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3200 अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला मानदेय, धनतेरस के दिन धरने पर बैठे

मंडला में अतिथि शिक्षकों को पिछले कई महीने से मानदेय नहीं मिलने के चलते सभी शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं.और जल्द से जल्द मानदेय देने की बात कर रहे हैं.

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Published : Oct 25, 2019, 5:06 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 7:53 PM IST

धनतेरस के दिन अतिथि शिक्षक बैठे धरने पर

मंडला। जिले के 32 सौ अतिथि शिक्षकों को पिछले कई महीने से मानदेय नहीं मिला है. सभी अतिथि शिक्षक लगातार मिल रहे आश्वासन से परेशान होकर अब धरने पर बैठ गए हैं. वहीं सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास का कहना है कि बजट आते ही दीवाली के बाद अतिथि शिक्षकों को मानदेय दे दिया जाएगा.

धनतेरस के दिन अतिथि शिक्षक बैठे धरने पर


जिले के अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 4 महीने से ज्यादा हो जाने के बाद भी उनके मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है. आज हालत यह है कि उनके पास दीवाली के दिये तक खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में वे अपनी पत्नी और बच्चों के सामने जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं. जिनकी निगाह से बचने के लिए सभी अतिथि शिक्षकों के पास धरने पर बैठने के अलावा कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा है.


जिले में 32 सौ से ज्यादा शिक्षक ऐसे हैं जो स्कूल में पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाते हैं. लेकिन जब इनके भुगतान की बारी आती है तो कई अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. जिसके बाद भी अतिथि शिक्षकों का भुगतान नहीं किया जाता. ऐसे ही तमाम त्योहार निकल गए लेकिन दीवाली जो सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है वह भी शिक्षक सरकार की उदासीनता के चलते अंधेरे में मनाने के लिए मजबूर हैं.


अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं होने पर आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त विजय तेकाम का कहना है कि लगातार मांग करने के बाद भी बजट न आ पाने के चलते इनका भुगतान नहीं हो पाया जो दीवाली के बाद कर दिया जाएगा.

मंडला। जिले के 32 सौ अतिथि शिक्षकों को पिछले कई महीने से मानदेय नहीं मिला है. सभी अतिथि शिक्षक लगातार मिल रहे आश्वासन से परेशान होकर अब धरने पर बैठ गए हैं. वहीं सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास का कहना है कि बजट आते ही दीवाली के बाद अतिथि शिक्षकों को मानदेय दे दिया जाएगा.

धनतेरस के दिन अतिथि शिक्षक बैठे धरने पर


जिले के अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 4 महीने से ज्यादा हो जाने के बाद भी उनके मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है. आज हालत यह है कि उनके पास दीवाली के दिये तक खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में वे अपनी पत्नी और बच्चों के सामने जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं. जिनकी निगाह से बचने के लिए सभी अतिथि शिक्षकों के पास धरने पर बैठने के अलावा कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा है.


जिले में 32 सौ से ज्यादा शिक्षक ऐसे हैं जो स्कूल में पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाते हैं. लेकिन जब इनके भुगतान की बारी आती है तो कई अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. जिसके बाद भी अतिथि शिक्षकों का भुगतान नहीं किया जाता. ऐसे ही तमाम त्योहार निकल गए लेकिन दीवाली जो सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है वह भी शिक्षक सरकार की उदासीनता के चलते अंधेरे में मनाने के लिए मजबूर हैं.


अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं होने पर आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त विजय तेकाम का कहना है कि लगातार मांग करने के बाद भी बजट न आ पाने के चलते इनका भुगतान नहीं हो पाया जो दीवाली के बाद कर दिया जाएगा.

Intro:मण्डला जिले के 32 सौ अतिथि शिक्षकों को बीते कई माह से मानदेय नहीं मिला है जो अब लगातार मिल रहे आश्वासन से परेशान होकर धरने पर बैठ गए है वहीं सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास का कहना है कि बजट आते ही दीवाली के बाद इनका मानदेय दे दिया जाएगा


Body:मण्डला जिले के अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 4 माह से ज्यादा हो जाने के बाद भी उनके मानदेय का भुगतान नहीं नहीं हो पा रहा और आज हालत यह है कि उनके पास दीवाली के दिये तक खरीदने को पैसे नहीं हैं ऐसे में वे अपनी पत्नी और बच्चों के सामने जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे जिनकी निगाह से बचने के लिए सभी अतिथि शिक्षकों के पास धरने पर बैठने के अलावा कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा,जिले के ऐसे 32 सौ से ज्यादा शिक्षक हैं जो स्कूल में पढाई लिखाई का जिम्मा पूरी ईमानदारी से निभाते हैं लेकिन जब भुगतान की बारी आती है तो उन्हें इस अधिकारी से उस अधिकारी के पास बार बार चक्कर लगाने के बाद भी भुगतान नहीं किया जाता ऐसे ही तमाम त्यौहार निकल गए लेकिन दीवाली जो सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है वह भी वे सरकार की उदासीनता के चलते बिना अंधेरे में मनाने को मजबूर हैं।


Conclusion:अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं होने पर आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त विजय तेकाम का कहना है कि लगातार माँग करने के बाद भी बजट न आ पाने के चलते इनका भुगतान नहीं हो पाया जो दीवाली के बाद कर दिया जाएगा।

बाईट--अतिथि शिक्षक
बाईट--विजय तेकाम,सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग
Last Updated : Oct 25, 2019, 7:53 PM IST
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