोई में मिलने वाला भोजन करके आते हैं,यह भाई बहन के प्यार की वो मिसाल है जिसमें बहन कुछ बोल तो नहीं पाती लेकिन प्यार के इस बंधन को निभा रही है।

मंडला। भाई और बहन के प्यार की कितनी ही कहानियां आपने सुनी और देखी होंगी, लेकिन ये कहानी कुछ अलग है,भाई और बहन के प्यार की ये एक ऐसी मिशाल है जिसमें बड़े भाई ने अपनी छोटी बहन की देखरेख के लिए खुद की सारी खुशियां ही कुर्बान कर दीं,ताकि दिव्यांग बहन को किसी तरह की तकलीफ न हो सके.

मुकेश वर्मा, बहन अंजली के साथ

भाई बहन का प्यार दुनिया में हर एक रिश्ते से बड़ा होता है और इंसानों की तो दूर भगवान भी इस रिश्ते को निभाने के लिए स्वर्ग का आसन छोड़ बहन के प्यार के बंधन में बंधे चले आते हैं, ऐसा ही एक प्यारा सा रिश्ता है मुकेश वर्मा और अंजली वर्मा का है. अंजली की तबियत बचपन मे ऐसी बिगड़ी की ढाई साल की उम्र में उसने बोलने और सुनने की शक्ति खो दी,10 सालों से उसकी पूरी देखरेख कर रहे हैं बता दें कि 58 साल के मुकेश का 2006 में अपनी पत्नी से तलाक हो गया था लेकिन बहन को किसी तरह की दिक्कत न हो यह सोचकर उन्होंने दोबारा शादी का ख्याल भी अपने मन मे नहीं लाए.

दोनों भाई बहन साथ साथ रहते हैं और मुकेश घर का पूरा काम करते हैं जबकि दिव्यांग बहन उनके काम मे थोड़ी बहुत मदद कर देती है,दोनों की दिनचर्या में यह शामिल है कि भाई मुकेश अपनी बहन के साथ रोज शाम को नर्मदा के दर्शन के लिए ले जाते हैं और दोनों ही आर्थिक तंगी के चलते यहां माई की रसोई में मिलने वाला भोजन करके आते हैं,यह भाई बहन के प्यार की वो मिसाल है जिसमें बहन कुछ बोल तो नहीं पाती लेकिन प्यार के इस बंधन को निभा रही है।

Intro:भाई और बहन के प्यार की कितनी ही कहानियां सुनी और कही जाती हैं लेकिन भाई और बहन के प्यार की ये एक ऐसी मिशाल है जिसमें बड़े भाई ने अपनी छोटी बहन की देख रेख के लिए खुद की सारी खुशियाँ ही कुर्बान कर दीं ताकि दिव्यांग बहन को किसी तरह की तकलीफ न हो


Body:भाई बहन का प्यार दुनिया के हर एक रिश्ते से पाक होता है और इंसानों की तो दूर भगवान भी इस रिश्ते को निभाने के लिए स्वर्ग का आसन छोड़ बहन के प्यार के बंधन में बंधे चले आते हैं,ऐसा ही एक प्यारा सा रिश्ता है मुकेश वर्मा और अंजली वर्मा के बीच,अंजली की तबियत बचपन मे ऐसी बिगड़ी की ढाई साल की उम्र में उसने बोलने और सुनने की शक्ति खो दी जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी उसके माता पिता निभाते रहे लेकिन दोनों के दुनिया से चले जाने के बाद अब दिव्यांग बहन को कौन सहारा दे यह बड़ी चिंता थी ऐसे में उसके बड़े भाई ने छोटे भाई के घर से जाकर उसे लेकर आए और 10 सालों से उसकी पूरी देख रेख कर रहे हैं बता दें कि 58 साल के मुकेश का 2006 में अपनी पत्नी से तलाक हो गया था लेकिन बहन को किसी तरह की दिक्कत न हो यह सोच कर उन्होंने दोबारा शादी का ख्याल भी अपने मन मे नहीं लाया


Conclusion:मुकेश और अंजली दोनों साथ साथ रहते हैं और मुकेश घर का पूरा काम करते हैं जबकि दिव्यांग बहन उनके काम मे थोड़ी बहुत मदद कर देती है,दोनों की दिनचर्या में यह शामिल है कि भाई मुकेश अपनी बहन के साथ रोज शाम को नर्मदा के दर्शन के लिए ले जाते हैं और दोनों ही आर्थिक तंगी के चलते यहाँ माई की रसोई में मिलने वाला भोजन करके आते हैं,यह भाई बहन के प्यार की वो मिसाल है जिसमें बहन कुछ बोल तो नहीं पाती लेकिन प्यार के इस बंधन को निभा रही है।

बाईट--मुकेश वर्मा,अंजली की बहन
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