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पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 10 किलोमीटर पैदल चलकर नष्ट की लाखों की अवैध शराब

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन लाख रुपए की अवैध शराब को नष्ट किया. आरोपी गुंजारी गांव के अंतर्गत घने जंगल में अवैध शराब बना रहे थे. पुलिस को 10 किलोमीटर पैदल जाकर कार्रवाई को अंजाम दिया है.

Millions of illegal liquor destroyed by walking 10 kilometers
10 किलोमीटर पैदल चलकर नष्ट की लाखों की अवैध शराब
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Published : May 29, 2021, 9:22 PM IST

खंडवा। अवैध शराब का कारोबार करने वालाें के लिए ओंकारेश्वर पंसदीदा क्षेत्र बन गया है. पानी के साथ ही आसानी से लकड़ी उपलब्धता से यहां अवैध रुप से शराब बनाने का कारोबार बड़ी तादात में किया जा रहा है. नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में बसे ग्राम गंजारी के अंतर्गत आने वाले जंगल में अवैध शराब के ठिकाने को नष्ट करने में पुलिस को सफलता प्राप्त की है. हालांकि इसके लिए थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों को करीब 10 किमी पैदल चलना पड़ा. तीन लाख रुपए से अधिक महुआ लहान नष्ट कर शराब की भट्टियों को तोड़ दिया.

10 किलोमीटर पैदल चलकर नष्ट की लाखों की अवैध शराब
  • 10 किलोमीटर पैदल चलकर की कार्रवाई

शनिवार को मुखबीर से सूचना मिली थी कि ओंकारेश्वर से करीब 10 किलोमीटर दूर गुंजारी गांव के अंतर्गत घने जंगल में अवैध शराब बनाई जा रही है. 10 से अधिक शराब भट्टियों पर महुआ उबाला जा रहा है. इस सूचना के बाद मांधाता थाना प्रभारी शिवराम जमरा ने स्टाफ और सशस्त्र जवानों को लेकर अवैध शराब का कारोबार करने वालों को पकड़ने के लिए निकल पड़े. जंगल में 10 किलोमीटर का रास्ता पैदल तय कर अवैध शराब बनाने वालों के ठिकाने पर पहुंचे. यहां नर्मदा नदी के किनारे बड़ी तादात में भट्टीयों से शराब निकाली जा रही थी. पुलिस को देख शराब बना रहे बदमाश भाग गए. वे जंगल घना हाेने से पुलिस के हाथ नहीं आए. थाना प्रभारी शिवराम जमरा ने बताया कि प्लास्टीक के ड्रम और केनों में महुआ लहान भरा हुआ था. जिसे नष्ट कर दिया गया. महुआ लहान की कीमत तीन लाख रुपए से अधिक है.

भिंड में अवैध शराब को लेकर छापेमारी, 47 पेटी शराब बरामद, 5 आरोपी अरेस्ट

  • बैक वॉटर मे बढ़ा अवैध शराब बनाने का कारोबार

नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में अवैध शराब का कारोबार फल फुल रहा है. अवैध शराब के कारोबारी बड़ी मात्रा में नकली शराब बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचा रहे हैं. पानी के साथ ही यहां अवैध कारोबारियों को लकड़ी भी आसानी से मिल जाती है. यह क्षेत्र रिजर्व वन क्षेत्र में आता है. भट्टियों में पेड़ों को जलाकर महुआ से शराब निकाली जा रही है. शराब बनाने के लिए कट रहे पेड़ों को लेकर वन विभाग भी लापरवाह बना हुआ है. यह भी कहा जा सकता है कि जानकर भी पेड़ों की कटाई को अनदेखा किया जा रहा है.

खंडवा। अवैध शराब का कारोबार करने वालाें के लिए ओंकारेश्वर पंसदीदा क्षेत्र बन गया है. पानी के साथ ही आसानी से लकड़ी उपलब्धता से यहां अवैध रुप से शराब बनाने का कारोबार बड़ी तादात में किया जा रहा है. नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में बसे ग्राम गंजारी के अंतर्गत आने वाले जंगल में अवैध शराब के ठिकाने को नष्ट करने में पुलिस को सफलता प्राप्त की है. हालांकि इसके लिए थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों को करीब 10 किमी पैदल चलना पड़ा. तीन लाख रुपए से अधिक महुआ लहान नष्ट कर शराब की भट्टियों को तोड़ दिया.

10 किलोमीटर पैदल चलकर नष्ट की लाखों की अवैध शराब
  • 10 किलोमीटर पैदल चलकर की कार्रवाई

शनिवार को मुखबीर से सूचना मिली थी कि ओंकारेश्वर से करीब 10 किलोमीटर दूर गुंजारी गांव के अंतर्गत घने जंगल में अवैध शराब बनाई जा रही है. 10 से अधिक शराब भट्टियों पर महुआ उबाला जा रहा है. इस सूचना के बाद मांधाता थाना प्रभारी शिवराम जमरा ने स्टाफ और सशस्त्र जवानों को लेकर अवैध शराब का कारोबार करने वालों को पकड़ने के लिए निकल पड़े. जंगल में 10 किलोमीटर का रास्ता पैदल तय कर अवैध शराब बनाने वालों के ठिकाने पर पहुंचे. यहां नर्मदा नदी के किनारे बड़ी तादात में भट्टीयों से शराब निकाली जा रही थी. पुलिस को देख शराब बना रहे बदमाश भाग गए. वे जंगल घना हाेने से पुलिस के हाथ नहीं आए. थाना प्रभारी शिवराम जमरा ने बताया कि प्लास्टीक के ड्रम और केनों में महुआ लहान भरा हुआ था. जिसे नष्ट कर दिया गया. महुआ लहान की कीमत तीन लाख रुपए से अधिक है.

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  • बैक वॉटर मे बढ़ा अवैध शराब बनाने का कारोबार

नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में अवैध शराब का कारोबार फल फुल रहा है. अवैध शराब के कारोबारी बड़ी मात्रा में नकली शराब बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचा रहे हैं. पानी के साथ ही यहां अवैध कारोबारियों को लकड़ी भी आसानी से मिल जाती है. यह क्षेत्र रिजर्व वन क्षेत्र में आता है. भट्टियों में पेड़ों को जलाकर महुआ से शराब निकाली जा रही है. शराब बनाने के लिए कट रहे पेड़ों को लेकर वन विभाग भी लापरवाह बना हुआ है. यह भी कहा जा सकता है कि जानकर भी पेड़ों की कटाई को अनदेखा किया जा रहा है.

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