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डूबते को 'कैलाश' का सहारा: 20 साल में 280 लोगों की बचाई जान, स्वतंत्रता दिवस पर होगा सम्मान - होमगार्ड सैनिक कैलाश बोरकर

नर्मदा घाट पर 20 सालों से लोगों की जान बचा रहे होमगार्ड सैनिक को राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. 75वें स्वतंत्रता दिवस के दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होमगार्ड सैनिक का सम्मान करेंगे.

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होमगार्ड सैनिक कैलाश बोरकर
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Published : Aug 14, 2021, 5:33 PM IST

खंडवा। ओंकारेश्वर नर्मदा घाट पर अपनी जान दांव पर लगाकर डूबतों को जिंदगी देने वाले होमगार्ड सैनिक कैलाश बोरकर का हौसला ढलती उम्र में भी कायम है. इस जाबाज सैनिक को 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पदक से नवाजा जाएगा. 55 साल की उम्र पार कर चुके होमगार्ड जवान ने अब तक 280 लोगों को नई जिंदगी दी है. 20 साल से कैलाश ओमकारेश्वर में पदस्थ है और डूबने वालों के लिए सहारा बने हुए है.

राष्ट्रपति पदक से होगा सम्मान

कैलाश बोरकर करीब 22 साल पहले होमगार्ड में भर्ती हुए थे. पदस्थापना के दो साल बाद कैलाश की ड्यूटी ओंकारेश्वर में लगाई गई. तब से लेकर अब तक वे डूबतों को जीवन दान देने में लगे हुए हैं. कैलाश की ड्यूटी अक्सर ओंकारेश्वर के नर्मदा घाटों पर रहती है. डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड महेश कुमार हनोतिया ने बताया कि कैलाश ने अब तक 280 लोगों की जान बचाई है. उनके इस साहसी कार्य को देखते हुए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा रहा है.

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भोपाल में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समाोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हे राष्ट्रपति पदक से सम्मानित करेंगे. इसको लेकर विभाग में हर्ष है. फिलहाल कैलाश भोपाल में हैं. पदक की रिहर्सल के लिए 8 अगस्त को ही उन्हे भोपाल भेज दिया गया था.

खंडवा। ओंकारेश्वर नर्मदा घाट पर अपनी जान दांव पर लगाकर डूबतों को जिंदगी देने वाले होमगार्ड सैनिक कैलाश बोरकर का हौसला ढलती उम्र में भी कायम है. इस जाबाज सैनिक को 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पदक से नवाजा जाएगा. 55 साल की उम्र पार कर चुके होमगार्ड जवान ने अब तक 280 लोगों को नई जिंदगी दी है. 20 साल से कैलाश ओमकारेश्वर में पदस्थ है और डूबने वालों के लिए सहारा बने हुए है.

राष्ट्रपति पदक से होगा सम्मान

कैलाश बोरकर करीब 22 साल पहले होमगार्ड में भर्ती हुए थे. पदस्थापना के दो साल बाद कैलाश की ड्यूटी ओंकारेश्वर में लगाई गई. तब से लेकर अब तक वे डूबतों को जीवन दान देने में लगे हुए हैं. कैलाश की ड्यूटी अक्सर ओंकारेश्वर के नर्मदा घाटों पर रहती है. डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड महेश कुमार हनोतिया ने बताया कि कैलाश ने अब तक 280 लोगों की जान बचाई है. उनके इस साहसी कार्य को देखते हुए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा रहा है.

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