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शिक्षक दिवस पर सड़कों पर शिक्षक, फल-सब्जी और बूट पॉलिश की दुकान लगाकर किया प्रदर्शन - चयनित शिक्षा कर्मी

आज पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. लेकिन खरगोन में 2018 में चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति को लेकर सड़कों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें शिक्षकों ने भुट्टे, फल-सब्जी और बूट पॉलिश की दुकान लगाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.

Teachers in the streets on teachers day
शिक्षक दिवस पर सड़कों में शिक्षक
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Published : Sep 5, 2020, 7:52 PM IST

खरगोन। पूरे प्रदेश में इन दिनों बेरोजगार युवा सड़कों पर हैं, वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और भर्तियां निकालने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में साल 2018 में चयनित शिक्षा कर्मियों ने दुकान लगाकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसी ने भुट्टे, किसी ने केले, किसी ने सब्जी के तो किसी ने शू पोलिश के स्टाल लगा रखे थे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

बड़वाह से आकर शू पोलिश का स्टाल लगाने वाले भूतेश चन्द्र ने कहा कि वर्ष 2018 में सीएम शिवराज ने भर्ती निकाली थी, उसके बाद चुनाव आचार संहिता के कारण प्रक्रिया अटक गई. उसके बाद कमलनाथ सरकार ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए परीक्षा करवाई. मार्च 20 में कोरोना के कारण आवाजाही बन्द हो गई. जिससे सत्यापन कार्य रुक गया.

प्रदर्शन कारियों ने कहा कि हम सब बेरोजगार हैं, हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. हमें पढाने के अलावा दूसरा काम नहीं आता है. उन्होंने शिवराज सरकार से मांग की है कि अब जब बसें शुरू हो चुकी हैं तो जल्द ही हमारे दस्तावेजों का सत्यापन कर हमें काम पर रखा जाए. कोरोना के कारण हम बच्चों का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं.

खरगोन। पूरे प्रदेश में इन दिनों बेरोजगार युवा सड़कों पर हैं, वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और भर्तियां निकालने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में साल 2018 में चयनित शिक्षा कर्मियों ने दुकान लगाकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसी ने भुट्टे, किसी ने केले, किसी ने सब्जी के तो किसी ने शू पोलिश के स्टाल लगा रखे थे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

बड़वाह से आकर शू पोलिश का स्टाल लगाने वाले भूतेश चन्द्र ने कहा कि वर्ष 2018 में सीएम शिवराज ने भर्ती निकाली थी, उसके बाद चुनाव आचार संहिता के कारण प्रक्रिया अटक गई. उसके बाद कमलनाथ सरकार ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए परीक्षा करवाई. मार्च 20 में कोरोना के कारण आवाजाही बन्द हो गई. जिससे सत्यापन कार्य रुक गया.

प्रदर्शन कारियों ने कहा कि हम सब बेरोजगार हैं, हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. हमें पढाने के अलावा दूसरा काम नहीं आता है. उन्होंने शिवराज सरकार से मांग की है कि अब जब बसें शुरू हो चुकी हैं तो जल्द ही हमारे दस्तावेजों का सत्यापन कर हमें काम पर रखा जाए. कोरोना के कारण हम बच्चों का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं.

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