मंडला। भाई और बहन के प्यार की कितनी ही कहानियां आपने सुनी और देखी होंगी, लेकिन ये कहानी कुछ अलग है,भाई और बहन के प्यार की ये एक ऐसी मिशाल है जिसमें बड़े भाई ने अपनी छोटी बहन की देखरेख के लिए खुद की सारी खुशियां ही कुर्बान कर दीं,ताकि दिव्यांग बहन को किसी तरह की तकलीफ न हो सके.
भाई बहन का प्यार दुनिया में हर एक रिश्ते से बड़ा होता है और इंसानों की तो दूर भगवान भी इस रिश्ते को निभाने के लिए स्वर्ग का आसन छोड़ बहन के प्यार के बंधन में बंधे चले आते हैं, ऐसा ही एक प्यारा सा रिश्ता है मुकेश वर्मा और अंजली वर्मा का है. अंजली की तबियत बचपन मे ऐसी बिगड़ी की ढाई साल की उम्र में उसने बोलने और सुनने की शक्ति खो दी,10 सालों से उसकी पूरी देखरेख कर रहे हैं बता दें कि 58 साल के मुकेश का 2006 में अपनी पत्नी से तलाक हो गया था लेकिन बहन को किसी तरह की दिक्कत न हो यह सोचकर उन्होंने दोबारा शादी का ख्याल भी अपने मन मे नहीं लाए.
दोनों भाई बहन साथ साथ रहते हैं और मुकेश घर का पूरा काम करते हैं जबकि दिव्यांग बहन उनके काम मे थोड़ी बहुत मदद कर देती है,दोनों की दिनचर्या में यह शामिल है कि भाई मुकेश अपनी बहन के साथ रोज शाम को नर्मदा के दर्शन के लिए ले जाते हैं और दोनों ही आर्थिक तंगी के चलते यहां माई की रसोई में मिलने वाला भोजन करके आते हैं,यह भाई बहन के प्यार की वो मिसाल है जिसमें बहन कुछ बोल तो नहीं पाती लेकिन प्यार के इस बंधन को निभा रही है।