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लॉकडाउन इफेक्ट: फूलों की खेती हो रही तबाह, किसानों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - एमपी खंडवा में फूल की खेती

कोरोना महामारी के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा हैं. इस लॉकडाउन से जहां देश को लगातार नुकसान हो रहा है. उद्योगपति से लेकर व्यापारी और किसान तक पर इसकी मार पड़ी है. वहीं फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए इस बार की फसल पूरी तरह से घाटे का सौदा साबित हो रही है.

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लॉकडाउन इफेक्ट: फूलों की खेती हो रही तबाह
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Published : Apr 9, 2020, 7:49 PM IST

खंडवा। कोरोना महामारी के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा हैं. इस लॉकडाउन से जहां देश को लगातार नुकसान हो रहा है. उद्योगपति से लेकर व्यापारी और किसान तक पर इसकी मार पड़ी है. वहीं फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए इस बार की फसल पूरी तरह से घाटे का सौदा साबित हो रही है.

लॉकडाउन इफेक्ट: फूलों की खेती हो रही तबाह

जिले में सैकड़ों किसान फूलों की खेती कर रहे हैं. इस बार लॉकडाउन के चलते ग्रीष्मकालीन फूलों की खेती प्रभावित हो रही है. इस सीजन में किसान फूलों की विभिन्न किस्में जैसे नवरंग,बिजली,गेंदा, सेवंती के फूलों की खेती कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी फसल खेतों तक ही सीमित रह गई है, ना तो वो इसे मंडी ले जा पा रहे हैं और ना ही व्यापारी इसे खरीद रहे हैं. इसके चलते उन्हें लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है.

इधर किसानों की मानें तो आमतौर पर ये फूल 20 से 25 रूपए प्रति किलो में बिकता है. इन फूलों को बेचकर किसान प्रतिदिन 500 से 700 रूपये तक कमा लेते थे. अब ऐसे में जिन किसानों के पास जमीन कम हैं, और वो फूलों की खेती पर ही निर्भर रहते हैं, ऐसे किसानों के लिए ये बेहद मुश्किल भरा समय है.

इन पीड़ित किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि सब्जी उगाने वाले किसानों को तो किसी तरह उनकी फसल का लागत मूल्य मिल रहा हैं और उनकी सब्जियां बिक रही है, लेकिन फूलों की खेती करने वाले किसानों की फसल तो खेतों में ही चौपट हो रही है. लिहाजा फूलों की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि फूलों की खेती चौपट होने से सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि व्यापारी और छोटे व्यापारी जो मठ मंदिरों के पास फूल, माला की दुकान लगाते हैं वो भी प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में इन किसानों से प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

खंडवा। कोरोना महामारी के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा हैं. इस लॉकडाउन से जहां देश को लगातार नुकसान हो रहा है. उद्योगपति से लेकर व्यापारी और किसान तक पर इसकी मार पड़ी है. वहीं फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए इस बार की फसल पूरी तरह से घाटे का सौदा साबित हो रही है.

लॉकडाउन इफेक्ट: फूलों की खेती हो रही तबाह

जिले में सैकड़ों किसान फूलों की खेती कर रहे हैं. इस बार लॉकडाउन के चलते ग्रीष्मकालीन फूलों की खेती प्रभावित हो रही है. इस सीजन में किसान फूलों की विभिन्न किस्में जैसे नवरंग,बिजली,गेंदा, सेवंती के फूलों की खेती कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी फसल खेतों तक ही सीमित रह गई है, ना तो वो इसे मंडी ले जा पा रहे हैं और ना ही व्यापारी इसे खरीद रहे हैं. इसके चलते उन्हें लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है.

इधर किसानों की मानें तो आमतौर पर ये फूल 20 से 25 रूपए प्रति किलो में बिकता है. इन फूलों को बेचकर किसान प्रतिदिन 500 से 700 रूपये तक कमा लेते थे. अब ऐसे में जिन किसानों के पास जमीन कम हैं, और वो फूलों की खेती पर ही निर्भर रहते हैं, ऐसे किसानों के लिए ये बेहद मुश्किल भरा समय है.

इन पीड़ित किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि सब्जी उगाने वाले किसानों को तो किसी तरह उनकी फसल का लागत मूल्य मिल रहा हैं और उनकी सब्जियां बिक रही है, लेकिन फूलों की खेती करने वाले किसानों की फसल तो खेतों में ही चौपट हो रही है. लिहाजा फूलों की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि फूलों की खेती चौपट होने से सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि व्यापारी और छोटे व्यापारी जो मठ मंदिरों के पास फूल, माला की दुकान लगाते हैं वो भी प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में इन किसानों से प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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