खंडवा। रबी का सीजन होने के चलते किसानों के द्वारा बिजली की अधिक खपत हो रही है. ऐसे में बिजली की अधिक मांग हो रही है. वहीं प्रदेश के बड़े ताप परियोजना में शामिल जिले का सिंगाजी ताप परियोजना की 2 इकाइयां पिछले 2 महीने से बंद पड़ी हैं. जिससे 3 करोड़ प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है. अनुमान के मुताबिक 2 महीने से बंद इन इकाइयों से लगभग 300 करोड़ का नुकसान हो चुका है. हालांकि यहां का प्रशासन 1 और 2 इकाई से भरपूर बिजली का उत्पादन कर रहा है. सिंगाजी ताप परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी आरपी पांडेय का कहना है कि रबी की फसल के चलते बिजली की मांग बढ़ने से सिंगाजी ताप परियोजना से प्रतिदिन 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक इकाई 3 और 4 की टरबाईन में खराबी आने के चलते सुधार के लिए उसे गुजरात भेजा गया है. जिसे ठीक होने में समय लग सकता है. वहीं दोनों इकाइयों के बंद होने के कारण 3 करोड़ के लगभग प्रतिदिन नुकसान हो रहा है अब तक करीब 300 करोड़ नुकसान हो चुका है. अगर बिजली उत्पादन होता तो सरकार के राजस्व में लगभग 300 करोड़ का फायदा होता.
सिंगाजी ताप परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी आर पी पांडेय ने बताया कि परियोजना में सात लाख मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक है. परियोजना के अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे मांग आती है उस प्रकार से इकाइयों को लोड मिलाकर बिजली उत्पादन किया जा रहा है.
वहीं आने वाले समय में और भी बिजली की डिमांड बढ़ने की संभावना है जिसको लेकर तैयारी चल रही हैं. पावर हब बन चुके पुनासा तहसील में 2520 मेगावाट उत्पादन देने वाली सिंगाजी ताप परियोजना प्रदेश के बिजली उत्पादन का प्रमुख स्त्रोत है.
रबी के सीजन में बढ़ी बिजली की मांग
प्रदेश के सबसे बड़े 2520 मेगावाट बिजली उत्पादन वाले सिंगाजी ताप परियोजना में वर्तमान में रबी की फसल के चलते प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ी है. इसके कारण फेज-1 की इकाई 1 और 2 जिसकी क्षमता लगभग 1200 मेगावाट प्रतिदिन बिजली उत्पादन की है.
इन दोनों इकाइयों को अपनी पूरी क्षमता से चलाकर बिजली उत्पादन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इस परियोजना की सुपरक्रिटिकल इकाई 3 और 4 जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट है. यह दोनों इकाई विगत 2 महीने से ज्यादा समय से टरबाइन में खराबी आने के कारण बंद हो चुकी हैं. यह कब तक शुरू हो पाएंगी. यह स्पष्ट नहीं हो पाया है.