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धान खरीदी नहीं होने से अन्नदाता परेशान, आत्महत्या की दी धमकी

धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसानों ने आत्महत्या की चेतावनी दी है. बनखेड़ी तहसील में 553 किसानों का 53 मीट्रिक टन धान सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. धान की बिक्री के लिए बनखेड़ी के किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. आलम ये है कि किसान प्रभारी मंत्री से लेकर तहसीलदार तक के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा.

gov no purchase farmers grain
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Published : Mar 10, 2019, 3:08 PM IST

होशंगाबाद| धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसानों ने आत्महत्या की चेतावनी दी है. बनखेड़ी तहसील में 553 किसानों का 53 मीट्रिक टन धान सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. धान की बिक्री के लिए बनखेड़ी के किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. आलम ये है कि किसान प्रभारी मंत्री से लेकर तहसीलदार तक के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा.

बनखेड़ी में धान की खरीदी 25 नवंबर से 15 जनवरी तक की जानी थी. इसके लिए 13 केंद्र बनाए गए थे. लेकिन इस दौरान सर्वर डाउन, बारदाना खत्म होना,परिवहन जैसी समस्याओं के कारण सोसायटी अपने लक्ष्य को लगभग आधा ही खरीद पाई थी. ई-गवर्नेंस का खरीदी पोर्टल बंद हो गया. जिसके बाद प्रशासन ने 15 जनवरी को से कूपन के माध्यम से धान खरीदने का आश्वासन दिया था और सभी सहकारी समितियों के प्रबंधक अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि धान को टोकन प्रकिया के अंतर्गत खरीदना शुरू कर दें. लेकिन 15 जनवरी से अभी एक पोर्टल चालू नहीं हुआ.

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पोर्टल चालू नहीं होने के बाद प्रशासन फसल को वापस करने की बात कर रहा है. लेकिन इस दौरान दो बार बारिश होने के कारण उस फसल की चमक कम हो गई है. किसान खुले बाजार में उस फसल को बेचने जाता है तो उससे उसकी उचित कीमत भी नहीं मिल रही है. और किसानों को फसल का भुगतान सरकार के पोर्टल पर फसल चढ़ने के बाद ही मिलेगा. बता दें अब किसान आत्महत्या करने तक की बात करने लगे हैं. कई किसान तो जहर लेकर सरकारी दफ्तरों तक पहुंच भी रहे हैं.

होशंगाबाद| धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसानों ने आत्महत्या की चेतावनी दी है. बनखेड़ी तहसील में 553 किसानों का 53 मीट्रिक टन धान सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. धान की बिक्री के लिए बनखेड़ी के किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. आलम ये है कि किसान प्रभारी मंत्री से लेकर तहसीलदार तक के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा.

बनखेड़ी में धान की खरीदी 25 नवंबर से 15 जनवरी तक की जानी थी. इसके लिए 13 केंद्र बनाए गए थे. लेकिन इस दौरान सर्वर डाउन, बारदाना खत्म होना,परिवहन जैसी समस्याओं के कारण सोसायटी अपने लक्ष्य को लगभग आधा ही खरीद पाई थी. ई-गवर्नेंस का खरीदी पोर्टल बंद हो गया. जिसके बाद प्रशासन ने 15 जनवरी को से कूपन के माध्यम से धान खरीदने का आश्वासन दिया था और सभी सहकारी समितियों के प्रबंधक अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि धान को टोकन प्रकिया के अंतर्गत खरीदना शुरू कर दें. लेकिन 15 जनवरी से अभी एक पोर्टल चालू नहीं हुआ.

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पोर्टल चालू नहीं होने के बाद प्रशासन फसल को वापस करने की बात कर रहा है. लेकिन इस दौरान दो बार बारिश होने के कारण उस फसल की चमक कम हो गई है. किसान खुले बाजार में उस फसल को बेचने जाता है तो उससे उसकी उचित कीमत भी नहीं मिल रही है. और किसानों को फसल का भुगतान सरकार के पोर्टल पर फसल चढ़ने के बाद ही मिलेगा. बता दें अब किसान आत्महत्या करने तक की बात करने लगे हैं. कई किसान तो जहर लेकर सरकारी दफ्तरों तक पहुंच भी रहे हैं.

Intro:होशंगाबाद होशंगाबाद के बनखेड़ी तहसील में 553 किसानों का 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी सरकार प्रशासन के लिए गले की हड्डी बनती जा बन गई है किसान धान बिक्री के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो रहा है लेकिन किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है किसान प्रभारी मंत्री से लेकर तहसीलदार तक हर चौखट को खटखट आ चुका है लेकिन अभी तक उसकी फसल नहीं खरीदी जा चुकी है किसान को प्रभारी मंत्री से लेकर कलेक्टर तक मौखिक आश्वासन मिल चुका है लेकिन कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति लिखित में देने के लिए राजी तैयार नहीं हो रहा है अप किसान उसको लेकर आत्महत्या करने तक की बात करने लगे हैं कई किसान तो जहर लेकर सरकारी दफ्तरों तक पहुंच भी रहे हैं।


Body:बनखेड़ी में धान की खरीदी 25 नवंबर से 15 जनवरी तक की जानी थी इसके लिए कुल 13 खरीदी केंद्र बनाए गए थे और एक केंद्र पर 21 पंजीयन की धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया था इस दौरान सर्वर डाउन, बारदाना खत्म होना,परिवहन जैसी समस्याओं के कारण सोसायटी अपने लक्ष्य को लगभग आधा ही कर खरीद पाई थी ई गवर्नेंस का खरीदी पोर्टल अंतिम दिनों में बंद हो गए थे जिसके बाद प्रशासन ने 15 जनवरी को ऑनलाइन कूपन बाट दिए थे और बाद में कूपन के माध्यम से धान खरीदने का आश्वासन दिया दिया गया था और सभी सहकारी समितियों के प्रबंधक अधिकारियों के निर्देश पर धान को टोकन प्रकिया के अंतर्गत खरीदना शुरू कर दिया लेकिन 15 जनवरी से अभी एक पोर्टल चालू नहीं हुआ जिसके कारण किसानों की धान पोर्टल पर नहीं चल पाई और किसानों को फसल का भुगतान भी पोर्टल में चढ़ने के बाद ही मिलेगा लेकिन अभी तक फसल पोर्टल पर नहीं चल पाई है और अब फसल को प्रशासन वापस करने की बात कर रहा है लेकिन इस दौरान दो बार बारिश होने के कारण उस फसल की भी चमक कम हो गई है किसान खुले बाजार में उस फसल को बेचने जाता है तो उससे उसकी उचित कीमत भी नहीं मिल पाएगी।

प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा के निर्देश के बाद भी नहीं खोला पोर्टल

प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा जय किसान ऋण योजना के प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में खुले मंच से बनखेड़ी में धान खरीदी करने के आदेश जिला प्रशासन को दिए थे लेकिन आदेश के बाद भी एक महीने के बाद भी अभी तक प्रशासन धान की ना तो खरीदी कर पाया है और ना ही पोर्टल पर शुरू करवा पाया है ।


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