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खरगोन: पेयजल की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण, NVDA पर लगाया भेदभाव का आरोप

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण नन्दगांव बगुद और रजुर गांव में पिपरी तालाब से पानी नहीं दे रहा हैं. जिसके चलते किसान, ग्रामीण, और उनके मवेशी पीने का पानी नहीं मिलने से परेशान है. वहीं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.

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Published : Jun 1, 2019, 9:55 PM IST

पेयजल की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण

खरगोन। गर्मी के चलते प्रदेश सहित जिलेभर में जल संकट गहराने लगा है. लोगों को पीने के पानी तक नहीं मिल पा रहा हैं. पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर शनिवार को तीन गांवों के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर विरोध जताया, साथ ही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.

पेयजल की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण

दरअसल, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण नन्दगांव बगुद और रजुर गांव में पिपरी तालाब से पानी नहीं दे रहा हैं. जिसके चलते किसान, ग्रामीण, और उनके मवेशी पीने का पानी नहीं मिलने से परेशान है. ग्रामीण पानी के लिए अपने मवेशियों को दूर गांवों में ले जा रहे हैं. वहीं किसान पानी नहीं मिलने के चलते खेती नहीं कर पा रहा है.

ग्रामीण कमलेश पाटिदार ने बताया कि पिपरी तालाब में पर्याप्त मात्रा में पानी हैं. 4 से 5 गावों के तालाबों में पिपरी उद्वहन जलाशय से पानी भेजा जा रहा है. एनवीडीए के अधिकारियों से बार-बार निवेदन करने के बाद भी अधिकारियों द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर नन्दगांव बगुद और रजुर में भेदभाव किया जा रहा है. इसके साथ ही भेदभाव कर इन तीन गांवों के तालाबों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है.

वहीं अब तीन गांवों के ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों और मवेशियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है. इसके साथ ही तीन दिन के अंदर पेयजल समस्या का हल नहीं निकलने पर ग्रामीणों ने अपने परिजनों और मवेशियों के साथ कलेक्ट्रेट में धरना देने की चेतावनी दी है.

खरगोन। गर्मी के चलते प्रदेश सहित जिलेभर में जल संकट गहराने लगा है. लोगों को पीने के पानी तक नहीं मिल पा रहा हैं. पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर शनिवार को तीन गांवों के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर विरोध जताया, साथ ही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.

पेयजल की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण

दरअसल, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण नन्दगांव बगुद और रजुर गांव में पिपरी तालाब से पानी नहीं दे रहा हैं. जिसके चलते किसान, ग्रामीण, और उनके मवेशी पीने का पानी नहीं मिलने से परेशान है. ग्रामीण पानी के लिए अपने मवेशियों को दूर गांवों में ले जा रहे हैं. वहीं किसान पानी नहीं मिलने के चलते खेती नहीं कर पा रहा है.

ग्रामीण कमलेश पाटिदार ने बताया कि पिपरी तालाब में पर्याप्त मात्रा में पानी हैं. 4 से 5 गावों के तालाबों में पिपरी उद्वहन जलाशय से पानी भेजा जा रहा है. एनवीडीए के अधिकारियों से बार-बार निवेदन करने के बाद भी अधिकारियों द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर नन्दगांव बगुद और रजुर में भेदभाव किया जा रहा है. इसके साथ ही भेदभाव कर इन तीन गांवों के तालाबों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है.

वहीं अब तीन गांवों के ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों और मवेशियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है. इसके साथ ही तीन दिन के अंदर पेयजल समस्या का हल नहीं निकलने पर ग्रामीणों ने अपने परिजनों और मवेशियों के साथ कलेक्ट्रेट में धरना देने की चेतावनी दी है.

Intro:कांग्रेस ने यहां किया हार पर मंथन, प्रभारी मंत्री ने खुद बताया बैठक में क्या कुछ रहा खास

शहडोल- अभी हाल ही में लोकसभा चुनाव खत्म हुए हैं और शहडोल लोकसभा सीट में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है।

कांग्रेस प्रत्याशी को बीजेपी प्रत्याशी ने रिकॉर्ड मतों से हराया है, शहडोल जिले के तीनों ही विधानसभा सीट में कांग्रेस बहुत पीछे रही। जिसके बाद आज जिला कांग्रेस कमेटी ने अपने इस हार पर मंथन करने के लिए बैठक की, जिसमें कांग्रेस के कई कार्यकर्ता तो शामिल हुए ही, साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम भी शामिल हुए।


Body:कांग्रेस की इस जिलास्तरीय बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं ने बारी बारी से अपनी राय रखी, खुद जिलाध्यक्ष आज़ाद बहादुर ने भी अपनी बात सबके सामने रखी, और फिर आखिर में प्रभारी मंत्री ने बैठक को संबोधित किया।

लोकसभा चुनाव में हार पर मंथन के लिए हुई बैठक के बारे में जब प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम से पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि इस बैठक में कई कारण सामने आईं, पहला कारण रहा लोगों को वास्तविकता से गुमराह किया गया, जिसके चलते लोगों ने उनकी बातों को स्वीकार किया।

कहीं न कहीं हम लोगों को भी सच्चाई को सामने रख पाने में और मेहनत करनी थी जो नहीं कर पाए, हम लोगों को उस समय काफी कोशिश करनी थी लेकिन जनादेश है लोकतंत्र में जनता को फैसला करना था, जिसने कर दिया है, और वो सिरोधार है।


Conclusion:गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि शहडोल लोकसभा सीट में कांग्रेस की इतनी करारी हार होगी, बीजेपी की हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस की प्रमिला सिंह को रिकॉर्ड 4 लाख से ऊपर वोट से हराया जो दिखाता है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस का क्या हाल है ऐसे में अब लगातार इस आदिवासी क्षेत्र से कांग्रेस के घटते जनाधार ने पार्टी के लिए बड़ी टेंशन खड़ी कर दी है, ऐसे में पार्टी के लिए भी मंथन जरूरी है। अब देखना ये है कि इस मंथन के बाद कांग्रेस पार्टी में क्या बदलाव आते हैं।
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