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खरगोन: कंपनी ने किसानों के नाम पर लिया लाखों का कर्ज - company took loan

जैविक खेती का लालच देकर कुछ कम्पनियों ने किसानों के नाम लाखों का कर्ज लिया. जिसकी वजह से किसान कर्जदार बन गए. 70 किसानों को बैंक का नोटिस मिला जिससे किसान परेशान हैं.

Company took loan in the name of farmers
कंपनी ने किसानों के नाम पर लिया लाखों का कर्ज
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Published : Mar 8, 2021, 11:14 PM IST

खरगोन। जैविक खेती का लालच देकर कुछ कम्पनियों ने किसानों के नाम लाखों का कर्ज लिया. जिसकी वजह से किसान कर्जदार बन गए हैं.

40 -40 लाख रुपए एक संस्था ने निकाल लिए.
किसानों को जैविक खेती का लालच देकर कुछ कम्पनियों ने इनके कागज ये कहकर लिए कि हम आप की जमीन पर पॉलीहाउस लगवाएंगे. आप सब्जी की खेती करना. सब्जी हम बाजार दाम से अधिक पर खरीदेंगे. जिससे आप को आमदनी होगी.

दस्तावेज देने के बाद किसानों को थी उम्मीद

बिचौलिया ने कम्पनी जरूरी दस्तावेज तो ले लिए. किसान को उम्मीद की वो नई तकनीक से खेती करेगा. किसानों को पोलीहाउस तो नहीं मिला, बल्कि एक साल बाद हाईकोर्ट और वकीलों से नोटिस मिलने लगे. किसी को 40 लाख का तो किसी किसान को 25 लाख रुपए का ऋण का नोटिस दिया गया. भगवानपुरा विकासखण्ड में ऐसे लगभग 70 किसानों को बैंक का नोटिस मिला तो किसानों में हड़कंप मच गया.

पढे़: किसान महापंचायत शुरू, राकेश टिकैत करेंगे सभा को संबोधित

बैंक और कम्पनी की मिली भगत से हुआ खेल
उक्त कम्पनी ने किसानों के नाम पर करोड़ों का खेल बैंको की मिलीभगत से किया. शासकीय योजनाओं के तहत किसानों की उन्नति के लिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराकर उन्हे 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. कम्पनी ने किसानों के नाम पर ऋण लिया और किसान कर्जदार बन गए.

खरगोन। जैविक खेती का लालच देकर कुछ कम्पनियों ने किसानों के नाम लाखों का कर्ज लिया. जिसकी वजह से किसान कर्जदार बन गए हैं.

40 -40 लाख रुपए एक संस्था ने निकाल लिए.
किसानों को जैविक खेती का लालच देकर कुछ कम्पनियों ने इनके कागज ये कहकर लिए कि हम आप की जमीन पर पॉलीहाउस लगवाएंगे. आप सब्जी की खेती करना. सब्जी हम बाजार दाम से अधिक पर खरीदेंगे. जिससे आप को आमदनी होगी.

दस्तावेज देने के बाद किसानों को थी उम्मीद

बिचौलिया ने कम्पनी जरूरी दस्तावेज तो ले लिए. किसान को उम्मीद की वो नई तकनीक से खेती करेगा. किसानों को पोलीहाउस तो नहीं मिला, बल्कि एक साल बाद हाईकोर्ट और वकीलों से नोटिस मिलने लगे. किसी को 40 लाख का तो किसी किसान को 25 लाख रुपए का ऋण का नोटिस दिया गया. भगवानपुरा विकासखण्ड में ऐसे लगभग 70 किसानों को बैंक का नोटिस मिला तो किसानों में हड़कंप मच गया.

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बैंक और कम्पनी की मिली भगत से हुआ खेल
उक्त कम्पनी ने किसानों के नाम पर करोड़ों का खेल बैंको की मिलीभगत से किया. शासकीय योजनाओं के तहत किसानों की उन्नति के लिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराकर उन्हे 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. कम्पनी ने किसानों के नाम पर ऋण लिया और किसान कर्जदार बन गए.

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