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जिला प्रशासन ने कलेक्टर कार्यालय पर जड़ा ताला, बाढ़ प्रभावितों ने गेट पर बांधा बैनर - lock on collector office

खरगोन खारक बांध के डूब प्रभावितों के बीती रात कलेक्टर कार्यालय में घुसने के बाद जिला प्रशासन ने कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया. जिसके बाद डूब प्रभावित लोग गेट पर अपना बैनर बांधकर वहीं बैठ गए.

District administration locked the Collector office  in khargone
खारक बांध डूब प्रभावितों का धरना
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Published : Dec 18, 2019, 2:51 PM IST

खरगोन। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर से आए खारक बांध के डूब प्रभावितों को जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो वे बीती रात कलेक्टर कार्यालय में ताला तोड़कर घुस गए. इसके बाद जिला प्रशासन ने बुधवार सुबह से ही चैनल गेट पर ताला लगा दिया, जिसके बाद डूब प्रभावित लोग गेट पर अपना बैनर बांधकर वहीं धरने पर बैठ गए हैं.

खारक बांध डूब प्रभावितों का धरना

डूब प्रभावितों का कहना है कि सरकार मनमानी कर रही है और डूब प्रभावितों को मुआवजा नहीं दे रही है. वहीं कलेक्टर कार्यालय में ताला लगा दिया गया है, जबकि ये जनता का ऑफिस है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा ताला लगाया जाना जनता से नजरें चुराकर उन्हें धोखा देना है.

लोगों का कहना है कि पिछले चार सालों से वे परेशान हो रहे हैं. अगर जिला प्रशासन उनके सवालों का जवाब नहीं दे सकता है, तो अधिकारियों को ये ऑफिस खाली कर देना चाहिए. लोगों का ये भी कहना है कि मुआवजा नहीं दिए जाने तक वे यहीं पर रहेंगे.

खरगोन। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर से आए खारक बांध के डूब प्रभावितों को जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो वे बीती रात कलेक्टर कार्यालय में ताला तोड़कर घुस गए. इसके बाद जिला प्रशासन ने बुधवार सुबह से ही चैनल गेट पर ताला लगा दिया, जिसके बाद डूब प्रभावित लोग गेट पर अपना बैनर बांधकर वहीं धरने पर बैठ गए हैं.

खारक बांध डूब प्रभावितों का धरना

डूब प्रभावितों का कहना है कि सरकार मनमानी कर रही है और डूब प्रभावितों को मुआवजा नहीं दे रही है. वहीं कलेक्टर कार्यालय में ताला लगा दिया गया है, जबकि ये जनता का ऑफिस है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा ताला लगाया जाना जनता से नजरें चुराकर उन्हें धोखा देना है.

लोगों का कहना है कि पिछले चार सालों से वे परेशान हो रहे हैं. अगर जिला प्रशासन उनके सवालों का जवाब नहीं दे सकता है, तो अधिकारियों को ये ऑफिस खाली कर देना चाहिए. लोगों का ये भी कहना है कि मुआवजा नहीं दिए जाने तक वे यहीं पर रहेंगे.

Intro:खरगोन जिला मुख्यालय पर 40 किलोमीटर दूर से आए खारक बांध के डूब प्रभावितों को संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर बीती रात कलेक्टर चेंबर के समीप पहुंचकर तो गेट तोड़ने कि वारदात के बाद जिला प्रशासन ने आज सुबह से ही चैनल गेट पर ताला लगा दिया जिस पर डूब प्रभावितों अपना बैनर बांध दिए।


Body:खरगोन खारक बांध के डूब प्रभावितों की बीती रात कलेक्टर कार्यालय में घुसने के बाद जिला प्रशासन मुख्यगेट पर ताला लगा दिया। जिस पर डूब प्रभावितों ने बैनर बांध दिया। डूब प्रभावितों का कहना है कि कि सरकार मनमाने तरीके से डूब प्रभावितों का मुआवजा नहीं दे रही है। कलेक्टर कार्यालय को ताला लगा दिया है यह जनता का ऑफिस है जिला प्रशासन द्वारा ताला लगाया जाना और जनता से नजरें चुराकर जाना जनता के साथ धोखा है 4 वर्ष पूर्व से हम लोग परेशान हैं अगर जिला प्रशासन आदिवासियों के सवालों का जवाब नहीं दे पाता है तो जिला प्रशासन को खाली कर देना चाहिए।
गत वर्ष अभी 21 दिन मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन क्या था तब आश्वासन पर हम चले गए थे परंतु अब हम मुआवजा लिए बिना यहां से नहीं जाएंगे।
बाइट माधुरी बेन जाग्रत आदिवासी संगठन


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