खरोगन। बलवाड़ा थाने में पदस्थ एएसआई रजनी समाधिया कोरोना काल में भी अपना कर्तव्य निभा रही है. रजनी अपने 16 महीने के बेटे को मकान मालिक के पास छोड़कर अपना फर्ज निभा रही है. रजनी समाधिया पुलिस की ड्यूटी के साथ साथ मां का भी फर्ज निभा रही है. सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मीयो की है. जो अपनी ड्यूटी के साथ पारिवारिक दोनों ही जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है. कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी बलवाड़ा थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर रजनी समाधिया भी निभा रही है.
बच्चे को छोड़ती है मकान मालिकन के पास
एसआई रजनी पुलिसकर्मी होने के साथ 16 महीने के बेटे की मां है. लेकिन कोरोना काल में वह अपनी ड्यूटी के फर्ज को बड़ी शिद्दत से निभा रही है. रजनी सुबह 10 बजे से अपनी ड्यूटी के लिए निकल जाती है. लेकिन इसके पहले अपने बच्चे के लिए दूध, भोजन आदि की व्यवस्था कर मकान मालिकन के पास छोड़कर थाने निकल जाती है.
वीडियो कॉल से करती हैं बात
रजनी लॉकडाउन की ड्यूटी के साथ नियमित चेकिंग, विवेचना और अन्य विभागीय कार्यो को करती है. जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा बना रहता है. इसी कारण वह दिन में अपने बेटे से मिल भी नहीं पाती है. रजनी वीडियो कॉल के माध्यम से वह अपने बेटे से बात करती है और उसका हालचाल पूछती रहती है. कई बार ऐसी स्थिति भी बनती है. कई बार आकस्मिक ड्यूटी रात में भी करना पड़ती है. ऐसे कई-कई घंटे भी बच्चे से दूर रहना पड़ता है.
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बेटे को देखकर आ जाते हैं आंसू
रजनी समाधिया ने बताया की कई बार बच्चे को वीडियो कॉल में देखने के दौरान उनके आंखों से आंसू भी आ जाते हैं. लेकिन वह फिर से मजबूत होकर अपने कार्यो में जुट रहती है. रजनी समाधिया के पति दिलीप भी इसी थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ है. वो भी डे एंड नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं. अधिकांश समय दोनों ही थाने में रहते हैं. यही कारण है कि वे बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते हैं.
चाइल्ड लिव के लिए किया अप्लाई लेकिन नहीं मिली
रजनी समाधिया ने बताया कि वह पहले दमोह के एक थाने में चौकी प्रभारी थी. अगस्त 2019 में उनका स्थानान्तरण बलवाड़ा हो गया था. इस दौरान वह गर्भवती थी. 21 नवंबर को बेटे के जन्म के बाद वह लीव पर चली गई. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उनकी लीव रद्द हो गई. तब से ही वह ड्यूटी कर रही है. हाल ही में चाइल्ड लिव के लिए उन्होंने अप्लाई किया था. लेकिन वह भी रद्द हो गई.