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आरोपी युवक को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, पत्नी के मायके जाने पर की थी पिता की हत्या - खंडवा बेटे ने पिता की हत्या की

खंडवा में कोर्ट ने पिता की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. युवक ने पत्नी के मायके जाने की बात पर नाराज होकर पिता की हत्या कर दी थी. वहीं कोर्ट ने यह कहते हुए आरोपी को सजा सुनाई कि आरोपी का कृत्य पारस्परिक संबंधो पर आधारित सामाजिक ताने-बाने पर विपरीत प्रभाव डालने वाला है. khandwa court news, khandwa court sentenced son life imprisonment, son kills father in khandwa

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आरोपी युवक को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
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Published : Sep 30, 2022, 9:33 PM IST

खंडवा। हिंदू धर्म में पितृऋण से भी मुक्ति के लिये अंतिम संस्कार एवं श्राद्ध किया जाता हैं और पिता को प्रथम गुरू माना जाता हैं, लेकिन एक बेटे ने अपने ही पिता की बेरहमी से हत्या कर दी. करीब एक साल पहले हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड में गुरुवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव एस कलगांवकर ने आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास की सजा दी. अब उसे उम्र भर जेल में रहना होगा. आरोपित ने बैलगाड़ी के खराले से वार कर पिता का सिर फोडने के साथ ही जबड़ा तोड़ दिया था. अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने की. khandwa court news, khandwa court sentenced son life imprisonment

पत्नी के मायके जाने से नाराज था पति: अभियोजन मीडिया प्रभारी मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि ग्राम सुलगांव निवासी कालू पुत्र सरवन (25) की पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई थी. पत्नी को वापस घर लाने के लिए कालू अपने पिता सरवन को बोल रहा था. उसे पिता ने कुछ दिन रुकने के लिए कहा था, लेकिन कालू चाह रहा था कि पिता उसकी पत्नी को जल्दी घर लेकर आए. 24 सितंबर 2021 को सुबह इसी बात को लेकर उसने अपने पिता सरवन से विवाद किया था. इसके बाद वह घर से चला गया. दोपहर में करीब एक बजे कालू हाथ में बैलगाड़ी का खिराला लेकर आया, पिता खटिया पर सो रहा था. कालू आते से ही पिता सरवन के कमरे में घुस गया और पिता के सिर पर खराले से वार किए. इस दौरान वह कहता रहा कि वो मेरी पत्नी को मायके से क्यों नहीं ला रहे.

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पिता को मारते हुए देख कालू का छोटा भाई राजा उसे रोकते हुए समझाने लगा, लेकिन कालू ने उसकी भी नहीं सुनी. इसके बाद कालू ने अपने पिता के सिर पर चार से पांच बार खराले से वार किए. इससे उनका सिर फुट गया था. साथ ही जबड़ा टूट गया था. लिहाजा सरवन की मौके पर ही मौत हो गई थी. हत्या के बाद कालू वहां से भाग गया. इस मामले में धनगांव थाने में राजा की शिकायत पर कालू पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

इस निर्णय में न्यायालय की टिप्पणी: न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि दोषी के खिलाफ गुरूत्तरकारी परिस्थिति प्रगट होती है कि उसने अपने वृद्ध पिता की हत्या की है. हिन्दू सनातन परंपरा के अनुसार पितृऋण से भी मुक्ति के लिये अंतिम संस्कार एवं श्राद्ध किया जाता है और पिता को प्रथम गुरू माना जाता है. दोषी का यह कृत्य पारस्परिक संबंधो पर आधारित सामाजिक ताने-बाने पर विपरीत प्रभाव डालने वाला है.(khandwa court news) (khandwa court sentenced son life imprisonment) (son kills father in khandwa)

खंडवा। हिंदू धर्म में पितृऋण से भी मुक्ति के लिये अंतिम संस्कार एवं श्राद्ध किया जाता हैं और पिता को प्रथम गुरू माना जाता हैं, लेकिन एक बेटे ने अपने ही पिता की बेरहमी से हत्या कर दी. करीब एक साल पहले हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड में गुरुवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव एस कलगांवकर ने आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास की सजा दी. अब उसे उम्र भर जेल में रहना होगा. आरोपित ने बैलगाड़ी के खराले से वार कर पिता का सिर फोडने के साथ ही जबड़ा तोड़ दिया था. अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने की. khandwa court news, khandwa court sentenced son life imprisonment

पत्नी के मायके जाने से नाराज था पति: अभियोजन मीडिया प्रभारी मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि ग्राम सुलगांव निवासी कालू पुत्र सरवन (25) की पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई थी. पत्नी को वापस घर लाने के लिए कालू अपने पिता सरवन को बोल रहा था. उसे पिता ने कुछ दिन रुकने के लिए कहा था, लेकिन कालू चाह रहा था कि पिता उसकी पत्नी को जल्दी घर लेकर आए. 24 सितंबर 2021 को सुबह इसी बात को लेकर उसने अपने पिता सरवन से विवाद किया था. इसके बाद वह घर से चला गया. दोपहर में करीब एक बजे कालू हाथ में बैलगाड़ी का खिराला लेकर आया, पिता खटिया पर सो रहा था. कालू आते से ही पिता सरवन के कमरे में घुस गया और पिता के सिर पर खराले से वार किए. इस दौरान वह कहता रहा कि वो मेरी पत्नी को मायके से क्यों नहीं ला रहे.

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Anuppur court imprisonment अदालत ने दुष्कर्मी को सुनायी अभूतपूर्व सजा, जाने क्यों सुनाई गई ऐसी सजा

पिता को मारते हुए देख कालू का छोटा भाई राजा उसे रोकते हुए समझाने लगा, लेकिन कालू ने उसकी भी नहीं सुनी. इसके बाद कालू ने अपने पिता के सिर पर चार से पांच बार खराले से वार किए. इससे उनका सिर फुट गया था. साथ ही जबड़ा टूट गया था. लिहाजा सरवन की मौके पर ही मौत हो गई थी. हत्या के बाद कालू वहां से भाग गया. इस मामले में धनगांव थाने में राजा की शिकायत पर कालू पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

इस निर्णय में न्यायालय की टिप्पणी: न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि दोषी के खिलाफ गुरूत्तरकारी परिस्थिति प्रगट होती है कि उसने अपने वृद्ध पिता की हत्या की है. हिन्दू सनातन परंपरा के अनुसार पितृऋण से भी मुक्ति के लिये अंतिम संस्कार एवं श्राद्ध किया जाता है और पिता को प्रथम गुरू माना जाता है. दोषी का यह कृत्य पारस्परिक संबंधो पर आधारित सामाजिक ताने-बाने पर विपरीत प्रभाव डालने वाला है.(khandwa court news) (khandwa court sentenced son life imprisonment) (son kills father in khandwa)

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