खंडवा। महाशिवरात्रि पर्व पर आज ओंकारेश्वर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. तड़के संत समाज के भगवान शिव के दर्शन और अभिषेक करने के बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला प्रारंभ हो गया है. इस महापर्व पर एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का ओंकारेश्वर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है. महापर्व पर सुबह करीब चार बजे से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. (Omkareshwar Temple on Mahashivratri)
गर्भगृह में एक मिनट से ज्यादा श्रद्धालु नहीं रुक सकेंगे
महाशिवरात्रि पर ओंकोरश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर में आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं. नए झूला पुल से आने वाले श्रद्धालुओं को सुखदेव मुनि द्वार से गर्भगृह में प्रवेश करना पड़ रहा है. इसी तरह से पुराने पुल से आने वाले श्रद्धालुओं को मुख्य चांदी द्वार से अंदर भेजा जा रहा है. दर्शन उपरांत श्रद्धालुओं को इसी मार्ग से लौटाया जा रहा है. इसके लिए मंदिर परिसर में एकांगी व्यवस्था की गई है. एसडीएम सीएस सोलंकी ने बताया कि गर्भगृह में एक मिनट से ज्यादा श्रद्धालु नहीं रुक सकेंगे, इसके लिए आवश्यक कर्मचारियों और पंडितों को निर्देशित कर व्यवस्था बनाई गई है. मंदिर परिसर में आने के बाद लगभग एक घंटे में दर्शन कर श्रद्धालु बाहर हो जा रहे हैं. महापर्व पर भीड़ को देखते हुए सुबह छह बजे के बाद भगवान के मूलस्वरूप पर सीधे जल, पुष्प और बेलपत्र श्रद्धालु नहीं चढ़ा सकेंगे. इसके लिए गर्भगृह के बाहर ही एक पात्र रखकर एकत्र किया गया है.(Mahashivratri 2022)
मंदिर में मनाया जाएगा दीपोत्सव
महाशिवरात्रि पर भगवान ओंकारेश्वर का आंगन दीपों की रोशनी से जगमगाएगा. मंदिर परिसर में शाम को 11 हजार दीपक मंदिर ट्रस्ट की ओर से लगाए जाएंगे. महाशिवरात्रि पर मंदिर ट्रस्ट की ओर से भगवान का विशेष श्रृंगार और 151 किलो पेड़े का महाभोग लगाया जा रहा है. वैसे दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के पहुुंचने का सिलसिला तीन दिन पहले से ही शुरू हो गया है. रविवार और सोमवार को भी मंदिर परिसर में काफी भीड़ देखने को मिली. आज शिवरात्रि और दो मार्च यानी की बुधवार को अमावस्या होने से बुधवार तक तीर्थनगरी में भीड़ रहेगी. दो दिनों में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के यहां आने की संभावना है. मंदिरों के अलावा आश्रम, मठ और सामाजिक संगठनों द्वारा भी विभिन्न आयोजन और प्रसादी वितरण किया जाएगा. (Omkareshwar Temple on Mahashivratri 2022 devotees gathered)
बैंडबाजे के साथ पहुंचे साधु, संत और महंत
मां नर्मदा में आस्था की डूबकी लगाने के बाद ओंकारेश्वर मंदिर के साथ ममलेश्वर मंदिर में भी दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचे. संत मंडल के महामंडलेश्वर, महंत, साधू और पंडित तड़के पांच बजे नर्मदाजी में स्नान के बाद ढोल और बैंड-बाजों के साथ नगर में शोभायात्रा के रूप में मंदिर पहुंचकर भूतभावन भगवान शिव का दर्शन और पूजन किया. मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित आशीष दीक्षित ने बताया कि मंदिर परिसर और गर्भगृह का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया है. यह फूल रतलाम से आए हैं. दो साल बाद कोरोना प्रतिबंध हटने से महापर्व उत्साह से मनाया जा रहा है.
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भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जगह-जगह लगाई गई बैरिकेडिंग
मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व के लिए मंदिर के कर्मचारियों को परिसर में तैनात किया गया है. भीड़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है. मंगलवार सुबह चार बजे से लेकर बुधवार सुबह तक पट दर्शनार्थियों के लिए खुले रहेंगे. महाशिवरात्रि पर दीपों से मंदिर परिसर सजाया जाएगा. शाम में पुराना बस स्टैंड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजनों का आयोजन होगा. इस कड़ी में 28 फरवरी यानी की सोमवार को गणगौर नृत्य की प्रस्तुति कलाकारों ने दी. आज के सांस्कृति कार्यक्रमों में भगवान शंकर की महिमा पर आधारित नृत्य और भजन होंगे.