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सबसे जहरीले सांप का वनविभाग ने किया रेस्क्यू, जंगल में छोड़ा

खंडवा में सांप की जहरीली प्रजाति रसेल वाइपर को देखा गया. ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उसे पकड़कर जंगल में छोड़ दिया है.

russell viper
रसेल वाइपर
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Published : Sep 15, 2020, 12:17 AM IST

खंडवा। जिले के आशापुर में एसबीआई के पास सांप की जहरीली प्रजाति रसेल वाइपर को देखा गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वन विभाग की टीम ने रसेल वाइपर का सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर उसे वन क्षेत्र में छोड़ा. ग्रामीण इसे साधारण सांप समझ रहे थे, लेकिन बाद में वन विभाग ने बताया कि ये सबसे जहरीली प्रजाति का सांप है.

खंडवा में जहरीली प्रजाति रसेल वाइपर का रेस्क्यू

सर्प विशेषज्ञों के मुताबिक रसेल वाइपर बहुत ज्यादा जहरीला सांप होता है. इसके काटने से खून की नलियां जगह-जगह पंक्चर हो जाती हैं. सबसे पहले इसका असर नाजुक अंगों, किडनी, हार्ट व फेफड़े की खून की नलियों पर पड़ता है. यह जहां काटता है वहां से अंग सड़ना शुरू हो जाता है.

सर्प विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश होते ही ये अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और अपने जीवन के अनुकूल वातावरण ढूंढने लगते हैं. खासकर इन्हें मकान की नालियों और पाइप के आसपास देखा जा सकता है.

russell viper
रसेल वाइपर

इसके अलावा अन्य स्थानों में इनकी मौजूदगी दहशत पैदा कर देती है. ये सर्प बेवजह नहीं काटते हैं. छेड़े जाने पर खतरनाक हो जाते हैं. रसेल वाइपर गोल्डन, ब्राउन पीठ पर काले गोल छल्ले वाला ये सर्प होमोटॉक्सिस पॉइजन वाला होता है. ये सांप दिन व रात दोनों समय सक्रिय होते है. स्थानीय भाषा में इसे पररावन के नाम से जानते हैं.

खंडवा। जिले के आशापुर में एसबीआई के पास सांप की जहरीली प्रजाति रसेल वाइपर को देखा गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वन विभाग की टीम ने रसेल वाइपर का सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर उसे वन क्षेत्र में छोड़ा. ग्रामीण इसे साधारण सांप समझ रहे थे, लेकिन बाद में वन विभाग ने बताया कि ये सबसे जहरीली प्रजाति का सांप है.

खंडवा में जहरीली प्रजाति रसेल वाइपर का रेस्क्यू

सर्प विशेषज्ञों के मुताबिक रसेल वाइपर बहुत ज्यादा जहरीला सांप होता है. इसके काटने से खून की नलियां जगह-जगह पंक्चर हो जाती हैं. सबसे पहले इसका असर नाजुक अंगों, किडनी, हार्ट व फेफड़े की खून की नलियों पर पड़ता है. यह जहां काटता है वहां से अंग सड़ना शुरू हो जाता है.

सर्प विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश होते ही ये अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और अपने जीवन के अनुकूल वातावरण ढूंढने लगते हैं. खासकर इन्हें मकान की नालियों और पाइप के आसपास देखा जा सकता है.

russell viper
रसेल वाइपर

इसके अलावा अन्य स्थानों में इनकी मौजूदगी दहशत पैदा कर देती है. ये सर्प बेवजह नहीं काटते हैं. छेड़े जाने पर खतरनाक हो जाते हैं. रसेल वाइपर गोल्डन, ब्राउन पीठ पर काले गोल छल्ले वाला ये सर्प होमोटॉक्सिस पॉइजन वाला होता है. ये सांप दिन व रात दोनों समय सक्रिय होते है. स्थानीय भाषा में इसे पररावन के नाम से जानते हैं.

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