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101 की उम्र में भी फातिमा रोजाना रख रहीं रोजा, अल्लाह से मांग रहीं कोरोना से निजात की दुआ

खरगोन जिले के बड़वाह की रहने वाली फातिमा 101 साल की उम्र में रोजे रख रही हैं. इस दौरान वो वैश्विक महामारी कोराना को खत्म करने के लिए अल्लाह से दुआ मांग रही हैं.

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101 की उम्र में भी फातिमा रख रही रोजा
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Published : May 12, 2020, 8:21 PM IST

खरगोन। पूरे निमाड़ क्षेत्र में इन दिनों जहां भीषण गर्मी में हर कोई पसीना बहा रहा है और कोरोना महामारी के कारण डर के साए में जी रहा है. वहीं बड़वाह शहर में स्थानीय निवासी हज्जानी फातिमा बेगम 101 साल की उम्र में भी इस भीषण गर्मी में पवित्र महीने रमजान के पूरे रोजे रख रही हैं.

101 की उम्र में भी फातिमा रख रही रोजा
हज्जानी फातिमा बेगम ने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला है तब (करीब 13 साल की उम्र) से ही वो लगातार रमजान महीने के रोजे रखती आ रही हैं. वहीं हज्जानी फातिमा बेगम अपनी उम्र के इस पड़ाव में भी अपनी दिनचर्या के सभी काम खुद ही करती हैं और तो और उम्र के इस पड़ाव में भी उन्हें सबकुछ साफ दिखाई देता है सुनाई देता है.

कोरोना बीमारी से निजात के लिये करती है रोजाना दुआ
वर्तमान में लॉकडाउन का ये पीरियड देखकर हज्जानी फातिमा बेगम ने बताया कि वो ये मंजर देखकर बहुत दुखी हैं. इससे पहले उन्होंने ऐसा दौर कभी नहीं देखा, जब पूरी दुनिया थम सी गई हो. बेगम अल्लाह से रोजाना पांचों वक्त की नमाज में दुआ करती हैं कि इस वबा (कोरोना महामारी) बीमारी से पूरी दुनिया के लोगों को राहत मिले और पहले की तरह जिंदगी बहाल हो जाए.

उनके बेटे न्याज मोहम्मद ने बताया की उनकी उम्र 74 हो चुकी है और वो बचपन से ही अपनी वालिदा को रमजान के रोजे रखते हुए देख रहे हैं और खुद भी पाबंदी से रोजे रखते आ रहे हैं. बेगम के पोते मुजफ्फर हुसैन अगवान ने बताया कि बेगम सुबह सेहरी में सिर्फ चाय पीती हैं और एक पान खाती है, जबकि इफ्तार के बाद रात खाना भी बहुत कम खाती हैं.

खरगोन। पूरे निमाड़ क्षेत्र में इन दिनों जहां भीषण गर्मी में हर कोई पसीना बहा रहा है और कोरोना महामारी के कारण डर के साए में जी रहा है. वहीं बड़वाह शहर में स्थानीय निवासी हज्जानी फातिमा बेगम 101 साल की उम्र में भी इस भीषण गर्मी में पवित्र महीने रमजान के पूरे रोजे रख रही हैं.

101 की उम्र में भी फातिमा रख रही रोजा
हज्जानी फातिमा बेगम ने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला है तब (करीब 13 साल की उम्र) से ही वो लगातार रमजान महीने के रोजे रखती आ रही हैं. वहीं हज्जानी फातिमा बेगम अपनी उम्र के इस पड़ाव में भी अपनी दिनचर्या के सभी काम खुद ही करती हैं और तो और उम्र के इस पड़ाव में भी उन्हें सबकुछ साफ दिखाई देता है सुनाई देता है.

कोरोना बीमारी से निजात के लिये करती है रोजाना दुआ
वर्तमान में लॉकडाउन का ये पीरियड देखकर हज्जानी फातिमा बेगम ने बताया कि वो ये मंजर देखकर बहुत दुखी हैं. इससे पहले उन्होंने ऐसा दौर कभी नहीं देखा, जब पूरी दुनिया थम सी गई हो. बेगम अल्लाह से रोजाना पांचों वक्त की नमाज में दुआ करती हैं कि इस वबा (कोरोना महामारी) बीमारी से पूरी दुनिया के लोगों को राहत मिले और पहले की तरह जिंदगी बहाल हो जाए.

उनके बेटे न्याज मोहम्मद ने बताया की उनकी उम्र 74 हो चुकी है और वो बचपन से ही अपनी वालिदा को रमजान के रोजे रखते हुए देख रहे हैं और खुद भी पाबंदी से रोजे रखते आ रहे हैं. बेगम के पोते मुजफ्फर हुसैन अगवान ने बताया कि बेगम सुबह सेहरी में सिर्फ चाय पीती हैं और एक पान खाती है, जबकि इफ्तार के बाद रात खाना भी बहुत कम खाती हैं.

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