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खंडवा: काम की तलाश में भटक रहे मजदूर, मनरेगा का काम करा रहे ठेकेदार

जिले के मजदूर काम की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन पंधाना जनपद पंचायत के तहत आने वाली ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के ग्राम फतेहपुर में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों के द्वारा मनरेगा में मजदूरों के स्थान पर ठेकेदार को कार्य देकर निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jun 17, 2020, 2:54 AM IST

Workers in search of wandering work, contractors doing MNREGA work
मजदूर भटक रहे काम की तलाश में, मनरेगा का काम करा रहे ठेकेदार

खंडवा। जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. ताजा मामला पंधाना जनपद पंचायत से सामने आया है. जहां की ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के ग्राम फतेहपुर में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों द्वारा मनरेगा में मजदूरों की जगह ठेकेदार को कार्य देकर निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, जबकि मजदूर काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. निर्माण कार्यों में निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा मजदूरों से काम न कराकर ठेकेदार से काम करा रही है. साथ ही मस्टर रोल भरकर मजदूरों नाम से राशि का आहरण किया जा रहा है.

Workers in search of wandering work, contractors doing MNREGA work
मजदूर भटक रहे काम की तलाश में, मनरेगा का काम करा रहे ठेकेदार

चेक डेम का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के अंतर्गत कराया जा रहा है. 8 लाख 21 हजार की लागत से हो रहे चेक डेम नाला विस्तारीकरणके निर्माण कार्य में गुणवत्ता की शिकायत को लेकर जनपद सीईओ पंधाना ने 29 मई 2020 को नोटिस जारी कर काम रुकवाया था, लेकिन जनपद सीईओ के इस आदेश को दरकिनार करते हुए पंचायत सचिव और सरपंच ने उसी निर्माण कार्य का काम ठेकेदार को देकर चालू करवा दिया है.

मनरेगा का काम करा रहे ठेकेदार

निर्माण कार्य में घटिया सामान का उपयोग

पोखर पंचायत ने किसी भी अधिकारी के आदेश को न मानने की कसम सी खा रखी है. यहां के सरपंच सचिव ठेकेदार प्रथा से निर्माण कार्य करते हैं और मौके पर जो मटेरियल लगता है उसमें भी गुणवत्ता शून्य के बराबर होती है. ये हम नहीं बल्कि मौके पर पहुचकर इंजीनियर द्वारा कार्य को रोकने और हो रहे निर्माण कार्य बयां कर रहे हैं. इस गुणवत्ताहीन सामग्री को देख इंजीनियर जाधव ने इस निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. साथ ही गांव के सरपंच और सचिव को घटिया सामग्री का उपयोग न करने की हिदायत दी थी. कुछ समय तक पंचायत ने काम बंद रखा, पर जैसे ही मौका मिला सरपंच और सचिव ने उसी घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए निर्माण कार्य ठेकेदार के जरिए शुरू कर उसे पूर्ण करा दिया है.

सीईओ के आदेश को किया दरकिनार

कार्य रोकने के आदेश सीईओ के द्वारा जारी करने के बाद भी निर्माण कार्य निरन्तर चल रहा है, जबकि सीईओ उदयराज सिंह ने गुणवत्ताविहीन मेटेरियल के चलते कार्य रोकने का आदेश 29 मई को जारी किया था, जिसमे उल्लेख था कि जब तक मटेरियल की टेस्टिंग रिपोर्ट नहीं आ जाती निर्माण कार्य चालू नहीं होगा. इंजीनियर के लेआउट को भी बदल दिया गया और ठेकेदार द्वारा अपनी मर्जी से लेआउट डालकर निर्माण कर दिया गया है.

खंडवा। जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. ताजा मामला पंधाना जनपद पंचायत से सामने आया है. जहां की ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के ग्राम फतेहपुर में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों द्वारा मनरेगा में मजदूरों की जगह ठेकेदार को कार्य देकर निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, जबकि मजदूर काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. निर्माण कार्यों में निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा मजदूरों से काम न कराकर ठेकेदार से काम करा रही है. साथ ही मस्टर रोल भरकर मजदूरों नाम से राशि का आहरण किया जा रहा है.

Workers in search of wandering work, contractors doing MNREGA work
मजदूर भटक रहे काम की तलाश में, मनरेगा का काम करा रहे ठेकेदार

चेक डेम का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के अंतर्गत कराया जा रहा है. 8 लाख 21 हजार की लागत से हो रहे चेक डेम नाला विस्तारीकरणके निर्माण कार्य में गुणवत्ता की शिकायत को लेकर जनपद सीईओ पंधाना ने 29 मई 2020 को नोटिस जारी कर काम रुकवाया था, लेकिन जनपद सीईओ के इस आदेश को दरकिनार करते हुए पंचायत सचिव और सरपंच ने उसी निर्माण कार्य का काम ठेकेदार को देकर चालू करवा दिया है.

मनरेगा का काम करा रहे ठेकेदार

निर्माण कार्य में घटिया सामान का उपयोग

पोखर पंचायत ने किसी भी अधिकारी के आदेश को न मानने की कसम सी खा रखी है. यहां के सरपंच सचिव ठेकेदार प्रथा से निर्माण कार्य करते हैं और मौके पर जो मटेरियल लगता है उसमें भी गुणवत्ता शून्य के बराबर होती है. ये हम नहीं बल्कि मौके पर पहुचकर इंजीनियर द्वारा कार्य को रोकने और हो रहे निर्माण कार्य बयां कर रहे हैं. इस गुणवत्ताहीन सामग्री को देख इंजीनियर जाधव ने इस निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. साथ ही गांव के सरपंच और सचिव को घटिया सामग्री का उपयोग न करने की हिदायत दी थी. कुछ समय तक पंचायत ने काम बंद रखा, पर जैसे ही मौका मिला सरपंच और सचिव ने उसी घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए निर्माण कार्य ठेकेदार के जरिए शुरू कर उसे पूर्ण करा दिया है.

सीईओ के आदेश को किया दरकिनार

कार्य रोकने के आदेश सीईओ के द्वारा जारी करने के बाद भी निर्माण कार्य निरन्तर चल रहा है, जबकि सीईओ उदयराज सिंह ने गुणवत्ताविहीन मेटेरियल के चलते कार्य रोकने का आदेश 29 मई को जारी किया था, जिसमे उल्लेख था कि जब तक मटेरियल की टेस्टिंग रिपोर्ट नहीं आ जाती निर्माण कार्य चालू नहीं होगा. इंजीनियर के लेआउट को भी बदल दिया गया और ठेकेदार द्वारा अपनी मर्जी से लेआउट डालकर निर्माण कर दिया गया है.

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