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जिंदगी पर भारी बूंद-बूंद पानी, निमाड़ के इस क्षेत्र में प्यास से व्याकुल है आवाम

गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल संकट गहराने लगा है, प्यास से व्याकुल इंसान पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है. जल संकट से निपटना है तो सिर्फ गर्मी ही नहींं बारिश और सर्दी में भी पानी के संचय का इंतजाम करना होगा, नहीं तो आने वाले समय में पानी के अभाव में सबसे बड़ी त्रासदी होगी और पानी के लिए ही लोग एक दूसरे के प्राण लेने में भी संकोच नहीं करेंगे.

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Published : Jun 20, 2019, 8:36 PM IST

पानी की किल्लत

खरगोन। भले ही सरकार ने जलापूर्ति के लिए जल शक्ति मंत्रालय बना दिया है, लेकिन जल संकट के चलते लोगों का दम निकल रहा है. प्यास से व्याकुल आवाम पानी के लिए इधर-उधर भटक रहा है. पर कहीं भी प्यास बुझने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. लोग पूरे दिन पानी की तलाश में भटक रहे हैं. फिर भी प्यास है कि बुझती ही नहीं.

पानी की किल्लत

खरगोन जिले ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत ऐसी है कि पशु-पक्षी, जानवर के अलावा इंसान भी पानी के अभाव में बेहाल है, ऊपर से चिलचिलाती गर्मी इंसानी जख्मों पर नमक छिड़क रही है. बरड़ू ग्राम पंचायत में 10 से 15 दिन में एक बार लोगों को पानी मयस्सर हो रहा है. ग्राम पंचायत सचिव राजू खान ने बताया कि पेयजल समस्या को लेकर फरवरी से अब तक कई बार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित जनप्रतिनिधियों को बता चुका है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

खरगोन जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर बसे बरड़ू ग्राम पंचायत के रहवासी पेयजल के लिए मीलों का सफर तय कर रहे हैं. जिसके चलते उनके रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं और महिलाएं-बच्चे नल में पानी आने की प्रतिक्षा करते रहते हैं. क्षेत्रीय विधायक केदार डाबर ने बताया कि इस पंचायत में पेयजल संकट 15 वर्षों से है, कांग्रेस सरकार आते ही 3 कूप खुदवाए गये हैं, जिससे लोगों को पानी मिल रहा है.

भीषण गर्मी के बीच जल संकट गहराने लगता है, बावजूद इसके प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता, जल संकट से निपटना है तो सिर्फ गर्मी ही नहीं बारिश और सर्दी में भी पानी के संचय का इंतजाम करना होगा, नहीं तो आने वाले समय में पानी के अभाव में सबसे बड़ी त्रासदी होगी और पानी के लिए ही लोग एक दूसरे के प्राण लेने में भी संकोच नहीं करेंगे.

खरगोन। भले ही सरकार ने जलापूर्ति के लिए जल शक्ति मंत्रालय बना दिया है, लेकिन जल संकट के चलते लोगों का दम निकल रहा है. प्यास से व्याकुल आवाम पानी के लिए इधर-उधर भटक रहा है. पर कहीं भी प्यास बुझने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. लोग पूरे दिन पानी की तलाश में भटक रहे हैं. फिर भी प्यास है कि बुझती ही नहीं.

पानी की किल्लत

खरगोन जिले ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत ऐसी है कि पशु-पक्षी, जानवर के अलावा इंसान भी पानी के अभाव में बेहाल है, ऊपर से चिलचिलाती गर्मी इंसानी जख्मों पर नमक छिड़क रही है. बरड़ू ग्राम पंचायत में 10 से 15 दिन में एक बार लोगों को पानी मयस्सर हो रहा है. ग्राम पंचायत सचिव राजू खान ने बताया कि पेयजल समस्या को लेकर फरवरी से अब तक कई बार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित जनप्रतिनिधियों को बता चुका है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

खरगोन जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर बसे बरड़ू ग्राम पंचायत के रहवासी पेयजल के लिए मीलों का सफर तय कर रहे हैं. जिसके चलते उनके रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं और महिलाएं-बच्चे नल में पानी आने की प्रतिक्षा करते रहते हैं. क्षेत्रीय विधायक केदार डाबर ने बताया कि इस पंचायत में पेयजल संकट 15 वर्षों से है, कांग्रेस सरकार आते ही 3 कूप खुदवाए गये हैं, जिससे लोगों को पानी मिल रहा है.

भीषण गर्मी के बीच जल संकट गहराने लगता है, बावजूद इसके प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता, जल संकट से निपटना है तो सिर्फ गर्मी ही नहीं बारिश और सर्दी में भी पानी के संचय का इंतजाम करना होगा, नहीं तो आने वाले समय में पानी के अभाव में सबसे बड़ी त्रासदी होगी और पानी के लिए ही लोग एक दूसरे के प्राण लेने में भी संकोच नहीं करेंगे.

Intro:सर अधिकारी 24 तक अवकाश पर है क्षेत्रीय विधायक की बाइट है। campen stori up date mp-kgn- jl snkt 7205350 campail story एंकर खरगोन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल को लेकर मारामारी मची हुई है। ऐसी ही एक पंचायत बरुड जहां कहीं 10 से 15 दिनों में तो कहीं 15 से 20 दिनों में पेयजल का वितरण हो रहा है। जिससे ग्रामीणों में विवाद की स्थिति बन रही है। इसको लेकर ग्राम पंचायत के सचिव बताया कि पेयजल समस्या को लेकर फरवरी से अब तक कई बार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जा चुका है। परंतु इसका कोई विभाग द्वारा हल नहीं किया गया है।


Body:खरगोन जिले से 18 किलोमीटर दूर बसी ग्राम पंचायत बरूड के रहवासी पेयजल के लिए 1 किलोमीटर की दूरी तयकर अपनी रोज मर्रा के कार्यो के लिए पानी की व्यवस्था कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि हम डेढ़ से दो किलो मीटर से पेयजल लाने को मजबूर है। वही नल आने की प्रतिक्षा कर रहे है । पानी के लिए दिन रात रत जगा कर रहे है। बाइट- निर्मला बाइट-किरण byte-कालूराम byte- अमन वही ग्राम पंचायत के सचिव राजू खान ने बताया कि यह पंचायत जिले की बड़ी पंचायतों की गिनती में आती है। यहां अधोसंरचना के तहत 1985 में पाइप लाइन डली थी। जो अब जर्जर हो गई है। जिसके लिए जनप्रतिनिधियों सहित सहायक यंत्री लोकस्वास्थ्य को फरवरी से लगातार पत्राचार कर रहे है । वहां पर कोई सुनवाई नही हो रही। बाइट- राजू खान सचिव ग्राम पंचायत बरुड़ वही पूरी पंचायत को लेकर क्षेत्रीय विधायक केदार डाबर ने बताया कि यह पंचायत बड़े कस्बे के रूप में है। यहां पेयजल संकट 15 वर्षो से है। हमारी सरकार आते ही 3 कूप खुदवाए है। साथ ही गांव की पाइप लाइन जगह जगह से टूट चुकी है। जिसका प्रस्ताव पीएचई के माध्यम से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। जल्द ही स्वीकृत करवा कर गांव में पेयजल पाइप लाइन नई डाली जाएगी। बाइट केदार डावर विधायक भगवानपुरा


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