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CAA के विरोध में मुस्लिम महिलाओं का अनिश्चितकालीन धरना जारी

खरगोन में मुस्लिम महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शहर की पुराने सब्जी मंडी चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं. उनका कहना है ये कानून जब तक वापस नहीं लिया जाएगा, ये धरना जारी रहेगा.

muslim women protest against CAA in khargone
सीएए के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन
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Published : Jan 20, 2020, 1:42 AM IST

Updated : Jan 20, 2020, 7:44 AM IST

खरगोन। प्रदेश भर में CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को शहर में भारत रक्षा मंच ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली थी, तो वहीं मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महिलाओं ने हाथों में तिरंगा लेकर शहर की पुरानी सब्जी मंडी चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया. इन महिलाओं की मांग है कि जब तक केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक ये धरना-प्रदर्शन चलेगा.

सीएए के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन

मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि देश को हिंदू-मुस्लिम सभी ने मिलकर आजाद कराया था. ये देश को बांटने वाला कानून है. केंद्र सरकार एनआरसी के जरिए उनकी पीढ़ियों की जानकारी मांग रहे हैं, वे कहां से लाएंगे. वहीं एक अन्य महिला ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारा वोट लेकर वे प्रधानमंत्री बने, तब हम देश के नागरिक थे, लेकिन अब हमसे नागरिकता का सबूत मांगा जाएगा. ये सबूत हम कहां से लाएंगे.

वहीं आंदोलन के दूसरे दिन मुस्लिम महिलाओं को समर्थन देने पहुंची जागृत आदिवासी दलित संगठन की नेता माधुरी बेन ने कहा कि ये आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है. देश में जितने भी लोग हैं, जो संवैधानिक मूल्यों को को मनाने वाले हैं, जो देश से प्रेम करते हैं और लोकतंत्र को बरकरार रखना चाहते हैं वे सभी आंदोलन कर रहे हैं, उन्होंने इस आंदोलन को आजादी की नई लड़ाई बताया.

खरगोन। प्रदेश भर में CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को शहर में भारत रक्षा मंच ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली थी, तो वहीं मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महिलाओं ने हाथों में तिरंगा लेकर शहर की पुरानी सब्जी मंडी चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया. इन महिलाओं की मांग है कि जब तक केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक ये धरना-प्रदर्शन चलेगा.

सीएए के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन

मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि देश को हिंदू-मुस्लिम सभी ने मिलकर आजाद कराया था. ये देश को बांटने वाला कानून है. केंद्र सरकार एनआरसी के जरिए उनकी पीढ़ियों की जानकारी मांग रहे हैं, वे कहां से लाएंगे. वहीं एक अन्य महिला ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारा वोट लेकर वे प्रधानमंत्री बने, तब हम देश के नागरिक थे, लेकिन अब हमसे नागरिकता का सबूत मांगा जाएगा. ये सबूत हम कहां से लाएंगे.

वहीं आंदोलन के दूसरे दिन मुस्लिम महिलाओं को समर्थन देने पहुंची जागृत आदिवासी दलित संगठन की नेता माधुरी बेन ने कहा कि ये आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है. देश में जितने भी लोग हैं, जो संवैधानिक मूल्यों को को मनाने वाले हैं, जो देश से प्रेम करते हैं और लोकतंत्र को बरकरार रखना चाहते हैं वे सभी आंदोलन कर रहे हैं, उन्होंने इस आंदोलन को आजादी की नई लड़ाई बताया.

Intro:खरगोन
सीएए के विरोध में मुस्लिम पुरुषों के बाद अब महिलाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है ऐसा ही कुछ खरगोन की पुरानी सब्जी मंडी चौराहा पर महिलाओं ने सीए के विरोध में नारेबाजी की।


Body:खरगोन में 16 जनवरी को भारत रक्षा मंच द्वारा सीए के समर्थन में रैली निकालने के बाद जनवरी को मुस्लिम समुदाय द्वारा सीएए के विरोध में रैली निकाली गई। वही आज मुस्लिम महिलाओं द्वारा हाथों में तिरंगा लेकर खरगोन की पुरानी सब्जी मंडी चौराहे पर एकत्रित होकर धरना दिया जो अनिश्चितकालीन चलेगा। मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने बेबाकी से ईटीवी से बातचीत की जिसमें गन्ना बाई ने बताया कि इस देश को आजादी हिन्दू मुस्लिम लोगो ने मिल कर देश को आजाद कराया है। पीएम मोदी हमारी सैट पीढ़ियों की फाइल मांग रहे है।
बाइट गन्ना बाई
वही एक अन्य मुस्लिम महिला ने कहा कि हमारा कहना है कि एनआरसी बन्द करो। हमे हमारा हक मिलना चाहिए। एनआरसी को हटाना पड़ेगा।
बाइट- यास्मीन
एक अन्य महिला ने बताया कि इस कानून में बेईमानी ज्यादा नजर आती है अगर देना है तो सभी को समान रूप से नागरिकता दी जाए वरना नहीं दी जाए। वही 70 साल पुराने दस्तावेजों को लेकर कहा कि कितने पुराने हैं दस्तावेज हम कहां से लाएंगे जन्म प्रमाण पत्र तो 10 साल पहले से बनना शुरू हुए हैं इससे पहले तो कुछ भी नहीं होता था ना हम पढ़े लिखे हैं। जब हम से वोट लिया था तब हम इस देश के नागरिक थे और अब हम इस देश के नागरिक नहीं हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह आप खुद असंवैधानिक हो गए हैं और आप असावधानी खो गए हैं तो इस्तीफा दें । देश मैं बेरोजगारी सहित कई बड़ी समस्याएं हैं उससे देश का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के कानून बनाए जा रहे हैं।
बाइट- राबिया शेख
आंदोलन के दूसरे दिन मुस्लिम महिलाओं को अपना समर्थन देने पहुंची जागृत आदिवासी दलित संगठन की प्रमुख माधुरी बेन ने कहा कि चला कि यहां कई महिलाएं सीएए के विरोध में बैठी है। मैं उनका समर्थन करने आई हूं। यह आंदोलन पूरे देश का है किसी एक स्थान का नहीं देश में जितने भी लोग हैं जो संवैधानिक मूल्यों को को मनाने वाले हैं, जो देश से प्रेम करते हैं और देश के लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि है आजादी की नई लड़ाई है जो अब तक संवैधानिक अधिकार फाइलों में बंद कर रखे थे। उन्हें अब आजाद कर धरती पर स्थापित करने की मुहिम चल रही है।
बाइट माधुरी बेन जाग्रत आदिवासी संगठन


Conclusion:
Last Updated : Jan 20, 2020, 7:44 AM IST
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