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प्रधानमंत्री फसल योजना ने बनाया मजाक, गांव के हर किसान को 990 रुपए बीमा राशि

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Published : Nov 5, 2019, 10:55 AM IST

प्रधानमंत्री फसल योजना अंतर्गत किसानों को 990 रुपए की मुआवजा राशि दी गई, जिसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. इस साल हुई अतिवृष्टि के चलते किसान तबाह हो चुके हैं, ऐसे में उनके साथ यह मजाक जले पर नमक छिड़कने जैसा है.

गांव के हर किसान को 990 रुपए बीमा राशि

खरगोन। फसल बीमा योजना ने किसानों की परेशानी का मजाक बनाया है. जिले के सेजला गांव के हर किसान को 990 रुपए बीमा राशि दी गई. अतिवृष्टि से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी इस परेशानी में सहारा देने की बजाय जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. बता दें कि इस साल अधिक बारिश के चलते किसानों की फसलें खराब हो चुकी हैं.

गांव के हर किसान को 990 रुपए बीमा राशि

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रतिवर्ष बैंक और समितियों से ऋण लेने वाले किसानों से बीमा की प्रीमियम राशि काट ली जाती है, लेकिन जब किसान मुसीबत में आता है, तो कंपनी उनका मजाक उड़ाती है. ऐसा ही मामला जिले के भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के सेजला सहित आसपास के गांवों में देखने को मिला, जहां हर किसान को मात्र 990 रुपए की मुआवजा राशि दी गई.

बीमा कंपनी की मनमानी के चलते जिले के किसानों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है. किसानों का कहना है कि हमारी बेबसी का मजाक उड़ाया जा रहा है. इतने रुपए से घर चलाएं या फिर कर्ज चुकाएं. मामले में एसडीएम का कहना है कि किसानों को जो रसीद दी गई है, वह प्रीमियम की रसीद है. किसी अधिकारी द्वारा फसल बीमा की राशि कहकर यह रसीदें दी है तो जांच के बाद संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी.

इधर इस मामले में प्रशासन का कहना है कि किसानों के बीच भ्रम फैलाया गया है, ये मुआवजा राशि नहीं, बल्कि प्रीमियम की राशि है.

खरगोन। फसल बीमा योजना ने किसानों की परेशानी का मजाक बनाया है. जिले के सेजला गांव के हर किसान को 990 रुपए बीमा राशि दी गई. अतिवृष्टि से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी इस परेशानी में सहारा देने की बजाय जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. बता दें कि इस साल अधिक बारिश के चलते किसानों की फसलें खराब हो चुकी हैं.

गांव के हर किसान को 990 रुपए बीमा राशि

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रतिवर्ष बैंक और समितियों से ऋण लेने वाले किसानों से बीमा की प्रीमियम राशि काट ली जाती है, लेकिन जब किसान मुसीबत में आता है, तो कंपनी उनका मजाक उड़ाती है. ऐसा ही मामला जिले के भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के सेजला सहित आसपास के गांवों में देखने को मिला, जहां हर किसान को मात्र 990 रुपए की मुआवजा राशि दी गई.

बीमा कंपनी की मनमानी के चलते जिले के किसानों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है. किसानों का कहना है कि हमारी बेबसी का मजाक उड़ाया जा रहा है. इतने रुपए से घर चलाएं या फिर कर्ज चुकाएं. मामले में एसडीएम का कहना है कि किसानों को जो रसीद दी गई है, वह प्रीमियम की रसीद है. किसी अधिकारी द्वारा फसल बीमा की राशि कहकर यह रसीदें दी है तो जांच के बाद संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी.

इधर इस मामले में प्रशासन का कहना है कि किसानों के बीच भ्रम फैलाया गया है, ये मुआवजा राशि नहीं, बल्कि प्रीमियम की राशि है.

Intro:एंकर खरगोन जिले में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई है। जिसकी मुआवजा राशि प्रत्येक किसान को ₹990 कि रसीद समिति के सील सिस्को को सहित दी गई है। जिससे किसानों में रोष व्याप्त है। वही किसानों का कहना है कि हमारे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।


Body:खरगोन जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रतिवर्ष बैंक और समितियों से ऋण लेने वाले किसानों की बीमे की प्रीमियम राशि काट ली जाती है। परंतु जब बीमा योजना के तहत लोगों को मुआवजा राशि देने की बात आती है। तो बीमा कंपनियां मनमाने तरीके से मुआवजा देती है। ऐसा ही एक मामला खरगोन जिले के भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सेजला सहित आसपास के ग्रामों में देखने में आया। जहां प्रत्येक किसान को ₹990 की मुआवजा राशि की रसीद समिति के द्वारा दी गई है। जिससे किसानों में रोष है। सेजला के किसान ध्यानसिंह मण्डलोई ने कहा ₹990 की बीमा राशि में 8 दिन का राशन भी नहीं आता है। ऐसे में किसानों के साथ सरकार द्वारा मजाक किया जा रहा है। इस राशि में हम घर चलाएंगे या कर्जा चुकाएंगे । बाइट- ध्यानसिंह मण्डलोई किसान वही ग्राम के एक अन्य किसान विश्राम चौहान ने कहा कि मुझ पर बीस हजार रुपए का कर्ज है ₹990 के मुआवजा की राशि की रसीद दी है। किसान के पास मरने के अलावा कोई रास्ता नही है। बाइट विश्राम चौहान किसान सेजला वही एसडीएम अभिषेकसिंह गहलोद ने कहा कि मीडिया में आने के बाद बात करने पर सामने आया है कि ये रसीद प्रीमियम काटे जाने की है। किसानों द्वारा हंगामा करने की बात पर कहा कि सूचना देने वाले द्वारा कुछ कन्फ्यूजन पैदा हुआ है। जांच की जा रही है। बाइट अभिषेकसिंह गहलोद एसडीएम उठते कई सवाल कई सालों से किसानों के बीमा राशि काटी जाती रही है। परंतु आज तक किसानों को कभी प्रीमियम काटे जाने की रसीद नही दी गई। 2. जब प्रीमियम राशि काटी तब क्यो रसीद नही दी गई, अब क्यो ।


Conclusion:
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