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विधायक के आश्वासन पर जेल से रिहा हुए डूब प्रभावित, 10 दिनों में मुआवजा देने की मांग

खरगोन के खारक बांध के डूब प्रभावित 5 दिन बाद जेल से रिहा कर दिए गए हैं, जेल से छूटने के बाद मुआवजे की मांग को दोहराते हुए पीड़ितों ने कहा कि अगर 10 दिन में मांगे पूरी नहीं हुई तो वे फिर से आंदोलन करेंगे.

displaced  people of kharak dam released from jail on the assurance of the MLA in khargone
खारक बांध के डूब प्रभावित
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Published : Dec 24, 2019, 7:42 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 10:05 PM IST

खरगोन। भगवानपुरा में बने खारक बांध के डूब प्रभावित 5 दिन बाद विधायक केदार डावर के आश्वासन पर जेल से रिहा कर दिए गए हैं. जिसके बाद उन्होंने कहा कि विधायक के आश्वासन पर जेल से रिहा हुए हैं. अगर 10 दिन में मुआवजे के अलावा और भी मांगे नहीं पूरी की गई तो वे फिर से धरना देंगे.

विधायक के आश्वासन पर जेल से रिहा हुए डूब प्रभावित

डूब प्रभावित मुन्ना ने मण्डलेश्वर जेल के जेलर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेलर ने डूब प्रभावितों से मारपीट की है, सुखाराम ने बताया कि विधायक ने जेल में आकर कहा कि अभी मुख्यमंत्री बाहर हैं. 25 दिसंबर के बाद आ जाएंगे और किसी का भी मुआवजा खारिज नहीं होने दिया जाएगा.

जनवरी 2017 को 129 डूब प्रभावितों के लिए राज्य सरकार ने 6 करोड़ 40 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश पारित किया था, जबकि 97 पीड़ितों को मुआवजा देने पर फैसला बाकी था. इस दौरान सरकार ने उसे भंग कर दिया. 2018 में भी डूब प्रभावितों ने 21 दिनों तक आंदोलन किया था, लेकिन सरकार बदल गई और मुआवजा नहीं मिल सका. अब एक बार फिर मुआवजे की मांग तेज हो गई है.

खरगोन। भगवानपुरा में बने खारक बांध के डूब प्रभावित 5 दिन बाद विधायक केदार डावर के आश्वासन पर जेल से रिहा कर दिए गए हैं. जिसके बाद उन्होंने कहा कि विधायक के आश्वासन पर जेल से रिहा हुए हैं. अगर 10 दिन में मुआवजे के अलावा और भी मांगे नहीं पूरी की गई तो वे फिर से धरना देंगे.

विधायक के आश्वासन पर जेल से रिहा हुए डूब प्रभावित

डूब प्रभावित मुन्ना ने मण्डलेश्वर जेल के जेलर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेलर ने डूब प्रभावितों से मारपीट की है, सुखाराम ने बताया कि विधायक ने जेल में आकर कहा कि अभी मुख्यमंत्री बाहर हैं. 25 दिसंबर के बाद आ जाएंगे और किसी का भी मुआवजा खारिज नहीं होने दिया जाएगा.

जनवरी 2017 को 129 डूब प्रभावितों के लिए राज्य सरकार ने 6 करोड़ 40 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश पारित किया था, जबकि 97 पीड़ितों को मुआवजा देने पर फैसला बाकी था. इस दौरान सरकार ने उसे भंग कर दिया. 2018 में भी डूब प्रभावितों ने 21 दिनों तक आंदोलन किया था, लेकिन सरकार बदल गई और मुआवजा नहीं मिल सका. अब एक बार फिर मुआवजे की मांग तेज हो गई है.

Intro:खारक बांध के डूब प्रभावित 5 दिन बाद जेल से छूट कर आए। जेल से छूटने के बाद अपने मुआवजे की मांग को दोहराते हुए कहा कि विधायक के आश्वासन पर हम रिहा हुए है। दस दिन में मांग पूरी नही हुई तो पुनः आएंगे।


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खरगोन जिले के भगवानपुरा में बने खारक बांध के डूब प्रभावित 5 दिन बाद विधायक आश्वासन पर आज जेल से रिहा हो गए। रिहा होने के बाद ज्ञानीबाई कहा कि विधायक के केदार डावर के आश्वासन पर हम जेल से रिहा हुए है। 10 दिन में अगर हमारे मुआवजे का निराकरण नही हुई हुआ तो पुनः धरना देने आएंगे।
बाइट ज्ञानी बाई दुब प्रभावित
वही मण्डलेश्वर जेल के जेलर पर मुन्ना ने आरोप लगाते हुए कहा कि तीन लोगों के साथ मारपीट हुई है।
बाइट मुन्ना खरते डूब प्रभावित
एक डूब प्रभावित ने कहा कि की हम हमारे विधायक के आश्वासन पर जेल से छुपकर आए हैं। उन्होंने हमारे पास जेल में आकर कहा कि अभी मुख्यमंत्री जी बाहर है 25 तारीख बाद आ जाएंगे किसी का भी मुआवजा खारिज नहीं होने देंगे इस आश्वासन के बाद हम जैल से रिहा हुए हैं।
बाइट सुखाराम से सेमले डूब प्रभावित


Conclusion:
Last Updated : Dec 24, 2019, 10:05 PM IST
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