खंडवा। शहर की जयश्री चौहान ने अपने 60वें जन्मदिन पर मृत्यु पश्चात अपनी देह को दान करने की घोषणा की है. जयश्री चौहानने देहदान करने का निर्णय इसलिए लिया, ताकि उनके शरीर पर मेडिकल कॉलेज के छात्र प्रयोग कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें. उनका मानना है कि इससे वह मरने के बाद भी समाज के काम आ सकती हैं.
खंडवा की रहने वाली जयश्री चौहान ने अपने 60वें जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए एक देहदान समिति को अपनी देह दान कर दी है. ऐसा करने के पीछे उन्होंने कारण बताया कि जब उनकी और उनके पति राजेंद्र चौहान की तबीयत खराब थी, तब उन्हेंसर्जरी की जरूरत पड़ी थी, तभी उनके मन में विचार आया था कि ऐसे ही किसी के शरीर पर प्रयोग कर डॉक्टर ने किसी का जीवन बचाना सीखा होगा. इसलिए वे भी अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को दान कर देंगी.
अपने 60वें जन्मदिन पर मेडिकल कॉलेज से जुड़ी संस्था को देहदान का घोषणा पत्र भरकर उन्होंने दे दिया है. जयश्री आकाशवाणी खंडवा में कैजुअल अनाउंसर भी रही हैं. प्रोफेशन में रहते हुए उन्होंने पर्यावरण पर बहुत इंटरव्यू किए हैं, इसलिए उनका कहना है कि चिता में देह को जलाने में बहुत लकड़ी लगती है.अगर लोग देहदान करें, तो न सिर्फ पर्यावरण को बचाया जा सकता है, बल्कि किसी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टरी सीख रहे छात्रों को भी सहायता मिलेगी.