खरगोन जिले के प्राइवेट स्कूल शिक्षक एसोसिएशन ने रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कोरोना काल मे आर्थिक परेशानियों से जूझने के कारण सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों ने शासकीय स्कूलों की शिक्षकों के बराबर वेतन भत्ते देने की मांग की है.
एसोसिएशन की शिक्षिका कविता गुप्ता ने कहा कि भारतीय शिक्षक एसोसिएशन की ओर से ज्ञापन दिया गया है. जिसमें प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि वह न तो बीपीएल में आते हैं, और उनकी सरकार की ओर से उपेक्षा की जाती रही है. उन्हें 10 माह का वेतन मिलता है.
कोरोना काल के दौरान ना तो वेतन मिला है और न ही सरकार की ओर से कोई मदद मिली है. ऐसे में उनके सामने भूखा मरने की नौबत खड़ी हो गई है, वहीं वह कोई दूसरा काम नहीं कर सकते हैं, ना ही ठेले पर सब्जी और कोई दूसरा सामान बेचना उनके स्कूल के बच्चे रहते हैं.
जिसकी शर्म के चलते वह यह काम भी नहीं कर सकते. जिसके बाद वह सिर्फ तनख्वाह पर निर्भर हैं लेकिन बीते चार माह से उन्हें तनख्वाह नही मिली है. वहीं उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आंदोलन करेंगे और गिरफ्तारी देने को भी तैयार हैं.
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोशिएशन के अध्यक्ष लोकेश सिंह ने कहा कि उनकी पहली मांग है कि उन्हें बकाया वेतन दिया जाए. साथ ही पीएफ पेंशन इंश्योरेंस हाउसिंग अलाउंस के साथ सारी सुविधाएं दी जाएं.